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Sovereign Gold Bond: मैच्योरिटी से पहले भी लोग बेच रहे गोल्ड बॉन्ड, अब तक 1.55 टन निकाले गए

देश के पहले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशकों ने अभी तक मैच्योरिटी से पहले तकरीबन 6 फीसदी  यूनिट बेचे हैं।

Last Updated- November 30, 2023 | 11:16 AM IST
Sovereign gold bond

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने का विकल्प भी निवेशकों के पास होता है। जिसका इस्तेमाल निवेशकों ने कुछ सीरीज में ज्यादा किया है। हालांकि कुछ सीरीज में प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन बेहद कम है। देश के पहले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond 2015) में भी निवेशकों ने मैच्योरिटी से पहले तकरीबन 6 फीसदी  यूनिट बेचे हैं। इस बॉन्ड की मैच्योरिटी की तारीख भी नजदीक आ गई है। 30 नवंबर 2015 को जारी हुआ यह बॉन्ड इसी महीने की 30 तारीख को मैच्योर होगा। अब जानते हैं कि आखिर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अलग-अलग सीरीज के प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन को लेकर लोगों का रुख अभी तक कैसा रहा है।

कितने यूनिट/ग्राम बॉन्ड की हुई है खरीद

आरबीआई (RBI) से प्राप्त ताजा आंकड़ों के मुताबिक अभी तक कुल 122069001 यूनिट (1 यूनिट= 1 ग्राम)   यानी 122.07 टन सोने की वैल्यू के बराबर गोल्ड बॉन्ड की खरीद हुई है। सबसे ज्यादा खरीद मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जारी की गई दूसरी सीरीज के लिए दर्ज की गई। इस सीरीज के लिए बॉन्ड की कुल 11673960 यूनिट (11.67 टन) बिकी। कुल 7769290 यूनिट यानी 7.77 टन की बिक्री के साथ वित्त वर्ष 2023-24 की पहली सीरीज दूसरे नंबर पर है। जबकि तीसरी सबसे ज्यादा बिक्री वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 11 अगस्त 2020 को जारी की गई 5वीं सीरीज के लिए रही। इस सीरीज के दौरान कुल 6349781 यूनिट गोल्ड बॉन्ड की बिक्री की गई।

कितने ग्राम गोल्ड बॉन्ड का हुआ है प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन

आरबीआई के यही आंकड़े बताते हैं कि  20 नवंबर 2023 तक कुल 1552953 यूनिट यानी 1.55 टन सोने की वैल्यू के बराबर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन हुआ है। देश के पहले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशकों ने अभी तक कुल 6 फीसदी यानी  53934 यूनिट मैच्योरिटी से पहले बेचे हैं।  इससे पहले इस बॉन्ड के लिए कुल 913571 यूनिट की खरीद की गई थी। इस तरह से इस बॉन्ड के 859637 यूनिट अभी भी बचे हैं।

Sovereign Gold Bond : पहला गोल्ड बॉन्ड होने जा रहा मैच्योर, 128 फीसदी से ऊपर मिल सकता है रिटर्न

प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन के मामले में दूसरा यानी 2016 की पहली सीरीज अभी तक अव्वल है। मैच्योरिटी से पहले इस बॉन्ड के निवेशकों ने अभी तक 249806 यूनिट (0.25 टन) बेचे हैं। जबकि छठे और पांचवें बॉन्ड प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन के मामले में दूसरे और तीसरे नंबर पर है। छठे चरण के बॉन्ड में निवेशकों ने अभी तक 223073 यूनिट जबकि पांचवें चरण में  205298 यूनिट बेचे हैं।

Data of Outstanding Sovereign Gold Bonds (Tranche wise) as on November 20, 2023

S No Tranche Number of units redeemed (Premature redemption in grams) Units outstanding (in grams)
1 2015-I 53934 859637
2 2016-I 249806 2620167
3 2016-II 96296 1023445
4 2016-17 Series I 187883 2765142
5 2016-17 Series II 205298 2410502
6 2016-17 Series III 223073 3374982
7 2016-17 Series IV 157474 2063411
8 2017-18 Series I 134075 1893620
9 2017-18 Series II 147167 2202786
10 2017-18 Series III 9757 255058
11 2017-18 Series IV 14918 364027
12 2017-18 Series V 8525 165499
13 2017-18 Series VI 5826 147530
14 2017-18 Series VII 5364 169757
15 2017-18 Series VIII 6197 129469
16 2017-18 Series IX 3539 101973
17 2017-18 Series X 3232 104148
18 2017-18 Series XI 2913 78701
19 2017-18 Series XII 3846 107372
20 2017-18 Series XIII 4446 127512
21 2017-18 Series XIV 8096 319338
22 2018-19 Series I 17058 633279
23 2018-19 Series II 1793 310465
24 2018-19 Series III 2437 406961

कुल खरीद (number of units subscribed): 122069001 यूनिट

प्री-मैच्योर रिडेम्पशन (number of units redeemed) : 1552953 यूनिट

अभी भी उपलब्ध (units outstanding) : 120516048 यूनिट

Source: RBI

सीरीज जिनके लिए प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन अभी तक नहीं हुए शुरू

प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की इजाजत अभी तक सिर्फ 24वें नंबर तक के गोल्ड बॉन्ड  के लिए मिली है। नवंबर 2018 के बाद जारी किए गए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले फिलहाल आप रिडीम नहीं कर सकते क्योंकि ये बॉन्ड अभी 5 साल पुराने नहीं हुए हैं।

कब कर सकते हैं प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को उसके इश्यू होने के 5 साल बाद ही आप मैच्योरिटी से पहले रिडीम कर सकते हैं। लेकिन आरबीआई प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख उस दिन तय करती है जिस दिन इस बॉन्ड पर इंटरेस्ट देय होता है।  हाल ही में वित्त वर्ष 2017-18 की आठवीं सीरीज के लिए निवेशकों को आरबीआई ने 20 नवंबर को 6,076 रुपये के प्राइस पर मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने का मौका दिया।

Also Read: गोल्ड में निवेश का कौन सा ऑप्शन टैक्स बचाने के लिए बेहतर

प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस तय होती है कैसे

मैच्योरिटी से पहले रिडेम्प्शन प्राइस प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख से ठीक पहले के तीन कार्य दिवस के लिए आईबीजेए (IBJA) की तरफ से प्राप्त गोल्ड 999 के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होता है।

टैक्स को लेकर क्या हैं नियम

अगर आपने मैच्योरिटी पीरियड से पहले रिडीम किया तो टैक्स फिजिकल गोल्ड की तरह ही लगेगा। मतलब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के बाद 36 महीने से पहले बेच देते हैं तो होने वाली कमाई यानी कैपिटल गेन को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाएगा। जो आपके ग्रॉस टोटल इनकम में जोड़ दिया जाएगा और आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। लेकिन अगर आप 36 महीने बाद बेचते हैं तो कैपिटल गेन पर इंडेक्सेशन के फायदे के साथ 20 फीसदी (4 फीसदी सेस मिलाकर 20.8 फीसदी) लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स देना होगा।

लेकिन यदि आप सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड को उसकी मैच्योरिटी यानी 8 साल तक होल्ड करते हैं तो रिडेम्प्शन के समय आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा।

 

First Published - November 24, 2023 | 1:19 PM IST

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