देश के सबसे बड़े निजी बैंकों में से एक, HDFC बैंक ने हाल ही में अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में बदलाव किया है। बैंक ने 5 साल की अवधि के लिए FD पर ब्याज दर को 7.00% से घटाकर 6.75% कर दिया है। यह फैसला भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के बाद लिया गया है, जिसके बाद रेपो रेट अब 6% पर है। इस बदलाव का असर उन लाखों निवेशकों पर पड़ेगा, जो अपने पैसे को सुरक्षित और निश्चित रिटर्न के लिए FD में निवेश करते हैं। आइए, समझते हैं कि अगर कोई व्यक्ति 5 लाख रुपये की FD 5 साल के लिए करता है, तो उसे पुरानी और नई ब्याज दरों के हिसाब से कितना रिटर्न मिलेगा।
भारतीय रिजर्व बैंक ने फरवरी और अप्रैल 2025 में रेपो रेट में 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की, जिसके बाद यह 6.50% से घटकर 6% हो गया। रेपो रेट वह दर है, जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। जब रेपो रेट कम होता है, तो बैंकों को कर्ज सस्ता मिलता है, और वे अपने ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर लोन और FD की पेशकश करते हैं। HDFC बैंक ने इस नीतिगत बदलाव के बाद न केवल FD की दरें घटाईं, बल्कि बचत खातों की ब्याज दरों में भी 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की। यह कदम बैंक की फंडिंग लागत को कम करने और बाजार की नई परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने के लिए उठाया गया है।
लेकिन सवाल यह है कि इस बदलाव का आम निवेशक पर क्या असर पड़ेगा? खासकर उन लोगों पर, जो अपनी मेहनत की कमाई को FD जैसे सुरक्षित निवेश में लगाते हैं। इसे समझने के लिए हम पुरानी दर (7.00%) और नई दर (6.75%) के हिसाब से गणना करेंगे और देखेंगे कि कितना फायदा या नुकसान होगा।
मान लीजिए, कुछ महीने पहले HDFC बैंक में 5 लाख रुपए 5 साल के लिए FD करवाते तो आपको 7.00% का ब्याज मिलता।
मूल राशि = 5,00,000 रुपये
ब्याज दर = 7.00%
समय = 5 वर्ष
HDFC कैलकुलेटर के हिसाब से 5 साल बाद कुल 707389.10 रुपये मिलते जिसमें से 207389.10 रुपये ब्याज के तहत मिलते।
अप्रैल 2025 में बैंक ने FD दरों को बढ़ाने का फैसला लिया है। अगर अब उतनी ही राशि उतने ही समय के लिए जमा करते तो कितना पैसा मिलेगा?
मूल राशि = 5,00,000 रुपये
ब्याज दर = 6.75%
समय = 5 वर्ष
HDFC कैलकुलेटर के हिसाब से 5 साल बाद अब कुल 698749.34 रुपये मिलेंगे, जिसमें से 198749.34 रुपये ब्याज के तहत मिलेंगे।
अगर पुराने दर और नए दर से मिलने वाले रिटर्न की तुलना करें तो अब निवेशकों को कुल 8639.76 रुपये का नुकसान होगा।
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HDFC बैंक का यह फैसला RBI की नीतियों का हिस्सा है, जो अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए ब्याज दरों को कम कर रही है। कम रेपो रेट का मतलब है कि बैंक सस्ते कर्ज दे सकते हैं, जिससे व्यवसाय और उपभोक्ता अधिक खर्च कर सकें। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि FD जैसे निवेशों पर रिटर्न कम हो रहा है।
हालांकि, FD अभी भी सबसे सुरक्षित निवेशों में से एक है, खासकर उन लोगों के लिए जो जोखिम नहीं लेना चाहते। एक्सपर्ट का कहना है कि निवेशकों को अपनी जरूरतों और लक्ष्यों के आधार पर निवेश चुनना चाहिए। अगर रमेश को 5 साल बाद एक निश्चित राशि की जरूरत है, तो FD अभी भी उनके लिए सही हो सकती है, भले ही ब्याज दर थोड़ी कम हो गई हो।