facebookmetapixel
नवंबर में भारत से आईफोन का निर्यात 2 अरब डॉलर तक पहुंचा, बना नया रिकार्डएवेरा कैब्स ने 4,000 ब्लू स्मार्ट इलेक्ट्रिक कारें अपने बेड़े में शामिल करने की बनाई योजनाGST बढ़ने के बावजूद भारत में 350 CC से अधिक की प्रीमियम मोटरसाइकल की बढ़ी बिक्रीJPMorgan 30,000 कर्मचारियों के लिए भारत में बनाएगा एशिया का सबसे बड़ा ग्लोबल कैपेसिटी सेंटरIPL Auction 2026: कैमरन ग्रीन बने सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी, KKR ने 25.20 करोड़ रुपये में खरीदानिजी खदानों से कोयला बिक्री पर 50% सीमा हटाने का प्रस्ताव, पुराने स्टॉक को मिलेगा खुला बाजारदूरदराज के हर क्षेत्र को सैटकॉम से जोड़ने का लक्ष्य, वंचित इलाकों तक पहुंचेगी सुविधा: सिंधियारिकॉर्ड निचले स्तर पर रुपया: डॉलर के मुकाबले 91 के पार फिसली भारतीय मुद्रा, निवेशक सतर्कअमेरिका से दूरी का असर: भारत से चीन को होने वाले निर्यात में जबरदस्त तेजी, नवंबर में 90% की हुई बढ़ोतरीICICI Prudential AMC IPO: 39 गुना मिला सब्सक्रिप्शन, निवेशकों ने दिखाया जबरदस्त भरोसा

Gratuity Calculator: ₹60,000 बेसिक सैलरी पर 10 साल की नौकरी में कितनी मिलेगी ग्रेच्युटी? कैलकुलेशन से समझें

Gratuity Calculator: ग्रेच्युटी पाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 5 साल तक लगातार उस कंपनी में काम करना जरूरी होता है। यह नियम ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के तहत लागू होता है।

Last Updated- February 13, 2025 | 2:00 PM IST
Gratuity Calculator
Representative image

Gratuity Calculator: अगर आप किसी कंपनी में कई सालों तक काम करते हैं, तो कंपनी आपको ग्रेच्युटी दे सकती है। लेकिन ग्रेच्युटी सभी को नहीं मिलती, इसके लिए सरकार ने कुछ नियम बनाए हैं। अगर आप इन शर्तों को पूरा करते हैं, तभी आपको इसका फायदा मिलेगा। आइए जानते हैं ग्रेच्युटी के नियम, इसकी कैलकुलेशन और इससे जुड़ी जरूरी बातें।

क्या है ग्रेच्युटी?

अगर आप किसी कंपनी में लंबे समय तक काम करते हैं, तो आपको सैलरी, पेंशन और पीएफ (PF) के अलावा ग्रेच्युटी भी मिलती है। यह कंपनी की ओर से दिया जाने वाला एक तरह का रिवार्ड होता है, जो तय नियमों के तहत कर्मचारी को मिलता है। अगर कोई कर्मचारी नौकरी की जरूरी शर्तें पूरी करता है, तो ग्रेच्युटी की रकम उसे एक निश्चित फॉर्मूले के आधार पर दी जाती है। ग्रेच्युटी पाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 5 साल तक लगातार उस कंपनी में काम करना जरूरी होता है। यह नियम ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के तहत लागू होता है।

ग्रेच्युटी के लिए एलिजिबिलिटी?

ग्रेच्युटी की राशि का एक छोटा हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से कट सकता है, जबकि बड़ा हिस्सा कंपनी देती है। मौजूदा नियमों के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी कम से कम 5 साल तक किसी कंपनी में काम करता है, तो वह ग्रेच्युटी पाने का हकदार बन जाता है। यानी, 5 साल पूरे होने के बाद अगर आप नौकरी छोड़ते हैं, तो आपको ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाएगा।

यह भी पढ़ें: RBI ने घटाई ब्याज दरें, आपको EMI कम करनी चाहिए या लोन की अवधि? एक्सपर्ट्स से समझिए

पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 क्या कहता है?

पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत, उन कंपनियों में ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाता है जहां कम से कम 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं। अगर कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है, रिटायर होता है या किसी कारण से नौकरी छोड़ता है और ग्रेच्युटी के नियमों को पूरा करता है, तो उसे इसका फायदा मिलता है।

अगर कोई कंपनी इस एक्ट के तहत नहीं आती, तब भी वह अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देने का फैसला कर सकती है। यानी, यह कंपनी की मर्जी पर निर्भर करता है कि वह कर्मचारियों को यह लाभ देना चाहती है या नहीं।

कैसे होती है ग्रेच्युटी की कैलकुलेशन?

ग्रेच्युटी की गणना एक तय फॉर्मूले के अनुसार की जाती है:
ग्रेच्युटी = (अंतिम सैलरी) × (15/26) × (कंपनी में कितने साल काम किया)

उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी ने 10 साल तक एक ही कंपनी में काम किया और उसकी अंतिम सैलरी (बेसिक + डीए मिलाकर) 60,000 रुपये है, तो उसकी ग्रेच्युटी ऐसे निकलेगी: (60,000) × (15/26) × (10) = ₹3,46,154

इस कैलकुलेशन में हर महीने 26 दिन ही माने जाते हैं, क्योंकि अनुमानित रूप से 4 दिन छुट्टी होती है। साथ ही, एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी की गणना की जाती है।

यह भी पढ़ें: New Income Tax Bill: संसद में आज पेश होगा नया इनकम टैक्स बिल, ये 10 बड़े बदलाव टैक्सपेयर्स पर डालेंगे सीधा असर

ये जानना भी है जरूरी

अगर आप कहीं नौकरी कर रहे हैं, तो ग्रेच्युटी की गणना के नियम को समझना जरूरी है। नियम के मुताबिक, अगर किसी कर्मचारी ने किसी कंपनी में 6 महीने से ज्यादा काम किया है, तो उसकी सेवा अवधि पूरा साल मानी जाएगी।

उदाहरण के लिए:

अगर किसी ने 7 साल 8 महीने काम किया है, तो उसे 8 साल गिना जाएगा।
लेकिन अगर किसी ने 7 साल 3 महीने ही काम किया है, तो उसे 7 साल ही माना जाएगा।
इसी आधार पर ग्रेच्युटी की रकम तय की जाती है।

First Published - February 13, 2025 | 2:00 PM IST

संबंधित पोस्ट