भारत में सोने से लगाव काफी पुराना है। देश की आस्था और संस्कृति में सोना रचा-बसा है। लगभग हर घर में सोने की खरीदारी का चलन है। कई ऐसे अवसर आते हैं जब सोने की खरीदारी को शुभ माना जाता है, इन्हीं में से एक है अक्षय तृतीया। इस साल, 30 अप्रैल को देशभर में अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। पिछले तीन दशकों में भारत और सोने का यह रिश्ता और भी मजबूत हुआ है। फंड हाउस जीरोधा की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में भारत में सोने की मांग 800 टन से ज्यादा रही। वहीं, 1992 में यह 340 टन थी। देश के बदलते आर्थिक हालात, लोगों की बढ़ती आय और सांस्कृतिक मान्यताओं ने भारत को दुनिया का सबसे बड़ा सोने का उपभोक्तआ बना दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में भारत दुनियाभर में सोने के आभूषणों का सबसे बड़ा उपभोक्ता बनकर उभरा है, जहां सालाना खपत 563 टन से भी ज्यादा रही और इसकी कुल मांग की कीमत ₹3.6 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गई। भारत में सोने के गहने न केवल सजने-संवरने के साधन हैं, बल्कि परंपरा और समृद्धि के भी प्रतीक है। विवाह से लेकर त्योहारों तक, हर समारोह में सोने के आभूषणों का विशेष महत्व है।
भारत में सोना सिर्फ आभूषण (सजने-संवरने) के लिए नहीं, बल्कि एक मजबूत निवेश विकल्प के रूप में भी देखा जाता है। शहरों से लेकर गांवों तक, लोग सोने को अपनी दौलत बढ़ाने का एक भरोसेमंद तरीका मानते हैं। यही वजह है कि भारत में सोने के सिक्कों और बिस्किट्स की मांग तेजी से बढ़ी है। 2024 में इस तरह के निवेश में भारत ने लगभग 239 टन सोना खरीदा, जो दुनिया में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा आंकड़ा है।
अगर भारतीय रुपये में बात करें, तो 2024 में सोने के सिक्कों और बिस्किट्स की मांग ₹1.5 लाख करोड़ के आसपास रही। यह 2023 के मुकाबले 60% ज्यादा है, जो दिखाता है कि भारत में सोने में निवेश करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत में गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) और इससे जुड़े अन्य फंड्स की ओर लोगों का झुकाव तेजी से बढ़ा है। गोल्ड ईटीएफ होल्डिंग्स का मतलब— भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टेड और ट्रेड होने वाले विभिन्न गोल्ड ईटीएफ द्वारा रखे गए कुल सोने का भंडार से है।
पिछले पांच वर्षों में गोल्ड ईटीएफ होल्डिंग्स 21 टन से बढ़कर 63 टन से ज्यादा हो गई है। यह दिखाता है कि भारत में लोग पारंपरिक तरीकों जैसे आभूषण या फिजिकल गोल्ड खरीदने के अलावा अब निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ जैसे डिजिटल माध्यमों को भी तेजी से अपना रहे हैं।
मार्च 2020 से मार्च 2025 के बीच भारत में गोल्ड ईटीएफ फोलियो की संख्या में 13 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी देखी गई है। जीरोधा फंड हाउस के सीईओ विशाल जैन ने कहा, “भारत में गोल्ड ईटीएफ का बढ़ना यह दिखाता है कि निवेश का माहौल बदल रहा है, जहां निवेशक अब म्युचुअल फंड के रास्ते से सोने में निवेश की सुविधा और सरलता को तेजी से अपना रहे हैं।”
बदलते समय के साथ भले ही खरीदारी के तरीके और प्राथमिकताएं बदली हों, लेकिन सोने के प्रति भारतीयों का प्रेम अब भी उतना ही अटूट बना हुआ है।