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EPFO ने बंद की GIS, सरकारी कर्मचारियों की बढ़ेगी इन-हैंड सैलरी

1 सितंबर 2013 के बाद EPFO में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए GIS के तहत कटौती बंद कर दी जाएगी।

Last Updated- June 28, 2024 | 7:28 PM IST
Government Employees

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 1 सितंबर 2013 के बाद सरकारी सेवा में शामिल हुए कर्मचारियों के लिए ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम (GIS) के अंतर्गत कटौती बंद कर दी है।

क्या है GIS?

GIS का मतलब है केंद्रीय सरकार कर्मचारी समूह बीमा योजना (CGEGIS)। यह योजना जनवरी 1982 में लागू हुई थी। यह सरकारी कर्मचारियों को दो तरह के फायदे देती है:

  • बीमा कवरेज: इस योजना के तहत कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर उनके परिवार को आर्थिक मदद मिलती है।
  • रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि: जब कोई सरकारी कर्मचारी रिटायर होता है, तो उसे इस योजना के तहत एकमुश्त राशि का भुगतान किया जाता है।

EPFO के आदेश में क्या कहा गया है?

21 जून 2024 के EPFO के आदेश में दो बातें बताई गई हैं:

  • 1 सितंबर 2013 के बाद EPFO में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए GIS के तहत कटौती बंद कर दी जाएगी। इसका मतलब है कि इन कर्मचारियों के वेतन से अब GIS के लिए पैसा नहीं काटा जाएगा।
  • अब तक कर्मचारियों के वेतन से जो पैसा GIS के लिए काटा गया है, वो उन्हें वापस कर दिया जाएगा।

EPFO ने 21 जून 2024 को इस आदेश को जारी किया था। इस आदेश के अनुसार:

जिन कर्मचारियों ने 1 सितंबर 2013 के बाद EPFO ज्वाइन किया है, उनके वेतन से GIS के लिए कटौती बंद कर दी जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि GIS बंद होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी में बढ़ोत्तरी हो सकती है।

दिल्ली हाईकोर्ट के वकील महीप सिंह का कहना है कि इस बदलाव का असर ये होगा कि कर्मचारियों को अब दो फायदे मिलेंगे:

  • एक तो उनके वेतन में से अब GIS के लिए कटौती नहीं होगी, जिससे उनकी सीधी तौर पर मिलने वाली तनख्वाह बढ़ जाएगी।
  • दूसरी बात ये है कि अब तक जितना पैसा GIS के लिए काटा गया था, वो उन्हें एकमुश्त राशि के रूप में वापस कर दिया जाएगा।

GIS कटौती का असल में दोहरा फायदा होता था: बचत और बीमा। हर महीने GIS के लिए जितना पैसा काटा जाता था, वो रकम तो कम होती थी, लेकिन रिटायरमेंट पर मिलने वाली रकम काफी ज्यादा होती थी। इसलिए, भले ही अब कटौती बंद हो जाने से इन-हैंड सैलरी बढ़ जाए, हो सकता है आपको उतना बड़ा फर्क न महसूस हो।

First Published - June 28, 2024 | 7:22 PM IST

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