ईपीएफ (EPF) में जमा धनराशि की आप जरूरत पड़ने पर आंशिक निकासी भी कर सकते हैं। यह आंशिक निकासी (PF Advance)) टैक्स-फ्री होती है। बशर्ते आपने ईपीएफ में कम से कम 5 साल तक कंट्रीब्यूट किया हो। यदि आप 5 साल से पहले आंशिक निकासी करते हैं तो आपको निकासी योग्य राशि पर टीडीएस (TDS) चुकाना होगा।
इसी आंशिक निकासी को लेकर ईपीएफओ ने नियमों (Paragraph 68J) में बदलाव किए हैं। ईपीएफ सदस्य अब खुद या अपने परिवार के किसी सदस्य के इलाज के लिए अपने ईपीएफ अकाउंट से अधिकतम एक लाख रुपये तक की निकासी कर सकते हैं, जबकि इससे पहले इसकी अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये थी।
नए नियमों के अनुसार ईपीएफ सदस्य अब अपने या अपने परिवार के किसी सदस्य के इलाज के लिए अपनी छह महीने की सैलरी (बेसिक+डीए) की निकासी कर सकते हैं। लेकिन इसकी अधिकतम सीमा 1 लाख रुपये होगी। ईपीएफओ की तरफ से 16 जनवरी 2024 को जारी सर्कुलर के मुताबिक सिस्टम में यह बदलाव 10 अप्रैल 2024 से ही लागू हो गए हैं।आंशिक निकासी की इस सुविधा के लिए कंट्रीब्यूशन की अवधि को लेकर कोई बाध्यता नहीं है। इसे एक से अधिक बार यानी जरूरत पडने पर कई बार भी लिया जा सकता है।
अब जानते हैं कि और किन-किन जरूरतों के लिए आप कितनी आंशिक निकासी कर सकते हैं और उसके क्या नियम हैं :
शादी (Paragraph 68K)
अगर आपने कम से कम 7 साल तक पीएफ में कंट्रीब्यूट किया है तो आप अपनी शादी, अपने बेटे, बेटी, भाई या बहन की शादी के लिए अपने यानी इम्प्लॉई के कंट्रीब्यूशन (प्लस ब्याज) का अधिकतम 50 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं। इस सुविधा का इस्तेमाल सेवाकाल के दौरान अधिकतम तीन बार किया जा सकता है।
शिक्षा (Paragraph 68K)
अगर आपने कम से कम 7 साल तक पीएफ में कांट्रीब्यूट किया है तो आप अपने बच्चों की दसवीं के बाद की पढ़ाई के लिए अपने यानी इम्प्लॉई के कांट्रीब्यूशन (प्लस ब्याज) का अधिकतम 50 फीसदी हिस्सा निकाल सकते हैं। इस सुविधा का इस्तेमाल भी सेवाकाल के दौरान अधिकतम तीन बार किया जा सकता है।
घर/फ्लैट/प्लाट की खरीदी/ गृह निर्माण (Paragraph 68B)
अगर आपने कम से कम 3 साल तक पीएफ में कंट्रीब्यूट किया है तो आप घर/फ्लैट/प्लाट की खरीदी या घर के निर्माण के लिए अपने पीएफ फंड (इम्प्लॉई का कंट्रीब्यूशन + एंप्लॉयर का कंट्रीब्यूशन + दोनों कंट्रीब्यूशन पर ब्याज) का अधिकतम 90 फीसदी तक निकाल सकते हैं।
इस सुविधा के लिए घर/फ्लैट या प्लाट इम्प्लॉई के नाम पर या उसकी पत्नी या दोनों के नाम पर होना चाहिए। एक और जरूरी शर्त यह है कि ईपीएफ मेंबर का पीएफ बैलेंस (अगर उसकी पत्नी भी पीएफ में कंट्रीब्यूट करती है तो दोनों को मिलाकर) उस समय कम से कम 20 हजार रुपए रहना जरूरी है। इस सुविधा का इस्तेमाल सेवाकाल के दौरान सिर्फ एक ही बार किया जा सकता है।
घर/फ्लैट का रेनोवेशन
अगर आपने कम से कम 5 साल तक पीएफ में कंट्रीब्यूट किया है तो आप घर की मरम्मत के लिए अपनी मंथली सैलरी (बेसिक+डीए) का 12 गुना तक निकाल सकते हैं। इस सुविधा का इस्तेमाल सेवाकाल के दौरान अधिकतम दो बार किया जा सकता है। पहली बार इस सुविधा को लेने के 10 साल बाद ही इस सुविधा को दूसरी बार लिया जा सकता है। इस सुविधा के लिए भी प्रॉपर्टी इम्प्लॉई के नाम पर या उसकी पत्नी या दोनों के नाम पर होनी चाहिए।
होम लोन का रिपेमेंट (खास स्थितियों में) (Paragraph 68BB)
अगर आपने कम से कम 10 साल तक पीएफ में कंट्रीब्यूट किया है तो आप होम लोन के रिपेमेंट (प्रिंसिपल अमाउंट और ब्याज दोनों ) के लिए अधिकतम अपनी 36 महीने की सैलरी (बेसिक+ डीए) की निकासी कर सकते हैं। इस सुविधा का इस्तेमाल सेवाकाल के दौरान सिर्फ एक ही बार किया जा सकता है। इस सुविधा के लिए भी प्रॉपर्टी इम्प्लॉई के नाम पर या उसकी पत्नी या दोनों के नाम पर होनी चाहिए।
रिटायरमेंट से एक साल पहले
ईपीएफ मेंबर अपने रिटायरमेंट से ठीक एक साल पहले कुल पीएफ बैलेंस का अधिकतम 90 फीसदी तक निकाल सकते हैं। लेकिन उस समय उनकी उम्र 54 साल से कम नहीं होनी चाहिए।
पूरी निकासी के नियम
अपने पीएफ फंड की पूरी निकासी एक तो रिटायरमेंट के बाद की जा सकती है। दूसरे नए नियमों के मुताबिक ईपीएफ का कोई सदस्य नौकरी खोने के एक महीने बाद पीएफ बैलेंस (इम्प्लॉई का कंट्रीब्यूशन + एंप्लॉयर का कंट्रीब्यूशन + दोनों कंट्रीब्यूशन पर ब्याज) का अधिकतम 75 फीसदी हिस्सा निकाल सकता है। इसके बाद अगले दो महीने भी बेरोजगार रहने की सूरत में वह बाकी 25 फीसदी हिस्से को भी निकाल सकता है। इन दोनों स्थितियों में पूरी निकासी टैक्स-फ्री होती है।