प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
त्योहार और शादी के मौसम की शुरुआत से पहले ही आसमान छूती सोने की कीमतें भारतीय उपभोक्ताओं की जेब पर असर डाल रही हैं। 23 सितंबर 2025 को एमसीएक्स (MCX) पर सोना ₹1,14,179 प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँचा।
भूराजनीतिक अनिश्चितताओं, टैरिफ से जुड़ी चिंताओं और वैश्विक केंद्रीय बैंकों की खरीदारी ने सोने की कीमतों को ऊपर धकेला है। परंपरा और निवेश — दोनों के बीच संतुलन बनाते हुए इस बार दिवाली और धनतेरस पर निवेशकों को रणनीतिक रूप से सोना कैसे खरीदना चाहिए?
आज निवेशकों के पास सोने में निवेश के कई विकल्प हैं:
विश्लेषकों का मानना है कि इस बार त्योहारों पर निवेशकों को गोल्ड ETF को गिरावट पर खरीदना चाहिए और भौतिक सोना कम मात्रा में लेना चाहिए, क्योंकि सोना निकट अवधि में मज़बूत रहने की संभावना है।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक एवं इक्विटी रिसर्च प्रमुख जी चोक्कालिंगम का कहना है कि ETF निवेश बेहतर सुरक्षा और कम प्रतिस्पर्धा देता है।
JM फाइनेंशियल सर्विसेज के EBG कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च वाइस प्रेसिडेंट प्रणव मेर कहते हैं: “त्योहारों पर लोग सोना खरीदकर घर में लक्ष्मी का स्वागत करते हैं। लेकिन मौजूदा स्तर पर हम सलाह देंगे कि थोड़ी मात्रा में भौतिक सोना खरीदें और बाकी निवेश ETF जैसे डेरिवेटिव्स या कीमती धातुओं में चरणबद्ध तरीके से करें।”
उन्होंने कहा, “हम इस समय भौतिक या भारी मात्रा में खरीद की सलाह नहीं देते, क्योंकि निकट भविष्य में दामों में सुधार आ सकता है।”
कैलेंडर वर्ष 2025 में अब तक सोने की कीमतों में 51 फीसदी की तेज वृद्धि दर्ज हुई है।
मिराए एसेट शेयरखान के करेंसीज और कमोडिटीज हेड प्रवीण सिंह के अनुसार, सोना आने वाले महीनों में $3800 (₹1,14,600) के रेजिस्टेंस का परीक्षण कर सकता है और लंबी अवधि का लक्ष्य $4000 (₹1,20,000) है। सपोर्ट स्तर $3700 (₹1,11,500)/$3675 (₹1,10,800)/$3600 (₹1,08,500) पर है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि सोना और चांदी को मिलाकर निवेशक के पोर्टफोलियो का 5-10 फीसदी हिस्सा होना चाहिए। इससे जोखिम विविधीकरण, महंगाई से बचाव और बाजार अस्थिरता के दौरान सुरक्षा मिलती है।
यह अनुपात व्यक्ति-विशेष पर निर्भर करता है:
बठीनी के अनुसार: “कुल मिलाकर 5-10% पोर्टफोलियो सोना और चांदी को देना चाहिए। सटीक अनुपात आपके निवेश क्षितिज, जीवन चरण और जोखिम क्षमता पर निर्भर करता है।”