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Income Tax Rule: दिवाली का त्यौहार नजदीक है और नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए यह खुशियों और गिफ्ट्स का समय होता है। इस अवसर पर कंपनियां अपने कर्मचारियों को उनकी मेहनत और वफादारी के लिए बोनस और गिफ्ट देती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ गिफ्ट्स और बोनस पर सरकार टैक्स भी लगाती है? आइए आसान भाषा में समझते हैं।
कंपनी से मिलने वाला कैश बोनस आपकी सैलरी का हिस्सा माना जाता है और इस पर टैक्स लगता है। इसे आपकी कुल वार्षिक आय में जोड़कर आपके इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लिया जाता है।
अगर कंपनी आपको मोबाइल, लैपटॉप, गिफ्ट वाउचर या कोई अन्य कीमती सामान देती है, तो इसका भी टैक्स नियमों के अनुसार निर्धारण होता है। यदि इन गिफ्ट्स की कीमत ₹5,000 से कम है, तो यह टैक्स फ्री होते हैं। लेकिन ₹5,000 से ज्यादा कीमत वाले गिफ्ट्स टैक्सेबल (Perquisite) माने जाते हैं।
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कंपनियां टैक्सेबल गिफ्ट्स पर TDS काटती हैं। कुछ कंपनियां टैक्स की राशि सीधे कर्मचारी की सैलरी से एडजस्ट कर देती हैं, जबकि कुछ इसे फॉर्म 16 में दिखाती हैं ताकि कर्मचारी ITR भरते समय इसका भुगतान कर सके।
कर्मचारियों को अपनी टैक्स देनदारी समझना और प्लानिंग करना जरूरी है। अपनी सैलरी स्लिप और फॉर्म 16 ध्यान से देखें, जिसमें बोनस और टैक्सेबल गिफ्ट्स की जानकारी होती है। यदि आप बड़ा बोनस या महंगे गिफ्ट मिलने की उम्मीद कर रहे हैं, तो इसे अपनी टैक्स प्लानिंग में शामिल करें। अपने कंपनी के HR या फाइनेंस टीम से दिवाली गिफ्ट और बोनस पर टैक्स नियमों की जानकारी लेने में हिचकिचाएं नहीं।