भारत में शहरीकरण की तेज़ गति के साथ, घर खरीदने और किराए पर लेने की बहस एक बार फिर से गर्म हो गई है। हाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, किराए की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है, जबकि संपत्ति की कीमतों में उतनी तेजी नहीं देखी जा रही है।
ANAROCK की रिपोर्ट की मुख्य बातें:
बेंगलुरु:
सर्जापुर रोड: किराए की कीमतों में 67% की वृद्धि, संपत्ति की कीमतों में 54% का उछाल।
थन्नीसंद्रा मेन रोड: किराए में 56% का उछाल, संपत्ति की कीमतों में 52% की बढ़ोतरी।
पुणे:
हिंजवाड़ी: किराए की कीमतों में 52% की वृद्धि, संपत्ति की कीमतों में 31% का उछाल।
वाघोली: किराए में 60% की बढ़ोतरी, संपत्ति की कीमतों में 30% का उछाल।
कोलकाता:
ईएम बायपास: किराए में 46% की वृद्धि, संपत्ति की कीमतों में 15% का उछाल।
राजारहाट: किराए में 30% की बढ़ोतरी, संपत्ति की कीमतों में 23% का उछाल।
चेन्नई:
पल्लवाड़म: किराए में 40% की वृद्धि, संपत्ति की कीमतों में 18% का उछाल।
पेरम्बूर: किराए में 33% का उछाल, संपत्ति की कीमतों में 18% की बढ़ोतरी।
एनसीआर, मुंबई और हैदराबाद में ट्रेंड:
एनसीआर, मुंबई और हैदराबाद के कुछ क्षेत्रों में संपत्ति की कीमतों में अधिक वृद्धि देखी गई है। उदाहरण के लिए:
एनसीआर:
सोहना रोड: किराए में 40% की वृद्धि, संपत्ति की कीमतों में 54% का उछाल।
सेक्टर-150, नोएडा: किराए में 56% की बढ़ोतरी, संपत्ति की कीमतों में 126% का उछाल।
मुंबई:
चेम्बूर: किराए में 38% की वृद्धि, संपत्ति की कीमतों में 39% का उछाल।
मुलुंड: किराए में 26% का उछाल, संपत्ति की कीमतों में 36% की बढ़ोतरी।
हैदराबाद:
HITECH सिटी: किराए में 46% की वृद्धि, संपत्ति की कीमतों में 59% का उछाल।
गाचीबोवली: किराए में 50% की बढ़ोतरी, संपत्ति की कीमतों में 70% का उछाल।
विशेषज्ञ की राय:
ANAROCK ग्रुप के क्षेत्रीय निदेशक और रिसर्च हेड डॉ. प्रशांत ठाकुर ने कहा, “इस डेटा से पता चलता है कि कुछ शहरों में संपत्ति की कीमतें किराए की कीमतों से अधिक बढ़ी हैं, जबकि अन्य शहरों में इसका उल्टा हुआ है। यह डेटा यह तय करने में मदद कर सकता है कि संपत्ति खरीदना अधिक लाभकारी है या किराए पर लेना।”
हर व्यक्ति जो नौकरी के लिए किसी शहर में जाता है, इसका मतलब नहीं कि वह स्थायी रूप से वहीं बसना चाहता है। कुछ लोग शहर की संस्कृति से प्रभावित होकर वहां रहने का निर्णय लेते हैं, जबकि अन्य लोग निवेश की संभावनाओं को देखते हैं।