अमेरिकी अदालत में माइरबेट्रिक पेंटेट मामले में मिली हार से आज ल्यूपिन और जायडस लाइफसाइंसेज के शेयरों में 3.79 फीसदी से लेकर करीब 7 फीसदी तक की गिरावट आई। माइरबेट्रिक अतिसक्रिय मूत्राशय के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवा है, जिसका पेटेंट टोक्यो की एस्टेलास फार्मा के पास है।
एस्टेलास ने मिराबेग्रोन के सस्टेंड रिलीज फॉर्मूलेशन के उनके जेनरिक संस्करण के पेटेंट अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया और दोनों दवा कंपनियों पर मुकदमा दाखिल किया है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका में माइरबेट्रिक के तौर पर इसकी मार्केटिंग की जाती है।
फैसले के बाद भारतीय दवा कंपनियों को अपनी दवा बाजार से वापस लेनी होगी। डेलावेयर जिला अदालत ने 15 अप्रैल के अपने आदेश में कहा है, ‘न्यायालय में यह साबित हो गया है कि जेनरिक दवा बनाने वाली जायडस और ल्यूपिन ने स्पष्ट और पुख्ता सबूत नहीं दिए हैं, जिससे उनकी कथित अवैधता का बचाव किया जा सके।’
बुधवार को जायडस के शेयर में 7.02 फीसदी और ल्यूपिन के शेयर में 3.79 फीसदी की गिरावट आई। शेयर बाजार ने भी कंपनियों से स्पष्टीकरण मांगा है। हालांकि, दोनों कंपनियों का कहना है कि वे इस आदेश का अपने परिचालन पर पड़ने वाले प्रभाव का और मौजूद कानूनी विकल्पों का आकलन कर रही हैं। जायडस ने कहा कि कंपनी के शेयर की कीमत में भारी गिरावट आदेश के कारण आई है। कुछ विश्लेषकों का अनुमान है कि दोनों दवा कंपनियों की तिमाही बिक्री में माइरबेट्रिक का करीब 3 करोड़ डॉलर का योगदान रहता होगा। जायडस ने कहा, ‘चूंकि यह पेटेंट पर मुकदमा था, इसलिए इस पर किसी तरह की बातचीत नहीं हो
रही थी।’