वेंचर कैपिटलिस्ट (VC) का निवेश केवल भारत में ही निचले स्तर तक नहीं पहुंचा है, बल्कि ग्लोबल वेंचर कैपिटलिस्ट निवेश भी कैलेंडर वर्ष 23 की पहली तिमाही में गिरकर 57 अरब डॉलर रह गया, जो एक साल पहले इसी तिमाही में जुटाई गई 200 अरब डॉलर की रकम के मुकाबले कम है। KPMG की रिपोर्ट ‘वेंचर पल्स क्यू1 2023’ में यह जानकारी मिली है।
VC फंडिंग में मौजूदा मंदी के बावजूद अन्य क्षेत्रों के मुकाबले में भारत में व्यापक आर्थिक कारक अपेक्षाकृत मजबूत बने रहे, जिनसे इस संभावना को बल मिल रहा है कि देश वर्ष 2023 की दूसरी छमाही के दौरान VC निवेश में उछाल देखेगा।
भारत में VC निवेश वर्ष 23 की पहली तिमाही में अपेक्षाकृत नरम रहा क्योंकि VC निवेशकों ने संभावित सौदों का विश्लेषण तेज कर दिया। हालांकि फोमो ने वर्ष 2021 और 2022 की शुरुआत में भारत में काफी VC निवेश किया, लेकिन VC निवेशकों ने उसके बाद से स्टार्टअप के प्रदर्शन और लाभ पर अपना ध्यान केंद्रित किया है।
फिनटेक ने वर्ष 23 की पहली तिमाही के दौरान भारत में कई सबसे बड़े सौदों का संचालन जारी रखा, जिसमें फोनपे द्वारा जुटाए 44.5 करोड़ डॉलर, नोब्रोकर द्वारा जुटाए 21.8 करोड़ डॉलर, क्रेडिटबी द्वारा जुटाए 20 करोड़ डॉलर और इंश्योरेंस देखो द्वारा जुटाए गए 15 करोड़ डॉलर शामिल हैं। इस तिमाही के दौरान भारत में एडटेक और गेमिंग में भी बढ़ती रुचि नजर आई है। उत्साह की लंबी अवधि के बाद वर्ष 23 की पहली तिमाही के दौरान भारत में एडटेक में रुचि खासी कम हो गई।
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KPMG के साझेदार और नैशनल लीडर (प्राइवेट इक्विटी) नितीश पोद्दार ने कहा कि भारत में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि सौदों के लिए उत्साह खत्म हो चुका है। फोमो चला गया है। बड़े आकार के सौदे भी खत्म हो गए हैं, जिसका हमारे कुल निवेश पर अच्छा-खासा प्रभाव पड़ा है। लेकिन दिख रही गिरावट के बावजूद, यह जानना महत्वपूर्ण है कि भारत में अब भी बहुत कुछ हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हम अब भी प्री-सीरीज ए के सौदों में काफी फंडिंग देख रहे हैं। और हम अब भी यह देख रहे हैं कि देश में बहुत से नए माइक्रो फंड जुटाए जा रहे हैं।