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वेदांत का ध्यान इस्पात के लंबे उत्पादों पर, करेगी क्षमता विस्तार

Last Updated- December 12, 2022 | 2:41 AM IST

एकीकृत इस्पात कारोबार की सबसे नई कंपनी वेदांत लिमिटेड की योजना 50 लाख टन के अपने ब्राउनफिल्ड विस्तार के लिए लंबे और लोहे के लचीले उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करने की है। यह हाई कार्बन, इलेक्ट्रिकल स्टील और अन्य मूल्य संवर्धित उत्पादों के सुविधा केंद्रों को और बढ़ावा देगी। वेदांता लिमिटेड के मुख्य कार्याधिकारी (लौह और इस्पात कारोबार) सौविक मजूमदार ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया ‘पहले चरण में हम 30 लाख टन (मौजूदा 15 लाख टन की क्षमता से) का क्षमता विस्तार निर्मित करने पर काम कर रहे हैं और इसके लिए 3,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। दूसरे चरण में हम इस क्षमता को 50 लाख टन तक ले जाएंगे।’
 
अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली वेदांत लिमिटेड के पास पहले से ही बोकारो, झारखंड में 15 लाख टन इस्पात क्षमता का एक नया एकीकृत सुविधा केंद्र है। दो चरणों वालों यह विस्तार अगले दो से तीन वर्षों में पूरा किया जाना है। वेदांता ने वर्ष 2018 में राष्ट्रीय कंपनी कानून पंचाट (एनसीएलटी) मंच के जरिये इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स के अधिग्रहण के साथ इस्पात कारोबार में कदम रखा था।
 
50 लाख टन के क्षमता विस्तार के लिए वित्तीय व्यवस्था के संबंध में मजूमदार ने कहा कि मौजूदा समय में क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है और वेदांत ग्रुप के बहु-जिंस कारोबार को देखते हुए वित्त की व्यवस्था करने में कोई समस्या नहीं होगी। आम तौर पर 10 लाख टन की इस्पात इकाई लगाने में 4,000 से 5,000 करोड़ रुपये लगते हैं। मजूमदार ने कहा ‘अपने इस्पात संयंत्र में हम लंबे उत्पादों और लौहे के लचीले उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। आगे चलकर हम हाई कार्बन, इलेक्ट्रिकल स्टील और जिंस केऔर मूल्य संवर्धित उत्पादों पर विचार करेंगे।’
 
घरेलू इस्पात बाजार में अपेक्षाकृत नई कंपनी वेदांत लिमिटेड देश की सबसे पुराने इस्पात उत्पादक टाटा स्टील के साथ-साथ नवीन जिंदल के नेतृत्व वाली जिंदल स्टील ऐंड पावर, जिसकी लंबे उत्पादों में मौजूदगी है और सरकार के स्वामित्व वाली स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही है। जेएसडब्ल्यू स्टील और एएम/एनएस इंडिया देश में अन्य दो बड़ी प्राथमिक इस्पात उत्पादक हैं। वर्तमान में देश में इस्पात की प्रति व्यक्ति खपत 75 किलोग्राम है, जबकि वैश्विक औसत 225 किलोग्राम है। इसलिए कंपनियों के लिए बाजार पर कब्जा करने की खातिर नई क्षमताएं स्थापित करने के लिए पर्याप्त जगह है।

First Published - July 16, 2021 | 6:05 PM IST

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