देश की दूसरी सबसे बड़ी प्रॉपर्टी डेवलपर कंपनी यूनीटेक ने 2580 करोड़ रुपये के अपने ग्लोबल प्रॉपर्टी फंड के लिए अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से करीब 1290 करोड़ की राशि जुटा ली है।
बाकी की रकम कंपनी सितंबर तक जुटा लेगी। यूनीटेक इंटरनेशनल रियल एस्टेट फंड के जरिए जुटाई गई पूंजी का इस्तेमाल रेसिडेंशियल कॉम्पलेक्स को विकसित करने में किया जाएगा। वैश्विक निवेशकों के समूह जिसमें एक लीडिंग यूरोपियन पेंशन फंड भी शामिल है, के साथ एक जापानी बैंक ने इस फंड में निवेश किया है।
हालांकि यूनीटेक के प्रवक्ता को कमेंट के लिए संपर्क नहीं किया जा सका। फंड की पूंजी का इस्तेमाल अगले कुछ महीनों में किया जाएगा। कंपनी से जुड़े एक स्रोत ने कहा कि इस फंड 10 साल का है। फंड जुटाने के लिए कंपनी ने यूबीएस को प्लेसमेंट एजेंट नियुक्त किया था जबकि यूनीटेक एसेट मैनेजमेंट कंपनी यूनीटेक रियालटी फंड से जुटाए गई पूंजी का प्रबंधन करेगी।
एक विश्लेषक का कहना है कि यूनीटेक द्वारा सफलतापूर्वक पूंजी जुटाना दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में अभी भी प्रॉपर्टी कारोबार में निवेश करने वालों की कमी नहीं है यदि कंपनी के पास अच्छी क्षमता और बेहतर ट्रैक रिकार्ड है। कंपनी ने दूसरी बार अंतरराष्ट्रीय बाजार से पूंजी जुटाई है। इसके पहले कंपनी ने 2006 में फंड जारी करके 700 मिलियन डॉलर जुटाए थे।
इसके लिए कंपनी ने अपने फंड को लंदन स्टॉक एक्सचेंज के अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट मार्केट में लिस्टेड किया था। इस इनटिटी को यूनीटेक कारपोरेट पार्क के नाम से जाना जाता है जो यूनीटेक के कामर्शियल प्रोजेक्ट में निवेश करती है। यूनीटेक रियालटी इनवेस्टर्स मौजूदा समय में करीब 2,000 करोड़ रुपये की पूंजी का प्रबंधन करती है। इस पूंजी को कंपनी ने घरेलू सीआईजी श्रेणी के फंडों के जरिए जुटाया था।
कंपनी ने इस फंड से जुटाई गई पूंजी का इस्तेमाल गुड़गाँव, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और कोच्चि में जमीन खरीदनें में किया। जल्दी ही लेहमैन ब्रदर्स ने यूनीटेक के सांताकु्रज प्रोजेक्ट में 740 करोड़ रु का निवेश किया है। कंपनी की अन्य प्रोजेक्ट के लिए पूंजी जुटाने के लिए भी लेहमैन ब्रदर्स से बातचीत चल रही है।
इस सौदे पर अगले पांच से छ: महीनों में निर्णय हो जाने की संभावना है। इसके अतिरिक्त कंपनी ने सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट में लिस्टिंग कराके 700 मिलियन डॉलर जुटाने का इरादा फिलहाल टाल दिया है। इसके अलावा कंपनी ने शेयर बाजार की कमजोर हालत की वजह से इंस्टीटयूशनल प्लेसमेंट के जरिए 1.5 अरब डॉलर जुटाने का इरादा भी टाल दिया है।