सोमवार को यूनिटेक के शेयर में 5 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि बाजार कुछ हद तक स्थिर था।
हाल के 538 रुपये के शिखर से इस रियल एस्टेट डेवलपर के शेयर में 53 प्रतिशत की गिरावट आई और यह वर्तमान में 253 रुपये के स्तर पर है।इसकी एक वजह कंपनी का योजनाबध्द तरीके से 4,000 करोड़ रुपये जुटाने की अक्षमता है। इस कोष का एक हिस्सा कंपनी सिंगापुर स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबध्द होकर और कुछ हिस्सा संस्थागत निवेशकों के प्लेसमेंट के जरिये जुटाना चाहती थी।
ऐसा समझा जा रहा है कि 3,228 करोड् रुपये की कंपनी यूनिटेक मुंबई की एक परियोजना के लिए प्राइवेट इक्विटी के विकल्प पर विचार कर रही है, पहले से निधारित अन्य परियोजनाओं को पूरी करने के लिए इसे कोष का अभाव हो सकता है।
फंड जुटाना ज्यादा कठिन होता जा रहा है और मुद्रा भी महंगी होती जा रही है। ऐसे में दिल्ली स्थित यह कंपनी अपनी सभी पूर्वनियोजित परियोजनाओं को पूरा करने में सक्षम नहीं भी हो सकती है। विश्लेषक कहते हैं वित्त वर्ष 2009 में वॉल्यूम तकरीबन 17-18 प्रतिशत कम रहेगा और बाद के वर्षों में लगभग 15 प्रतिशत रहेगा।
अभी तक यूनिटेक अगले तीन वर्षों में लगभग 400 लाख वर्ग फीट में निर्माण करने की उम्मीद रखती है। इसके अतिरिक्त कमजोर बाजार परिस्थिति, जिसमें मांग में स्पष्ट रूप से कमी आती है, ने विश्लेषकों के मूल्य संबंधी अनुमानों पर पुनर्विचार करने को विवश कर दिया है। अधिकांश विश्लेषक घरेलू प्रॉपर्टी की कीमतों में लगभग 5-10 प्रतिशत की कमी और ऑफिस तथा रिटेल जगहों के किराये में लगभग 10 प्रतिशत की कमी का अनुमान लगा रहे हैं।
इसके परिणामस्वरूप यूनिटेक के भविष्य के शुध्द परिसंपत्ति मूल्य में लगभग 15 प्रतिशत की कमी आई है और प्रति शेयर मूल्य 365 आंका गया है।कमजोर बाजार की धारणा को देखते हुए विश्लेषकों का विश्वास है कि यूनिटेक का कारोबार 10 प्रतिशत के छूट पर किया जाना चाहिए न कि प्रीमियम पर जैसा कि पहले हो रहा था।
इसका मतलब हुआ कि लक्ष्य मूल्य लगभग 330 रुपये रहेगा जो वर्तमान मूल्य से 30 प्रतिशत अधिक है। हालांकि, अर्थव्यवस्था में मंदी को देखते हुए घरेलू आने वाले दिनों में प्रॉपर्टी की कीमतों में कमी या कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के किराये में गिरावट होने पर रियल एस्टेट कंपनियों, जिसमें यूनिटेक भी शामिल है, के शुध्द परिसंपत्ति मूल्यों में और गिरावट आ सकती है। ऐसा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2008 में यूनिटेक की आय 4,350 करोड़ रुपये की होगी और शुध्द लाभ 1,650 करोड़ रुपये का होगा।