facebookmetapixel
Income Tax: क्या आपको विरासत में मिले सोने पर भी टैक्स देना होगा? जानें इसको लेकर क्या हैं नियमTop-5 Mid Cap Fund: 5 साल में ₹1 लाख के बनाए ₹4 लाख; हर साल मिला 34% तक रिर्टनभारत-इजरायल ने साइन की बाइलेट्रल इन्वेस्टमेंट ट्रीटी, आर्थिक और निवेश संबंधों को मिलेगी नई मजबूतीभारत में जल्द बनेंगी सुपर एडवांस चिप्स! सरकार तैयार, Tata भी आगे₹100 से नीचे ट्रेड कर रहा ये दिग्गज स्टॉक दौड़ने को तैयार? Motilal Oswal ने दी BUY रेटिंग; चेक करें अगला टारगेटअमेरिका टैरिफ से FY26 में भारत की GDP 0.5% तक घटने की संभावना, CEA नागेश्वरन ने जताई चिंताPaytm, PhonePe से UPI करने वाले दें ध्यान! 15 सितंबर से डिजिटल पेमेंट लिमिट में होने जा रहा बड़ा बदलावVedanta Share पर ब्रोकरेज बुलिश, शेयर में 35% उछाल का अनुमान; BUY रेटिंग को रखा बरकरारGST कटौती के बाद खरीदना चाहते हैं अपनी पहली कार? ₹30,000 से ₹7.8 लाख तक सस्ती हुई गाड़ियां; चेक करें लिस्टविदेशी निवेशकों की पकड़ के बावजूद इस शेयर में बना ‘सेल सिग्नल’, जानें कितना टूट सकता है दाम

Tractor stocks: ट्रैक्टर शेयरों में उतार-चढ़ाव की संभावना, एनालिस्ट्स की सलेक्टिव रहने की सलाह

Tractor stocks: चालू वित्त वर्ष (9MFY24) की पिछली तीन तिमाहियों में ट्रैक्टर सेगमेंट में कुल वॉल्यूम कमजोर रहा।

Last Updated- February 29, 2024 | 11:02 PM IST
MSP

Tractor stocks: ट्रैक्टर बनाने वाली कंपनियों के शेयरों में 52 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने के बाद एनालिस्ट्स इस सेक्टर को लेकर सतर्क हो गए हैं, क्योंकि शॉर्ट टर्म में मांग में नरमी का रुझान देखने को मिल सकता है। चालू वित्त वर्ष (9MFY24) की पिछली तीन तिमाहियों में ट्रैक्टर सेगमेंट में कुल वॉल्यूम कमजोर रहा। सालाना आधार पर वीएसटी टिलर्स में 21 फीसदी, एस्कॉर्ट्स कुबोटा में 5 फीसदी और महिंद्रा एंड महिंद्रा में 3 फीसदी की गिरावट देखी गई है। इस अवधि के दौरान, कम बारिश, फसल कटाई में देरी और जलाशयों में पानी का स्तर घटा है।

घरेलू बिक्री मात्रा में 5 फीसदी की गिरावट की आशंका

ट्रैक्टर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (TMA) के अनुसार, पूरे उद्योग में, चालू वित्तीय वर्ष (अप्रैल 23 से जनवरी 24) में अब तक कुल घरेलू बिक्री मात्रा में 5 फीसदी की गिरावट आई है। भारत से अमेरिका और यूरोपीय संघ को निर्यात भी FYTD’24 में 27 फीसदी घटा है। विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा, कोरियाई निर्माताओं से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण भी बिक्री कम हुई है।

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध विश्लेषक साजी जॉन ने कहा, “हमारा मानना है कि कई हिस्सों में जलाशय के निचले स्तर, सामान्य इन्वेंट्री और पिछले वर्ष के उच्च आधार के कारण निकट अवधि में भी ट्रैक्टर की मात्रा कम रह सकती है। इसके अलावा, कुछ राज्यों में कुछ प्रोत्साहनों को बंद करने से क्रय शक्ति पर भी असर पड़ेगा। इस प्रकार, हम चालू वित्त वर्ष (FY24) के लिए उद्योग की वृद्धि में 5-6 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाते हैं और FY25 के लिए कम अंकों की उम्मीद करते हैं।”

जनवरी 2024 में ट्रैक्टरों की कुल खुदरा बिक्री 88,671 यूनिट रही

मासिक आधार पर, फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2024 में ट्रैक्टरों की कुल खुदरा बिक्री 88,671 यूनिट रही, जो सालाना आधार पर 21.16 फीसदी और मासिक आधार पर 12.4 फीसदी ज्यादा है।

हालांकि, फरवरी की बिक्री में फिर से गिरावट की उम्मीद है क्योंकि नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने उच्च आधार (पिछले साल त्योहारी सीजन से पहले इन्वेंट्री भरने) और देश के दक्षिण/पश्चिम क्षेत्रों में कमजोर ग्राहक भावनाओं के कारण घरेलू बाजार में 10 फीसदी से अधिक की गिरावट का अनुमान लगाया है। ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने फरवरी बिक्री डेटा की रिपोर्ट शुक्रवार, 1 मार्च को देने वाली हैं।

शेयर बाजार में, ट्रैक्टर निर्माताओं के शेयरों ने पिछले एक साल में बेंचमार्क S&P BSE सेंसेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है। ACE इक्विटी डेटा के मुताबिक, वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर्स के शेयरों में 43 फीसदी, एस्कॉर्ट्स कुबोटा में 38.04 फीसदी और महिंद्रा एंड महिंद्रा में 52.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। तुलनात्मक रूप से, इस अवधि के दौरान बेंचमार्क सेंसेक्स 23 फीसदी बढ़ा, जबकि S&P BSE ऑटो इंडेक्स 60.2 फीसदी उछला।

Also read: अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 8.4 फीसदी रही भारत की GDP ग्रोथ, उम्मीद से काफी बेहतर रहे NSO के आंकड़े

अल नीनो पर विश्लेषकों की नजर

विश्लेषक उभरते अल नीनो (El Nino) रुझानों पर कड़ी नजर रख रहे हैं क्योंकि सामान्य मॉनसून अधिकांश भारतीय किसानों के लिए महत्वपूर्ण है। इसका असर ट्रैक्टर की बिक्री पर भी पड़ता है।

दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में जलाशयों का स्तर लाइव भंडारण क्षमता (live storage capacity) क्रमशः 30 फीसदी और 55 फीसदी तक गिर गया है, जबकि एक साल पहले यह 51 फीसदी और 66 फीसदी था। हालांकि, उत्तरी क्षेत्र, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, जो 40 फीसदी ट्रैक्टर मांग में योगदान देता है, का स्तर सालाना आधार पर 6 फीसदी बढ़ा है।

एक्सिस सिक्योरिटीज में इस सेक्टर पर नजर रखने वाले वरिष्ठ शोध विश्लेषक आदित्य वेलेकर ने कहा, “अगर वित्त वर्ष 2025 में अल नीनो का प्रभाव कम हो जाता है, तो हम लोकसभा चुनावों के बाद ट्रैक्टर की मात्रा में सकारात्मक प्रभाव की उम्मीद कर सकते हैं। हम भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुमानों का इंतजार कर रहे हैं, जो मार्च 2024 के मध्य में आने की उम्मीद है।” वेलेकर मध्यम अवधि के नजरिए से सेक्टर के लिए ‘डिप्स पर खरीदें’ रणनीति का सुझाव देते हैं।

एनालिस्ट्स की सलेक्टिव रहने की सलाह

दूसरी ओर, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के साजी जॉन को उम्मीद है कि प्रारंभिक मॉनसून पूर्वानुमान और इस साल के अंत में नए फसल चक्र के शुरू होने से ट्रैक्टर सेगमेंट वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही (Q2FY25) से उबर जाएगा।

उन्होंने कहा, “इसके अलावा, बागवानी उत्पादन के लिए निरंतर सरकारी समर्थन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सहारा मिलने की उम्मीद है और इससे ट्रैक्टर की मांग में मदद मिलेगी। लेकिन, अधिकतम मात्रा और प्रीमियम मूल्यांकन के कारण हमें तत्काल किसी सुधार की उम्मीद नहीं है।”

नुवामा ने 4,200 रुपये के टारगेट प्राइस पर एस्कॉर्ट्स कुबोटा को ‘खरीदें’ रेटिंग दी है, जबकि नोमुरा ने 2,143 रुपये के टारगेट प्राइस पर महिंद्रा एंड महिंद्रा को ‘खरीदें’ रेटिंग दी है।

First Published - February 29, 2024 | 8:08 PM IST

संबंधित पोस्ट