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बुरी तरह झुलस गया शेयर बाजार भी

Last Updated- December 07, 2022 | 8:03 AM IST

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने और महंगाई की आग और भड़कने की वजह से शुक्रवार को शेयर बाजार भी झुलस उठा और भारी गिरावट के साथ बंद हुआ।


इससे पहले बाजार में भारी उतार-चढ़ाव का दौर रहा और सेंसेक्स 650-450 अंकों की गिरावट के बीच हिचकोले खाता रहा। कारोबार की समाप्ति पर बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 619.60 अंक लुढक़ कर 14 महीने के निम्न स्तर 13,802.22 पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी 179.20 अंकों का गोता लगा कर 4,136.65 के स्तर पर बंद हुआ।

कच्चे तेल की आग का असर अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर भी देखा गया। शुक्रवार को सभी एशियाई बाजारों में गिरावट का दौर रहा। एसबीआई की ओर से प्रमुख ऋण दर में की गई बढ़ोतरी के कारण बैंकेक्स और आटो क्षेत्र के शेयरों में भारी गिरावट दिखी।  ब्रोकरों ने कहा कि निवेशक पहले ही महंगाई के आंकड़े से निराश थे और बाद में कच्चे तेल के करीब 142 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच जाने से अफरा-तफरी जैसी स्थिति पैदा हो गई और भारी बिकवाली के कारण बाजार औंधे मुंह गिर गया।

 बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी करीब 3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स का कोई भी शेयर बढ़त पर नहीं रहा। बीएसई के सभी क्षेत्रीय सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई। बैंकिंग और वाहन सेक्टर के सूचकांक 5 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि ऊर्जा, पीएसयू, रियल्टी और धातु सूचकांकों में 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। तेल-गैस सूचकांकों में भी करीब 3 फीसदी की नरमी देखी गई। सबसे ज्यादा गिरावट 8 फीसदी एचडीएफसी और टाटा मोटर्स के शेयरों में देखी गई। विप्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, अंबुजा सीमेंट 7 फीसदी गिरा।

इक हम ही नहीं…

भारत की तरह कमोबेश समूची दुनिया के शेयर बाजार जनवरी में नई ऊंचाइयों को छू रहे थे कि अचानक इस आग की चपेट में आ गए। हालांकि चीन का बाजार इस आग में सबसे ज्यादा झुलसा, जिसके बाद भारत का ही नंबर आता है। 

कब लगी ये आग
इस साल जनवरी से

किसने डाला घी


कच्चे तेल की लगातार बढ़ती कीमतें, जिसके चलते तेज होती महंगाई दर की रफ्तार और इसको रोकने के लिए उठाए जाने वाले आरबीआई के कड़े कदमों का डर। बाजार के लिए यह चक्र बडा दुष्चक्र बन चुका है। इसके अलावा, कंपनियों का कमजोर प्रदर्शन और अमेरिकी मंदी व सबप्राइम संकट ने भी कोढ़ में खाज का काम किया।

कितने जले नोट
इस साल 8 जनवरी से निवेशकों के तकरीबन 30 खरब रुपये इस आग में स्वाहा हो चुके हैं।

झुलसा बाजार
इस साल 8 जनवरी से अब तक सेंसेक्स में तकरीबन 35 फीसदी की गिरावट हो चुकी है।

कौन जला ज्यादा
रियल इस्टेट और पावर सेक्टर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ जबकि हेल्थकेयर और एफएमसीजी को इस आग से सबसे कम नुकसान हुआ।

सेंसेक्स – 619.60 अंक लुढ़का
13,802.22 के स्तर पर बंद
निफ्टी – 179.20 अंक लुढ़का
4,136.65  के स्तर पर बंद

First Published - June 28, 2008 | 12:30 AM IST

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