शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और अनिश्चितता बढ़ने के साथ ही सोने में निवेश का रुझान बढ़ा है। यही कारण है कि सोना निवेशकों के लिए एक पसंदीदा परिसंपत्ति बन गया है। अंतरराष्ट्रीय हाजिर बाजार में पिछले एक साल के दौरान सोने की कीमतों में करीब 52 फीसदी का इजाफा हुआ है जबकि इस दौरान अमेरिका के बेंचमार्क शेयर सूचकांक डॉउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज (डाउ) में 0.9 फीसदी की गिरावट आई है।
पिछले एक साल के दौरान भारत में सोने की कीमतें 38 फीसदी बढ़ी हैं जबकि बीएसई सेंसेक्स में महज 6.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अमेरिकी और भारतीय शेयर सूचकांकों के आंकड़ों में लाभांश यील्ड को शामिल नहीं किया गया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल के आंकड़ों के अनुसार डाउ पर लाभांश यील्ड फिलहाल 1.87 फीसदी और बीएसई सेंसेक्स पर 1.15 फीसदी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत में काफी तेजी देखी गई है और यह मंगलवार को 3,500 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गई। वहीं दिल्ली में घरेलू सोने की कीमतों में 1,800 रुपये की उछाल देखी गई है और इसने आभूषण विक्रेताओं और इसका स्टॉक रखने वालों की खरीदारी में आई तेजी के बलबूते एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर लिया। मुंबई में सोने की कीमत 98,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर रही।
अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए मई 2006 के बाद 12 महीने की अवधि में सोने में यह सबसे अच्छा प्रदर्शन है। मई 2006 में सोने की कीमतों में 54.6 फीसदी की तेजी आई थी। भारत में जुलाई 2019 से जुलाई 2020 की अवधि के बाद से पीली धातु के लिए यह सबसे अच्छा साल रहा है। उस दौरान सोने की कीमतों में 54 फीसदी की तेजी आई थी।
हालिया तेजी के बाद सोना अब न केवल लंबी अवधि बल्कि लघु अवधि में भी शेयर बाजार को पछाड़कर आगे निकल गया है। अमेरिकी शेयर बाजार के मुकाबले सोने का दीर्घकालिक प्रदर्शन विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
पिछले 25 वर्ष में अमेरिका के हाजिर बाजार में सोने की कीमतों में 12.7 गुना की बढ़त देखी गई जबकि इसी अवधि के दौरान डाउ पर इसमें 3.6 गुना की बढ़ोतरी हुई। अमेरिका में सोने के निवेशकों के लिए यह 10.7 फीसदी वार्षिक चक्रवृद्धि रिटर्न के रूप में दिखा जो इक्विटी में निवेश करने वाले निवेशकों के रिटर्न के दोगुने से अधिक है। डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज में इस अवधि में 5.2 फीसदी की सालाना औसत चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़त देखी गई। अमेरिका में सोने की कीमतें अप्रैल 2000 के 273.6 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस से फिलहाल 3,471 डॉलर प्रति औंस हो गया है।
इसी तरह पिछले 10 वर्षों में अमेरिका में सोने की कीमतें 11.4 फीसदी सीएजीआर के हिसाब से बढ़ी हैं जबकि इसकी तुलना में इसी अवधि के दौरान डाउ जोंस में 7.9 फीसदी सीएजीआर देखी गई। पिछले 25 वर्षों में सोने का प्रदर्शन भारतीय बाजारों में और बेहतर रहा है और इसका श्रेय अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का अवमूल्यन को भी जाता है। हालांकि पिछले 25 वर्षों में सेंसेक्स का प्रदर्शन भी स्थानीय मुद्रा में डॉउ के मुकाबले बेहतर रहा है।
घरेलू बाजार में सोने की कीमत पिछले 25 वर्ष में 13.3 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ी। अप्रैल 2000 में इसकी कीमत 4,350 रुपये प्रति 10 ग्राम थी और इसकी तुलना में बुधवार को यह 98,484 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गई। इस कीमत में बिक्री कर या वस्तु एवं सेवा कर शामिल नहीं है। समान अवधि के दौरान बीएसई सेंसेक्स 12 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ा और अप्रैल 2000 के 4,658 के स्तर से बढ़कर यह मंगलवार को 79,596 के स्तर पर चला गया।