राजनीतिक उठा-पटक, कच्चे तेल की कीमतों, फिच की ओर से क्रेडिट रेटिंग घटाकर नकारात्मक करने और अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों से भारतीय शेयर बाजार औंधे मुंह गिर गया।
दिनभर गोता लगाने के बाद सेंसेक्स वर्ष 2008 के निम्न स्तर पर बंद हुआ। सेंसेक्स में पिछले तीन कारोबारी सत्रों से गिरावट का रुख बना हुआ है। पिछले तीन कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 1,275 अंक गंवा चुका है। सोमवार को आई गिरावट के बाद सेंसेक्स 15 माह के सबसे निम्न स्तर पर पहुंच गया।
मंगलवार को कारोबार समाप्ति पर सेंसेक्स 654.32 अंक लुढ़क कर 12,676.19 के स्तर पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 178.60 अंक गिरकर 3861.10 के स्तर पर बंद हुआ। मंगलवार को बाजार पूरी तरह मंदी की गिरफ्त में रहा और बीएसई के लगभग सभी सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई। हर ओर बिकवाली का माहौल था। बैंकिंग, धातु, फार्मा, पूंजीगत वस्तुओं के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई।
बीएसई के स्मॉलकैप और मिडकैप में करीब 3.15 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। एशियाई और यूरोपीय बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा। इसका असर भी भारतीय शेयर बाजार में दिखा और शुरुआती गिरावट के बाद बाजार दिनभर उबर ही नहीं पाया। जानकारों का कहना है कि दोपहर तक अंतरराष्ट्रीय बाजार के कमजोर रुख से लड़खड़ाने वाले सेंसेक्स को और नीचे लाने में फिच की खबर ने अहम भूमिका निभाई।
बीएसई सूचकांकों में रियल्टी, बैंकिंग, आईटी, दूरसंचार, पीएसई, फार्मा समेत सभी क्षेत्रों में बिकवाली की वजह से गिरावट का रुख रहा। सबसे ज्यादा गिरावट की मार झेलने वाली कंपनियों में रैनबैक्सी, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, हिंडाल्को, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस कम्युनिकेशंस, एसीसी, डीएलएफ, एवचडीएफसी और विप्रो प्रमुख रहीं।
सेंसेक्स
654.32 अंक लुढ़का
12,676.19 पर बंद
निफ्टी
178.60 अंक लुढ़का
3861.10 पर बंद
वर्ष 2008 में बड़ी गिरावट
तारीख अंक
21जनवरी 1408
22जनवरी 875
11फरवरी 839
03मार्च 901
18मई 826
27जून 619
सेंसेक्स 15 माह के निम्न स्तर पर पहुंचा