टाटा स्टील ने इस साल की दूसरी तिमाही के अपने नतीजे बता दिए हैं। कंपनी का प्रदर्शन कुल मिलाकर अनुमान के अनुरूप रहा है। भारत में कंपनी का काम अच्छा चल रहा है। यहां बिक्री और उत्पादन दोनों बढ़े हैं। लेकिन यूरोप में कंपनी को अभी भी काफी दिक्कतें आ रही हैं और वहां का कारोबार ठीक नहीं चल रहा।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने का कहना है कि टाटा स्टील में अभी बहुत बड़ा फायदा नहीं दिख रहा, इसलिए उन्होंने ज्यादा सावधानी बरतने को कहा है। दूसरी तरफ, मोतीलाल ओसवाल को लगता है कि टाटा स्टील आगे अच्छा कर सकती है, इसलिए उन्होंने कंपनी के शेयर खरीदने की सलाह दी है।
नुवामा की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा स्टील ने दूसरी तिमाही में लगभग उतना ही मुनाफा कमाया जितना उन्होंने पहले से अनुमान लगाया था। कंपनी का तिमाही मुनाफा (EBITDA) ₹82.6 अरब रहा। हर टन स्टील पर होने वाला फायदा थोड़ा कम हुआ और ₹14,874 प्रति टन रह गया, लेकिन कंपनी ने ज्यादा स्टील बेचा, जिससे कुल खर्च संभल गया और कम कीमतों का असर कम महसूस हुआ।
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नुवामा का कहना है कि यूरोप में कंपनी का कारोबार अभी भी परेशानी में है। नीदरलैंड्स में काम थोड़ा बेहतर हुआ है, लेकिन यूके में खर्च बढ़ने से कंपनी को ज्यादा नुकसान हुआ। नुवामा को डर है कि अगली तिमाही में यूरोप वाला कारोबार फिर से घाटे में जा सकता है।
कुल मिलाकर कंपनी का कुल मुनाफा (कंसोलिडेटेड EBITDA) 20% बढ़कर ₹89.7 अरब हो गया। फिर भी, नुवामा का मानना है कि अगली तिमाही में हर टन पर मिलने वाला फायदा करीब ₹1,000 कम हो सकता है क्योंकि स्टील की कीमतें अभी कमजोर चल रही हैं।
इसी वजह से नुवामा ने साल FY26 और FY27 के लिए कंपनी के मुनाफे के अनुमान को घटा दिया है। उनका कहना है कि टाटा स्टील के शेयर बहुत सस्ते भी नहीं हैं, इसलिए उन्होंने शेयर पर HOLD यानी न खरीदने, न बेचने की सलाह दी है और इसका टारगेट प्राइस ₹183 तय किया है।
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा स्टील ने इस तिमाही में अच्छा काम किया है। इसलिए उन्होंने कंपनी के शेयर को BUY यानी खरीदने की सलाह दी है और शेयर का टारगेट प्राइस ₹210 रखा है। उनका कहना है कि कंपनी की कमाई (रेवेन्यू) ₹347 अरब रही, जो पिछले साल की तुलना में 7% और पिछली तिमाही से 12% ज्यादा है। यह बढ़त इसलिए हुई क्योंकि भारत में स्टील की मांग अच्छी रही और कंपनी ने ज्यादा माल सप्लाई किया।
इस तिमाही में टाटा स्टील ने 5.4 मिलियन टन स्टील बनाया और 5.55 मिलियन टन बेचा। दोनों ही आंकड़े मजबूत हैं। कलिंगनगर प्लांट की क्षमता बढ़ने और G-ब्लास्ट फर्नेस की मरम्मत पूरी होने से उत्पादन और डिलिवरी दोनों तेज हुईं।
हालांकि, स्टील का औसत दाम थोड़ा कम हुआ, लगभग 1% सालाना और 4% तिमाही आधार पर, क्योंकि मानसून के समय मांग थोड़ी कमजोर रहती है। इसके बावजूद कंपनी का मुनाफा (EBITDA) ₹81.5 अरब रहा, जो उम्मीद से ज्यादा है। हर टन स्टील पर मिलने वाला फायदा भी अच्छा रहा, ₹14,681 प्रति टन। रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी का तिमाही शुद्ध लाभ ₹44.6 अरब रहा, जो उम्मीद से बेहतर है।
यूरोप का कारोबार भी इस बार मुनाफे में रहा, जो पिछले कुछ समय से बेहतर स्थिति दिखाता है। मोतीलाल ओसवाल का मानना है कि भारत में मांग मजबूत है, कंपनी का उत्पादन बढ़ रहा है और खर्च भी कंट्रोल में है। इसलिए आने वाली तिमाहियों में कंपनी का प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है। इसी वजह से उन्होंने टाटा स्टील में 19% तक बढ़त की संभावना दिखाते हुए शेयर खरीदने की सलाह दी है।
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेज ने दी है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधित फैसले करने से पहले अपने एक्सपर्ट से परामर्श कर लें।)