टाटा समूह की वित्तीय सेवा फर्म टाटा कैपिटल लिमिटेड के निदेशक मंडल ने सितंबर में संभावित अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से पहले राइट्स इश्यू के जरिये 1,752 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी दे दी। कंपनी ने गुरुवार को एक्सचेंज को यह जानकारी दी।
मामले से जुड़े जानकार लोगों का कहना है कि टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस लिमिटेड इस इश्यू में 1,630 करोड़ रुपये का आवेदन कर सकती है। पूंजी निवेश ऐसे समय हो रहा है जब टाटा कैपिटल अपने 2 अरब डॉलर के आईपीओ की तैयारी कर रही है, जिसके इस साल भारतीय वित्तीय क्षेत्र में सबसे बड़ी सूचीबद्धता में से एक होने की संभावना है।
इसी बैठक में निदेशक मंडल ने विभिन्न ऋण प्रतिभूतियों के जरिये सुरक्षित, असुरक्षित, अधीनस्थ, स्थायी व भुनाए जाने योग्य गैर-परिवर्तनीय ऋणपत्र के साथ-साथ ग्रीन बॉन्ड के माध्यम से 30,000 करोड़ रुपये तक जुटाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। कंपनी ने कहा कि ये ऋण प्रतिभूतियां निजी नियोजन के आधार पर एक या अधिक किस्तों में जारी की जाएंगी। इस इश्यू से प्राप्त रकम का इस्तेमाल कंपनी द्वारा ऋण देने में किया जाएगा।
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टाटा कैपिटल में 93 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाली टाटा संस ने मार्च में कंपनी के आखिरी राइट्स इश्यू में हिस्सा लिया था। इसमें जुटाई गई कुल 1,504 करोड़ रुपये में से उसने 1,400 करोड़ रुपये का योगदान किया था। बाकी हिस्सेदारी टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड, टीसीएल कर्मचारी कल्याण ट्रस्ट और अन्य अल्पसंख्यक निवेशकों के पास है।
टाटा समूह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्देश के अनुरूप टाटा कैपिटल को सूचीबद्ध कराने की तैयारी कर रहा है, जिसके तहत सभी उच्च स्तरीय (अपर लेयर) गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को इस वर्ष सितंबर तक सूचीबद्ध होना अनिवार्य है।
मामले के जानकार लोगों के अनुसार टाटा कैपिटल को अपना आईपीओ लाने के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी मिल गई है।
इस बीच, टाटा संस ने अपने सभी बकाया बैंक ऋण चुका दिए हैं। उसने आरबीआई से संपर्क कर अपर लेयर की एनबीएफसी के रूप में अपना नाम हटाने के लिए दोबारा वर्गीकरण का आग्रह किया है। अभी केंद्रीय बैंक आवेदन की समीक्षा कर रहा है।