Swiggy IPO listing prediction: मार्केट एक्सपर्ट्स ने निवेशकों को फूड और ग्रॉसरी डिलीवर करने वाली दिग्गज कंपनी स्विगी के शेयरों की लिस्टिंग से पहले सतर्क रहने की सलाह दी है। आईपीओ की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, कंपनी के शेयर बुधवार, 13 नवंबर 2024 को लिस्ट होने वाले हैं।
जैसे-जैस स्विगी की लिस्टिंग तारीख नजदीक आ रही है, वैसे-वैसै निवेशक ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) रुझानों पर नजर बनाए हुए हैं। ग्रे मार्केट की गतिविधियों को ट्रैक करने वाले सूत्रों के अनुसार, स्विगी के अनलिस्टेड शेयर आईपीओ अलॉटमेंट प्राइस 390 रुपये के मुकाबले सिर्फ 1 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे थे, जिससे 0.26 प्रतिशत का ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) बनता है।
यह संकेत देता है कि कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग फीकी हो सकती है। यदि मौजूदा GMP ट्रेंड जारी रहता है, तो स्विगी के शेयर लगभग 391 रुपये पर लिस्ट हो सकते हैं, जो आईपीओ अलॉटमेंट प्राइस से केवल 1 रुपये ज्यादा है।
स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट की वेल्थ प्रमुख शिवानी न्याति के अनुसार, आईपीओ को 3.59 गुना अच्छा सब्सक्रिप्शन मिला, फिर भी मौजूदा जीएमपी निवेशकों के उत्साह में कमी का संकेत देता है। उन्होंने कहा, “निवेशकों में जोश की कमी लगातार रेवेन्यू ग्रोथ के बावजूद कंपनी के चल रहे घाटे पर चिंताओं को दर्शाती है।”
न्याती का मानना है कि आईपीओ का मूल्यांकन कुछ मेट्रिक्स पर ठीक दिखाई दे सकता है, लेकिन घाटे के कारण चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। इसके अलावा, बाजार में जारी उतार-चढ़ाव लिस्टिंग को प्रभावित कर सकती है।
इन सभी कारकों को देखते हुए, एक्सपर्ट्स ने सतर्क रुख अपनाने की सलाह दी है। ज्यादा जोखिम उठाने की क्षमता रखने वाले और लंबी अवधि तक निवेश करने वाले निवेशक आईपीओ में पैसा लगाने पर विचार कर सकते हैं, लेकिन उन्हें स्विगी की वित्तीय स्थिति और व्यापक बाजार स्थितियों से जुड़े जोखिमों को ध्यान में रखना चाहिए।
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मेहता इक्विटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) प्रशांत तापसे ने कहा, दूसरी सबसे बड़ी ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी कंपनी होने के बावजूद, स्विगी को कुल मिलाकर निवेशकों की सुस्त प्रतिक्रिया मिली। उन्होंने कहा, “कुल मिलाकर सब्सक्रिप्शन आंकड़े मजबूत दिखते हैं, लेकिन स्विगी के आईपीओ को मुख्यतः तीसरे दिन के QIB निवेशकों का समर्थन मिला है, जैसा कि Hyundai Motors IPO के साथ देखा गया था।”
तापसे का मानना है कि ज्यादातर निवेशक, विशेष रूप से रिटेल और नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs), नेगेटिव कैश फ्लो बिजनेस मॉडल, कड़ी प्रतिस्पर्धा की चिंताओं और मौजूदा नेगेटिव मार्केट सेंटीमेंट के कारण पीछे हट गए। NIIs और रिटेल निवेशकों की कम सब्सक्रिप्शन मांग, साथ ही वर्तमान बाजार स्थिति को देखते हुए, इश्यू प्राइस के मुकाबले 5-10 प्रतिशत के उतार-चढ़ाव के साथ सपाट या नकारात्मक लिस्टिंग की संभावना अधिक है।
जिन निवेशकों को स्विगी के शेयर मिल गए हैं, उनके लिए तापसे ने सुझाव दिया कि लिस्टिंग से कोई लाभ की अपेक्षा न रखें। इसलिए, केवल जोखिम सहने की क्षमता वाले निवेशकों को कंपनी को शेयरों को लॉन्ग टर्म के लिए होल्ड करने पर विचार करना चाहिए, भले ही अल्पकालिक अस्थिरता और सेक्टर में प्रतिस्पर्धी दबाव हों।
जिन निवेशकों को शेयर नहीं मिले हैं, उनके लिए तापसे ने कीमत के स्थिर होने की प्रतीक्षा करने और फिर बेहतर डिस्काउंट वाले अवसर आने पर शेयर को दोबारा खरीदने की सलाह दी है।
स्विगी का आईपीओ 11,327.43 करोड़ रुपये का बुक-बिल्ट इश्यू है, जिसमें 115,358,974 शेयरों का नया निर्गम (फ्रेश इश्यू) और 175,087,863 शेयरों का बिक्री प्रस्ताव (OFS) शामिल है, जिनका फेस वैल्यू 1 रुपये प्रति शेयर है। यह 371-390 रुपये के प्राइस बैंड पर उपलब्ध था।
स्विगी के पब्लिक इश्यू को निवेशकों से अच्छा रिस्पॉन्स मिला था और इस कुल 3.59 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, जिसमें मुख्य रूप से QIBs ने 6.02 गुना और उसके बाद रिटेल निवेशकों ने 1.14 गुना सब्सक्राइब किया।
2014 में स्थापित, स्विगी भारत के तेजी से बढ़ते फूड डिलीवरी और ई-कॉमर्स सेक्टर में प्रमुख कंपनियों में से एक है। यह यूजर्स को एक ऑनलाइन प्लेटफार्म प्रदान करता है, जिसे एक ही ऐप के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है, जहां वे भोजन (फूड डिलीवरी), किराने का सामान और घरेलू वस्तुओं (इंस्टामार्ट) की खोज, चयन, ऑर्डर और भुगतान कर सकते हैं, जिनकी डिलीवरी ऑन-डिमांड नेटवर्क के माध्यम से पूरी की जाती है।