अपने स्पेशियलिटी पोर्टफोलियो में तेजी, घरेलू बाजार में बढ़ता प्रदर्शन और बेहतर नियामकीय अनुपालन देश की सबसे बड़ी दवा कंपनी Sun Pharmaceutical Industries के लिए सकारात्मक बदलाव हैं।
इन सकारात्मक कारकों को देखते हुए कुछ ब्रोकरों ने वित्त वर्ष 2025 के लिए अपने प्रति शेयर आय (ईपीएस) और कीमत लक्ष्य के अनुमान बढ़ा दिए हैं। इससे शेयर के लिए मजबूती बरकरार रहनी चाहिए। यह शेयर वित्त वर्ष 2024 में चढ़ने वाले प्रमुख दवा शेयरों में से एक रहा है और करीब 57 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज करने में कामयाब रहा। यह शेयर इस समय 1,547 रुपये पर कारोबार कर रहा है।
हालंकि इसके स्पेशियल्टी सेगमेंट के लिए आधार ऊंचा है लेकिन ब्रोकरों का मानना है कि कंपनी वृद्धि की मजबूत दर बरकरार रखेगी। शेयरखान रिसर्च के अनुसार सन के अमेरिकी प्रिस्क्रिप्शन आंकड़े से स्पेशियल्टी पोर्टफोलियो में मजबूत तेजी का पता चलता है। सन का स्पेशियल्टी पोर्टफोलियोसेक्युआ (ड्राई आई), इलुम्या (सोरायसिस), विनलेवी (एक्ने) और लेवुलान (कैंसर) की बिक्री में मजबूत वृद्धि से बढ़ा है।
ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि सन का स्पेशियल्टी व्यवसाय वित्त वर्ष 2026 तक 17 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़कर 1.4 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा। फरवरी के निर्यात आंकड़ों से सन के लिए मजबूत सुधार का संकेत मिला है। कंपनी को कैंसर दवा रेवलिमिड से मदद मिली। रेवलिमिड की सकल बिक्री 14 करोड़ डॉलर पर पहुंच गई। इसमें तेजी संभावित थी, क्योंकि इस दवा से योगदान दिसंबर तिमाही में सीमित रहा। दिसंबर तिमाही में इसका मजबूत प्रदर्शन उसकी सहायक इकाई
टारो के बेहतर मार्जिन और इलुम्या भागीदारी से 2 करोड़ डॉलर की मदद से बढ़ा। अब इसका टारो पर पूरा नियंत्रण है, इस वजह से समेकित इकाई को विनिर्माण क्षेत्रों में लागत तालमेल और एकीकरण से लाभ मिलना चाहिए। सन अपने अधिग्रहणों के वित्तपोषण के लिए टारो की नकदी का उपयोग कर सकती है। अनुपालन में सुधार अन्य सकारात्मक बदलाव है। ऐसी रिपोर्टें आई हैं कि गुजरात के अंकलेश्वर में सन की ऐक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रिडिएंट इकाई को नो एक्शन इंडेकेटड दर्जा मिला है, जिससे उसके लिए उत्पादों का विनिर्माण एवं निर्यात करने की राह आसान हो गई है।
हालांकि यह सकारात्मक है, लेकिन इलारा सिक्योरिटीज में विश्लेषक बीनो पतीपरम्पिल का मानना है कि हलोल और मोहाली संयंत्रों पर अमेरिकी दवा नियामक की कार्रवाई के लंबे असर ने डेरुक्सोलिटिनिब की अमेरिकी पेशकश में विलंब बढ़ा दिया जो उसके अनुमानों के लिए अन्य जोखिम है। वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के बाद ब्रोकरेज फर्म ने न सिर्फ वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 के लिए अपने आय अनुमान 3-5 प्रतिशत तक बढ़ाए हैं बल्कि उसने इस शेयर के लिए कीमत लक्ष्य भी बढ़ाकर 1,524 रुपये कर दिया है। भारतीय व्यवसाय के लिए कंपनी ने प्रिस्क्रिप्शन-केंद्रित वृद्धि पर ध्यान दिया है।
लगातार पांच तिमाहियों तक सुस्त प्रदर्शन के बाद वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में वृद्धि की रफ्तार तेज हुई और तीसरी तिमाही में भी यह बनी रही। इन दोनों तिमाहियों में 11-11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। जहां कुछ ब्रोकरों का मानना है कि कंपनी मजबूत एक अंक में वृद्धि दर्ज करेगी वहीं अन्य का कहना है कि यह या तो भविष्य में फार्मा बाजार की वृद्धि के अनुरूप या उससे बेहतर प्रदर्शन करेगी। बिक्री और नई पेशकशों का सन के भारतीय व्यवसाय में तीन-चौथाई योगदान है जबकि पूरे दवा बाजार के लिहाज से यह दो-तिहाई है।
चिकित्सा प्रतिनिधि बल की संख्या 20 प्रतिशत तक बढ़ने से कंपनी को छोटे और मझोले बाजारों में अपनी पैठ बढ़ाने में मदद मिल सकती है। आईआईएफएल रिसर्च के शोध विश्लेषकों राहुल जीवानी और नमन बगरेचा का मानना है कि कंपनी स्पेशियल्टी व्यवसाय में लगातार तेजी, अमेरिकी जेनेरिक्स पर घटती निर्भरता और भारतीय व्यवसाय में दो अंक की वृद्धि की मदद से आगे भी बेहतर प्रदर्शन करेगी। ब्रोकरेज फर्म ने 1,625 रुपये कीमत लक्ष्य के साथ इस शेयर को खरीदें रेटिंग दी है।
घरेलू दवा बाजार में मजबूत स्थिति को ध्यान में रखते हुए शेयरखान रिसर्च ने भी सन फार्मा के शेयर को ‘खरीदें’ रेटिंग दी है। ब्रोकरेज फर्म ने वित्त वर्ष 2025 और वित्त वर्ष 2026 के लिए अपने आय अनुमान 1 प्रतिशत तक बढ़ा दिए हैं। उन्होंने शेयर की कीमत का लक्ष्य भी बढ़ाकर 1,727 रुपये कर दिया है।