परमाणु करार को लेकर पैदा हुई राजनीतिक अस्थिरता, वैश्विक बाजारों में मंदी और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का दबाव गुरुवार को शेयर बाजार पर बखूबी दिखा।
इसकी वजह से बाजार लगातार दूसरे दिन गिरावट के साथ बंद हुआ। भारी बिकवाली की वजह से बंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 334.32 अंक लुढ़क कर 15,087.99 के स्तर पर बंद हुआ।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी गिरावट का रुख रहा और यह 78.15 अंक गिरकर 4,504.25 के स्तर पर बंद हुआ। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी चारों ओर बिकवाली का रुख रहा। एशिया के सभी प्रमुख बाजार गुरुवार को गिरावट के साथ बंद हुए। बीएसई के स्मॉलकैप और मिडकैप में भी नरमी का रुख रहा और इसमें तकरीबन दो फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
अचल संपत्ति और बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों में चार फीसदी तक की गिरावट देखी गई, वहीं पूंजीगत वस्तु क्षेत्र 3 फीसदी कमजोर रहा। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां, तेल-गैस, फार्मा क्षेत्र में भी गिरावट का रुख रहा। सेंसेक्स में सबसे ज्यादा गिरावट करीब 7.5 फीसदी रैनबैक्सी के शेयरों में दर्ज की गई।
रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और भेल के शेयरों में पांच फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। एलएंडटी और एचडीएफसी बैंक के शेयर भी कमजोरी के साथ बंद हुए। हालांकि महिंद्रा एंड महिंद्रा, विप्रो और सिप्ला के शेयरों में मामूली बढ़त देखी गई।
राजनीति अस्थिरता, कच्चे तेल में तेजी का असर
एशियाई बाजारों में भी रहा गिरावट का रुख
फार्मा, रियल्टी और बैंकिंग क्षेत्रों में भारी बिकवाली
सेंसेक्स – 334.32
निफ्टी – 78.15
बीएसई में होगा फेरबदल!
देश के सबसे पुराने शेयर बाजार बंबई स्टॉक एक्सचेंज के निदेशक मंडल में फेरबदल किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को कड़ी चुनौती देने के लिए बीएसई के ढांचे में परिवर्तन किया जाना है। हालांकि सेबी के अध्यक्ष सी बी भावे ने इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
बीएसई के गैर कार्यकारी अध्यक्ष शेखर दत्ता और शेयरधारक निदेशक जमशेद गोदरेज के अपने अपने पद से इस्तीफा के बाद यह कदम उठाया गया है। बीएसई के सीईओ अशोक कुमार राउत और शीर्ष पदों के अन्य अधिकारियों द्वारा इस्तीफे की वजह प्रबंधन कार्यों से असहमत होना है।
कमजोर पड़ी रैनबैक्सी
बाजार में चौतरफा बिकवाली के बीच गुरुवार को प्रमुख फार्मा कंपनी रैनबैक्सी लेबोरेटरीज के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। गौरतलब है कि रैनबैक्सी ने बुधवार को कहा था कि उसने अमेरिकी कंपनी फाइजर के साथ कोलेस्ट्रॉल कम करने की दवा लिपिटार के संबंध में चल रहे पेटेंट विवाद को सुलझा लिया है।
इस खबर के बाद बंबई स्टॉक एक्सचेंज में सुबह के कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर 613.70 रुपये पर पहुंच गया, लेकिन बाद के कारोबार में इसमें गिरावट का रुख रहा और यह 7.7 फीसदी फिसल कर 552 रुपये पर पहुंच गया। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ही रैनबैक्सी के प्रवर्तक मालविंदर सिंह ने जापानी दवा कंपनी दायची-सांक्यो को अपने हिस्से के कुल 34.8 फीसदी शेयर बेचने का समझौता किया है।