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Stock Market Closing Bell, July 18: एशियाई बाजारों से मिलेजुले संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार सप्ताह के लास्ट ट्रेडिंग सेशन यानी शुक्रवार (18 जुलाई) को गिरावट के साथ बंद हुए। रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी दिग्गज कंपनियों के नतीजों से पहले निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। कंपनियों के तिमाही नतीजे कमजोर रहने की वजह से बाजार में गिरावट देखने को मिली। इसके अलावा प्राइवेट बैंक और फाइनेंशियल शेयरों में गिरावट ने शेयर बाजार को नीचे खींचा। एफआईआई (FIIs) की बिकवाली, अमेरिकी फेड नीति को लेकर वैश्विक अनिश्चितताएं और तेल की बढ़ती कीमतों ने निवेशकों की धारणा को और कमजोर कर दिया।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex)आज करीब 70 अंक की गिरावट लेकर 82,193.62 पर ओपन हुआ। खुलते ही इंडेक्स में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। करोबार के दौरान यह 81,608.13 अंक तक फिसल गया था। अंत में यह 501.51 अंक या 0.61% गिरकर 81,757.73 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 भी गिरावट के साथ 25,108.55 पर ओपन हुआ। खुलने के कुछ देर बाद यह 25000 के सपोर्टिंग लेवल के नीचे चला गया। अंत में यह 143.05 अंक या 0.57 फीसदी गिरकर 24,968.40 पर क्लोज हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में एक्सिस बैंक सबसे ज्यादा 5.25 फीसदी की गिरावट लेकर बंद हुआ। कोटक महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, कोटक बैंक, भारती एयरटेल, टाइटन, इटरनल, पावर ग्रिड और टेक महिंद्रा प्रमुख रूप से गिरावट में रहे। दूसरी तरफ, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, एचसीएल टेक, इंफोसिस और एमएंडएम के शेयरों में सबसे ज्यादा लाभ रहा।
सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी प्राइवेट बैंक 1.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ सबसे ज़्यादा गिरावट के साथ बंद हुआ। इंडेक्स में शामिल एक्सिस बैंक, आरबीएल बैंक, कोटक बैंक और एचडीएफसी बैंक में 5 प्रतिशत से ज़्यादा की गिरावट दर्ज की गई।
इसके अलावा, निफ्टी बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, एनर्जी, ऑटो, एफएमसीजी, रियल्टी, तेल एवं गैस और फार्मा सभी लाल निशान में बंद हुए। दूसरी ओर, निफ्टी मेटल, मीडिया और आईटी में बढ़त दर्ज की गई।
एशियाई मार्केट्स में आज मिलाजुला रुख देखने को मिल रहा है। वॉल स्ट्रीट से मिले पॉजिटिव संकेतों के बाद निवेशकों का कॉन्फिडेंस बढ़ा है। अमेरिका में अच्छे कॉर्पोरेट रिजल्ट्स और मजबूत इकोनॉमिक डेटा ने ग्लोबल सेंटिमेंट को सपोर्ट किया है।
अमेरिका के मजबूत आंकड़े
जून 2025 में अमेरिका की रिटेल सेल्स में 0.6% की बढ़ोतरी हुई है, जो दो महीने की गिरावट के बाद आई है। मार्केट का अनुमान सिर्फ 0.1% की ग्रोथ का था। इसके अलावा, साप्ताहिक जॉबलेस क्लेम्स भी घटकर 2.21 लाख हो गए हैं, जो अप्रैल के बाद सबसे कम हैं। इससे पहले 2.35 लाख का अनुमान था।
एशियाई बाजार का हाल
ASX 200 (ऑस्ट्रेलिया): 0.69% की बढ़त के साथ रिकॉर्ड हाई पर
Nikkei (जापान): 0.20% की गिरावट
Topix (जापान): हल्की कमजोरी के साथ फ्लैट
Kospi (दक्षिण कोरिया): 0.4% की गिरावट
जापान की महंगाई में नरमी
जून में जापान की कोर इन्फ्लेशन घटकर 3.3% पर आ गई, जो मई में 3.7% थी। यह गिरावट अनुमान के मुताबिक रही और इसका कारण चावल की कीमतों में नरमी है। हेडलाइन इन्फ्लेशन भी 3.3% रही। हालांकि, बैंक ऑफ जापान द्वारा मॉनिटर की जाने वाली “कोर-कोर” इन्फ्लेशन (जो फ्रेश फूड और एनर्जी को छोड़कर होती है) थोड़ा बढ़कर 3.4% हो गई, जो मई में 3.3% थी।
वॉल स्ट्रीट पर तेजी जारी
S&P 500: 0.54% की बढ़त के साथ 6,297.36 पर
Dow Jones: 0.52% की तेजी के साथ 44,484.49 पर
Nasdaq: 0.7% की बढ़त के साथ 20,885.65 पर बंद
भारतीय शेयर बाजार गुरुवार, 17 जुलाई को कमजोरी के साथ बंद हुए। एशियाई बाजारों से मिले-जुले संकेतों और आईटी कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजों ने निवेशकों के सेंटीमेंट्स को प्रभावित किया। अप्रैल-जून तिमाही के रिजल्ट उम्मीद से कमजोर आने के चलते आईटी शेयरों में आज 3% तक की गिरावट देखने को मिली।
इसके अलावा, भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की टिप्पणियों और फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के कार्यकाल को लेकर जारी अनिश्चितता ने भी बाजार में सतर्कता बढ़ा दी।
बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) की शुरुआत हल्की बढ़त के साथ 82,753.53 पर हुई थी, लेकिन बाजार खुलते ही इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिला। ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स गिरकर 82,219 अंक तक चला गया और आखिर में यह 375.24 अंक या 0.45% की गिरावट के साथ 82,259 पर बंद हुआ।
निफ्टी-50 (Nifty 50) की शुरुआत भी फ्लैट रही। यह 25,230.75 अंक पर खुला, लेकिन दिन के अंत तक इसमें कमजोरी आ गई और यह 100.60 अंक या 0.40% की गिरावट के साथ 25,111 पर क्लोज हुआ।