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Stock Market Closing Bell, July 17: एशियाई बाजारों से मिलेजुले रुख के बीच भारतीय शेयर बाजार गुरुवार (17 जुलाई) को गिरावट में बंद हुए। आईटी कंपनियों के अप्रैल-जून तिमाही के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहने के चलते निवेशकों के सेंटीमेंट्स प्रभावित हुए। इसके चलते आईटी स्टॉक्स (IT Stocks) में आज 3 फीसदी तक की गिरावट आई। साथ ही निवेशकों ने भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की टिप्पणियों के बीच सतर्क रुख अपनाया। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के कार्यकाल को लेकर अनिश्चितता से बाजार धारणा प्रभावित हुई।
तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज 88 अंक की मामूली बढ़त लेकर 82,753.53 अंक पर खुला। खुलते ही इसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिला। कारोबार के दौरान यह 82,219 अंक तक फिसल गया था। अंत में यह 375.24 अंक या 0.45 फीसदी की गिरावट के साथ 82,259 पर बंद हुआ।
इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) की शुरुआत आज फ्लैट रही। यह मामूली बढ़त के साथ 25,230.75 अंक पर खुला। हालांकि, अंत में यह 100.60 अंक या 0.40 प्रतिशत की गिरावट लेकर 25,111 पर क्लोज हुआ।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड में रिसर्च प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “भारतीय शेयर बाज़ार मामूली गिरावट के साथ बंद हुए। निवेशकों ने पहली तिमाही के आय घोषणाओं (विशेष रूप से टेक्नॉलजी और बैंकिंग क्षेत्रों) की सुस्त घोषणाओं के बीच सतर्क रुख अपनाया। अमेरिका-भारत व्यापार समझौते को लेकर अनिश्चितता के कारण लार्ज-कैप शेयरों के हाई वैल्यूएशन और एफआईआई की बिकवाली के कारण सुस्ती देखी गई।”
उन्होंने कहा, ”कोई भी सकारात्मक घटनाक्रम बाजार की धारणा को मज़बूत कर सकता है। मंद रुझान के बावजूद, मज़बूत घरेलू तरलता और रियल्टी व उपभोग आधारित शेयरों में चुनिंदा खरीदारी ने गिरावट को सीमित रखने में मदद की। इससे व्यापक बाजार सीमित दायरे में रहा। घरेलू मैक्रो फंडामेंटल, जैसे जीडीपी वृद्धि और स्थिर मुद्रास्फीति का रुख मध्यम से लंबी अवधि में सहायक बने हुए हैं।”
सेंसेक्स की कंपनियों में टेक महिंद्रा सबसे ज्यादा गिरावट लेकर बंद हुआ। पहली तिमाही के ख़राब नतीजों के चलते शेयर में 2.76 फीसदी की गिरावट आई। साथ ही इंफोसिस, एचसीएल टेक, इटरनल, एलऐंडटी, टीसीएस, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, रिलायंस और मारुति के शेयर गिरावट में रहे। दूसरी तरफ, टाटा स्टील 1.62 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ। इसके अलावा ट्रेंट लिमिटेड, टाइटन, टाटा मोटर्स, अल्ट्रा सीमेंट, बजाज फाइनेंस और सनफार्ना हरे निशान में रहे।
ब्रोडर मार्केटस की बात करें तो निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 0.27 प्रतिशत गिरा और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 0.18 प्रतिशत नीचे आया। सेक्टोरल मोर्चे पर निफ्टी आईटी सबसे ज़्यादा 1.39 प्रतिशत नीचे रहा। इंडेक्स में शामिल शेयरों में एलटीआईमाइंडट्री, टेक महिंद्रा, परसिस्टेंट सिस्टम्स, इंफोसिस, विप्रो, एम्फैसिस, कोफोर्ज और एचसीएल टेक में 1-1 प्रतिशत से ज़्यादा की गिरावट दर्ज की गई।
इसके अलावा निफ्टी बैंक, ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज, मीडिया और ऑइल एंड गैस सभी लाल निशान में बंद हुए। दूसरी ओर, निफ्टी रियल्टी में 1.24 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इसके बाद मेटल, कंज्यूमर ड्यूरेबल, एफएमसीजी, एनर्जी और फार्मा में भी बढ़त दर्ज की गई।
एशियाई बाजारों में आज मिलाजुला रुख देखने को मिल रहा है। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 0.46 फीसदी गिरकर कारोबार कर रहा है। जबकि टॉपिक्स इंडेक्स सपाट रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.79 फीसदी टूटा और ऑस्ट्रेलिया का ASX 200 0.54 फीसदी चढ़ गया।
अमेरिकी बाजारों के फ्यूचर्स में गिरावट रही। S&P 500 फ्यूचर्स 0.17 फीसदी, Nasdaq 100 फ्यूचर्स 0.18 फीसदी और डाउ जोन्स फ्यूचर्स लगभग 80 अंक या 0.18 फीसदी नीचे रहे। हालांकि, बुधवार को अमेरिकी बाजार मामूली बढ़त के साथ बंद हुए। S&P 500 में 0.32 फीसदी, डाउ जोन्स में 0.53 फीसदी और नैस्डैक में 0.26 फीसदी की तेजी आई। नैस्डैक लगातार नौवें दिन रिकॉर्ड क्लोज पर बंद हुआ।
जापान के कमजोर व्यापार आंकड़े और अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बयानों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया। जून में जापान की निर्यात गतिविधियां लगातार दूसरे महीने कमजोर रहीं। जून में निर्यात सालाना आधार पर 0.5 फीसदी घट गया। जबकि विश्लेषकों को बढ़त की उम्मीद थी। चीन को निर्यात में 4.7 फीसदी और अमेरिका को 11.4 फीसदी की गिरावट आई। इससे साफ है कि वैश्विक मांग अब भी कमजोर बनी हुई है। इन वैश्विक संकेतों का असर एशियाई बाजारों पर दिखा।
इस बीच, ट्रंप ने फेड चेयरमैन जेरोम पॉवेल को हटाने की खबरों को लेकर विरोधाभासी बयान दिए। पहले उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसा कोई प्लान नहीं है, लेकिन साथ ही यह भी जोड़ दिया कि वह किसी संभावना से इनकार नहीं करते। ट्रंप ने यह भी कहा कि जापानी सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का इरादा बरकरार है, जिससे जापान के साथ व्यापार समझौता फिलहाल मुश्किल लगता है।
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अब निवेशकों की नजर अमेरिका के जून महीने के रिटेल सेल्स, व्यापार आंकड़े और बेरोजगारी से जुड़े ताजा आंकड़ों पर है। इसके अलावा यूरोप के महंगाई और कोर महंगाई के आंकड़े भी आज जारी होंगे, जिनसे वैश्विक बाजार की धारणा प्रभावित हो सकती है।