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Gold Outlook: जनवरी से फिर बढ़ेगा सोना! एक्सपर्ट बोले- दिवाली की गिरावट को बना लें मुनाफे का सौदा

दिवाली के बाद सोने में आई गिरावट अस्थायी है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बाजार का सामान्य ठहराव है और जनवरी से कीमतों में फिर तेजी की उम्मीद है।

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देवव्रत बाजपेयी   
Last Updated- October 24, 2025 | 2:39 PM IST

Gold outlook: दिवाली के बाद सोने की कीमतों में जो गिरावट दिख रही है, उसे लेकर कई लोग सोच में हैं कि क्या यह रुझान लंबे समय तक रहेगा या यह सिर्फ कुछ दिनों की बात है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कोई चिंता की बात नहीं, बल्कि गिरावट में खरीदारी का एक अच्छा मौका है। उनके मुताबिक, यह गिरावट बस थोड़े समय का सुधार (शॉर्ट टर्म करेक्शन) है, जिसके बाद सोना फिर से अपनी चमक वापस पा सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह सोने के बाजार का एक स्वाभाविक और जरूरी ठहराव है। उनका मानना है कि आने वाले हफ्तों में सोने की चाल अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों और फेडरल रिजर्व के फैसलों पर निर्भर करेगी, लेकिन लंबी अवधि में इसका रुख ऊपर की ओर ही रहेगा।

क्यों गिरे सोने के दाम?

कामा ज्वेलरी के MD कॉलिन शाह का कहना है कि कि दिवाली से पहले सोने की कीमतें लगातार बढ़ रही थीं और कई बार रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचीं। ऐसे में जो गिरावट अब दिख रही है, वह एक सामान्य बाजार सुधार है। जब कोई वस्तु बहुत तेजी से बढ़ती है, तो कुछ समय बाद कीमतों में ठहराव आना स्वाभाविक है। यह गिरावट थोड़े समय के लिए है, और जैसे ही वैश्विक बाजार स्थिर होंगे, सोने की कीमतें फिर से ऊपर जाने लगेंगी।

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निवेशक और खरीदार क्या कर रहे हैं?

शाह बताते हैं कि निवेशक इस समय को “गिरावट में खरीदने का मौका” मान रहे हैं। कई लोग अभी सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं ताकि आने वाले महीनों में मुनाफा कमा सकें। सोना हमेशा से महंगाई से बचाव का सुरक्षित जरिया माना जाता है। वहीं उपभोक्ता भी इस मौके का फायदा उठा रहे हैं। खासकर शादियों के सीजन में आभूषण खरीदने के लिए। विशेषज्ञों के अनुसार, यह समय निवेशकों और आम खरीदारों दोनों के लिए फायदेमंद है।

क्या अमेरिका का डेटा तय करेगा सोने की चाल?

कमोडिटी एक्सपर्ट अनुज गुप्ता का मानना है कि आने वाले दिनों में सोने की दिशा अमेरिका के आर्थिक आंकड़ों से तय होगी। खासकर 29 अक्टूबर को होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक अहम रहेगी। अगर वहां ब्याज दरों में कटौती होती है तो सोने की कीमतों में फिर तेजी आएगी। लेकिन अगर दरें नहीं घटीं, तो सोने में थोड़ी और गिरावट देखी जा सकती है।

साल के अंत तक क्या होगा?

अनुज के मुताबिक, साल के आखिरी दो महीनों में बहुत ज्यादा बदलाव की उम्मीद नहीं है। इसका कारण यह है कि अमेरिकी फंड हाउस साल के अंत में अपनी बुक्स क्लोज करते हैं, जिससे वे नई पोजीशन नहीं लेते। यानी अभी बाजार थोड़ा शांत और स्थिर रह सकता है। लेकिन जनवरी 2026 से फिर से तेजी शुरू होने की संभावना है।

अगले साल का नजरिया

लंबी अवधि में सोना और चांदी दोनों के मजबूत रहने की उम्मीद है। अनुज का कहना है कि 2026 के अंत तक सोना $4500 से $5000 प्रति औंस तक जा सकता है, जबकि चांदी $60 से $70 प्रति औंस तक पहुंच सकती है। हालांकि यह सब अमेरिका की नीतियों, ब्याज दरों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार माहौल पर निर्भर करेगा।

निवेशकों के लिए सलाह

कमोडिटी एक्सपर्ट अनुज की राय है कि सोना और चांदी में निवेश समझदारी से और धीरे-धीरे करें। अपने निवेश पोर्टफोलियो का 10–15% हिस्सा इन दोनों में रखना बेहतर रहेगा। इसमें 60% सिल्वर और 40% गोल्ड का अनुपात ठीक रहेगा। एक साथ बड़ी रकम लगाने की बजाय हर महीने थोड़ा-थोड़ा निवेश करें, जैसे SIP में करते हैं। इससे जोखिम कम होगा और औसत लागत घटेगी।

First Published : October 24, 2025 | 1:34 PM IST