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नारायण मूर्ति और नंदन नीलेकणि ने Infosys Buyback से बनाई दूरी, जानिए क्यों नहीं बेच रहे शेयर

टैक्स नियमों में बदलाव से भारतीय निवेशकों पर बढ़ा बोझ, प्रमोटरों ने बायबैक ऑफर ठुकराया; विशेषज्ञ बोले – एनआरआई को मिलेगा बड़ा फायदा

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देवव्रत बाजपेयी   
Last Updated- October 24, 2025 | 11:54 AM IST

Infosys Buyback: आईटी कंपनी इन्फोसिस लिमिटेड ने 11 सितंबर 2025 को अपने शेयरों की बायबैक योजना की घोषणा की थी। कंपनी ने कहा था कि वह अपने शेयर ₹1,800 प्रति शेयर की दर से खरीदेगी, जबकि उस दिन शेयर बाजार में इन्फोसिस का भाव ₹1,510 था। फिलहाल यह करीब ₹1,472 प्रति शेयर पर चल रहा है। पहली नजर में यह ऑफर आकर्षक दिखता है क्योंकि कंपनी बाजार भाव से करीब ₹328 प्रति शेयर ज्यादा दे रही है। लेकिन टैक्स नियमों में हालिया बदलाव के चलते यह प्रस्ताव भारतीय निवेशकों के लिए उतना फायदेमंद नहीं है। यही कारण है कि कंपनी के प्रमोटरों ने Infosys Buyback में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है।

क्या टैक्स नियमों ने प्रमोटरों को रोका?

टैक्स विशेषज्ञ और आईसीएआई (Institute of Chartered Accountants of India) के पूर्व अध्यक्ष वेद जैन ने बताया, “फाइनेंस (नंबर 2) एक्ट 2024 में किए गए संशोधन के बाद कंपनी द्वारा शेयरों की बायबैक पर मिलने वाली पूरी रकम को अब ‘डिविडेंड इनकम’ माना जाएगा। इसका मतलब है कि निवेशक को पूरी राशि पर टैक्स देना होगा, न कि केवल लाभ पर।”

वेद जैन के अनुसार, अगर किसी निवेशक की आय ₹1 करोड़ से अधिक है तो उसे इस आय पर 35.88% टैक्स देना होगा। इस हिसाब से ₹1,800 पर टैक्स करीब ₹646 बैठेगा और टैक्स काटने के बाद निवेशक के हाथ में बचेगा केवल ₹1,154 प्रति शेयर।

क्या बाजार में शेयर बेचने से टैक्स बच सकता है?

उन्होंने ने बताया कि अगर निवेशक बायबैक में हिस्सा न लेकर शेयर बाजार में बेचता है तो उसे फायदा हो सकता है। उन्होंने कहा, “अगर निवेशक ने शेयर ₹100 में खरीदा और ₹1,472 में बेचा तो उसे ₹1,372 का लाभ होगा। इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स सिर्फ 14.95% लगेगा यानी टैक्स ₹205 होगा और निवेशक के पास ₹1,267 प्रति शेयर बचेगा।”

इस तरह देखा जाए तो बायबैक में हिस्सा लेने की तुलना में बाजार में शेयर बेचने से निवेशक को ₹113 प्रति शेयर ज्यादा मिल सकते हैं।

क्या NRI निवेशकों के लिए सुनहरा मौका है?

जैन ने बताया कि जहां भारतीय निवेशकों को टैक्स नियमों से नुकसान हो रहा है वहीं गैर-निवासी निवेशक (NRIs) इस बायबैक से फायदा उठा सकते हैं।

वह कहते हैं, “एनआरआई निवेशकों पर टैक्स ट्रीटी के तहत डिविडेंड इनकम पर केवल 5% से 20% तक टैक्स लगता है। साथ ही, चूंकि प्रमोटर Infosys Buyback में हिस्सा नहीं ले रहे हैं, इसलिए एनआरआई शेयरधारकों को अधिक शेयर बेचने का मौका मिलेगा।”

क्या यह प्रमोटरों का रणनीतिक फैसला है?

उनका कहना है कि इन्फोसिस के प्रमोटरों का बायबैक से दूर रहना सोचा-समझा और टैक्स के हिसाब से सही कदम है। भारतीय निवेशकों के लिए टैक्स भार इस योजना को घाटे का सौदा बना रहा है, जबकि विदेशी निवेशकों के लिए यह लाभ का बड़ा अवसर साबित हो सकता है।

First Published : October 24, 2025 | 11:23 AM IST