देसी इक्विटी बाजार सोमवार को आधा फीसदी फिसल गया और इस तरह उसने एक दिन पहले विशेष मुहूर्त कारोबार के दौरान हुई बढ़त का ज्यादातर हिस्सा गंवा दिया। सूचकांक की दिग्गज कंपनियों मसलन एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज में गिरावट के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में सतर्कता का भी असर पड़ा। सोमवार को सेंसेक्स 326 अंक टूटकर 64,934 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी-50 इंडेक्स 82 अंकों की फिसलन के साथ 19,443 पर टिका।
ज्यादातर वैश्विक बाजारों में कारोबार मिलाजुला रहा क्योंकि ट्रेडरों की नजर अमेरिका-चीन के बीच बातचीत और अमेरिकी महंगाई के आंकड़े जारी होने जैसे बड़े घटनाक्रम पर लगी रही। बाजार के प्रतिभागियों ने कहा कि त्योहारी सीजन के बीच देसी निवेशकों की तरफ से सहभागिता के अभाव का भी सेंटिमेंट पर असर पड़ा। मंगलवार को देसी बाजार बंद रहेंगे।
इस बीच एक महीने पहले 14 महीने के उच्चस्तर पर पहुंचने के बाद भारत के औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर सितंबर में धीमी पड़ गई जो मांग में नरमी का संकेत है। औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक यानी आईआईपी सितंबर 5.8 फीसदी बढ़ा जबकि यह अगस्त में 10.3 फीसदी बढ़ा था। अप्रैल-सितंबर में आईआईपी की वृद्धि दर सिकुड़कर 6 फीसदी रह गई, जो एक साल पहले इस अवधि में 7.1 फीसदी थी।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि आईआईपी वृद्धि दर में तेज गिरावट वैश्विक रुख को बताती है, जो बढ़ती ब्याज दरों व महंगाई से प्रभावित हुआ है। भारतीय रुपये की कमजोरी से भी एफपीआई सतर्क हैं।
विश्लेषकों ने कहा कि मौजूदा माहौल निवेशकों के लिए मुश्किल भरा है क्योंकि वृद्धि दर में नरमी से आर्थिक गिरावट नजर आएगी। ऊंची ब्याज दरें, मजबूत डॉलर, राजनीतिक व भूराजनीतिक अनिश्चितताएं और चीन में जारी आर्थिक चुनौतियां अल्पावधि के कुछ अहम अवरोध होंगे।
विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि भारतीय बाजार में गिरावट मजबूत आय, आर्थिक स्थिरता और देसी संस्थागत निवेशकों के निवेश से थम सकती है। अल्पावधि में बाजार की दिशा अमेरिका व चीन के आर्थिक आंकड़ों, मौद्रिक नीति अधिकारियों के बयानों से तय हो सकती है, जो भविष्य में दर बढ़ोतरी को लेकर कुछ सवाल उठाएंगे।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि दीवाली के दौरान रविवार को संवत 2080 के पहले सत्र में भारतीय इक्विटी में मजबूत बढ़त देखने को मिली, लेकिन सोमवार को भारतीय इक्विटी में सुस्ती रही।
इसकी मुख्य वजह त्योहारी सीजन के बीच देसी भागीदारी का अभाव और मंगलवार को बाजार की बंदी है। कारोबारी लिहाज से टुकड़ों में बंटे इस हफ्ते में दूसरी तिमाही के नतीजों का सीजन समाप्त होने के साथ हम व्यापक दायरे में बाजार में एकीकरण की उम्मीद कर रहे हैं।
बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मिला जुला रहा। 2,098 शेयर टूटे जबकि 1,732 में इजाफा हुआ। सेंसेक्स के दो तिहाई से ज्यादा शेयर टूटे। एचडीएफसी बैंक में 0.7 फीसदी की गिरावट आई और सेंसेक्स की गिरावट में उसका योगदान सबसे ज्यादा रहा। रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 0.7 फीसदी गिरा। बीएसई के 19 क्षेत्रीय सूचकांकों में आईटी इंडेक्स सबसे ज्यादा 0.8 फीसदी फिसला।