मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने सप्ताह की समाप्ति करीब 5 फीसदी के नुकसान के साथ की। यह 15 महीने का सबसे बड़ा नुकसान है। बाजार में बुलबुले पर लगाम कसने को लेकर बाजार नियामक के कदमों के बीच यह गिरावट देखने को मिली। ब्लू चिप शेयरों वाले बेंचमार्क सूचकांकों ने पांच महीने में सबसे खराब सप्ताह का सामना किया।
कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयरों में शुक्रवार को गिरावट आई। कारण कि अमेरिका में अनुमान से ज्यादा महंगाई के आंकड़ों ने ब्याज दरों में कटौती का परिदृश्य धुंधला कर दिया। सेंसेक्स ने 454 अंकों की गिरावट के साथ 72,643 पर कारोबार की समाप्ति की। निफ्टी 123 अंक टूटकर 22,023 पर टिका।
दोनों ही सूचकांकों में हफ्ते के दौरान 2-2 फीसदी की गिरावट आई। यह 11 फरवरी के बाद उनकी पहली साप्ताहिक गिरावट है और 29 अक्टूबर 2023 के बाद सबसे खराब साप्ताहिक गिरावट। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स कारोबारी सत्र में 1.5 फीसदी टूटा लेकिन अंत में 0.4 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ। निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.5 फीसदी की गिरावट आई और उसने साप्ताहिक नुकसान को 4.6 फीसदी पर पहुंचा दिया।
सेबी प्रमुख की इस टिप्पणी के बाद बाजार में भारी उतारचढ़ाव देखा गया कि बाजार में बुलबुले वाले कुछ क्षेत्र हैं और ऐसे बुलबुले को नहीं बनने देना चाहिए। अमेरिका में महंगाई के ताजा आंकड़ों ने झंझावात में इजाफा कर दिया क्योंकि इस कारण इस साल ब्याज दरों में कटौती की संख्या को लेकर भरोसा टूट गया।
फेडरल रिजर्व अगले हफ्ते लगातार पांचवें महीने ब्याज दरों को अपरिवर्तित रख सकता है। उतारचढ़ाव वाली खाद्य व ऊर्जा श्रेणियों को अलग रखने वाला प्रोड्यूसर प्राइस इंडेक्स (पीपीआई) पिछले महीने से 0.3 फीसदी चढ़ा जबकि एक साल पहले के मुकाबले 2 फीसदी। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कह कि अमेरिकी फेड के नीतिगत कदम और टिप्पणी अहम होंगी क्योंकि मिले जुले आर्थिक आंकड़ों ने निवेशकों को ब्याज दर कटौती की समयसीमा को लेकर चिंतित कर दिया है। हमें लगता है कि अल्पावधि में बाजारों में उतारचढ़ाव रहेगा और लार्जकैप व सुरक्षात्मक शेयरों पर ध्यान केंद्रित रहेगा।
म्युचुअल फंडों की स्मॉल व मिडकैप योजनाओं के स्ट्रेस टेस्ट के नतीजे ने भी निवेशकों को परेशान रखा। नतीजे से अलग-अलग रुझान का संकेत मिला। उन दोनों क्षेत्रों की योजनाओं में फंडों को अपने पोर्टफोलियो को बेचने के लिए 2 से 30 दिन की जरूरत होगी। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने कहा कि निफ्टी बढ़त पर बिकवाली के दबाव का सामना कर रहा है और यह जारी रह सकती है।
जसानी ने कहा कि निफ्टी को अब 21,861 और फिर 21,750 पर सहारा मिल सकता है। बढ़त पर इसे 22,203 और बाद में 22,405 पर सख्त प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात मिला जुला रहा और 2,106 शेयर गिरे जबकि 1,725 में इजाफा हुआ। सेंसेक्स के 80 फीसदी शेयर टूटे। 0.98 फीसदी गिरने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सेंसेक्स की गिरावट में सबसे ज्यादा योगदान किया, जिसके बाद महिंद्रा ऐंड महिंद्रा का स्थान रहा जो 4.7 फीसदी फिसला।