भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड(सेबी) ने देश में छोटे और मझौले उद्योगों(एसएमई) के विकसित हो रहे बाजार के लिए दिशा निर्देशों का एक प्रस्ताव दिया है।
ये प्रस्ताव पूरी तरह एसएमई पर केंद्रित एक अलग शेयर बाजार स्थापित करने के लिए दिए गए हैं। यहां दर्ज होने वाली कंपनियों के आईपीओ ती मर्चेंट बैंकर्स से अंडरराइटिंग कराना अनिवार्य होगा और यह मर्चेंट बैंकर्स अपनेक्लायंट के लिए मार्केट मेकर का काम करेंगे।
यही नहीं केवल एसएमई सेगमेंट की कंपनियों को सेवाएं मुहैया कराने के लिए विशेष मर्चेंट बैंकर्स रहेंगे जिन्हे सिर्फ इसी काम के लिए लाइसेंस दिया जाएगा। इन आईपीओं के लिए प्राइस डिस्कवरी फिक्स्ड प्राइस मकैनिज्म प्रक्रिया से या फिर बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के जरिए किया जा सकेगा। सेबी ने 6 जून 2008 से पहले अपने इस प्रस्ताव पर सुझाव मंगाए हैं।
इससे पहले बॉम्बे शेयर बाजार(बीएसई) में ओटीसीईआई और इंडोनेक्स्ट प्लेटफार्म बनाने के सेबी के प्रयास विफल रहे थे। आईपीओ में रिटेल पार्टिसिपेशन के लिए न्यूनतम निवेश की सीमा 5 लाख रुपये रखे जाने का प्रस्ताव है। इस प्रस्तावित एक्सचेंज में कारोबार और सेटलमेंट पर पर्याप्त विकल्प उपलब्ध होंगे। कारोबार ऑर्डर या फिर कोट के आधार पर होंगे,जबकि सेटलमेंट ऑन रोलिंग,ट्रेड फॉर ट्रेड या फिर कॉल ऑक्शन के जरिए हो सकता है।
आईपीओ के बाद अधिकतम 25 करोड़ रुपये की पोस्ट इश्यू कैपिटल रखने वालों को ही एसएमई बाजार में कारोबार की अनुमति मिलेगी। सेबी की वर्तमान डीपीआई गाइडलाइन के अनुसार आईपीओ लाने वाली कंपनी की तीन पूरे कारोबारी वर्षों के लिए हर साल वास्तविक संपत्ति कम से कम तीन करोड़ और नेट वर्थ 1 करोड़ होनी चाहिए। सेबी इस प्रस्तावित एक्सचेंज के लिए इस नियम में ढील दे सकती है। इसके साथ ही सेबी ऑफर दस्तावेजों की पड़ताल भी नहीं करेगा।
यहां निवेशकों से उम्मीद होगी कि वे इन इश्यू में सोमसमझकर अपने विवेक से निवेश करें। साथ ही निवेशकों की संख्या में कोई बंदिश नहीं होगी। इस प्रस्तावित एक्सचेंज के छोटे आकर और कम लागत को देखते हुए लिस्टिंग की आवश्यकताओं, डिस्क्लोजर के मानकों में उपयुक्त छूट दी जाएगी। लागत घटाने की गरज से इश्यू के लिए आवेदन केवल इलेक्ट्रानिक माध्यमों से किया जा सकेगा।
सेबी के अनुसार इस एक्सचेंज में नतीजे भी छमाही आधार पर जारी किए जा सकेंगे। यह परिणाम भी बिना ऑडिट किए पेश किए जाने की छूट होगी। हालांकि एसएमई एक्सचेंज पर सेबी के मानक कठोर होंगे।