facebookmetapixel
Year Ender 2025: ट्रंप के जवाबी शुल्क से हिला भारत, 2026 में विविध व्यापार रणनीति पर जोर छोटे राज्य बन गए GST कलेक्शन के नायक: ओडिशा और तेलंगाना ने पारंपरिक आर्थिक केंद्रों को दी चुनौतीYear Ender 2025: इस साल बड़ी तादाद में स्वतंत्र निदेशकों ने दिया इस्तीफा, जानें वजहेंGMP अनुपालन की चुनौती, एक चौथाई MSME दवा विनिर्माता ही मानकों पर खरा उतर पाएंगीतेजी के बाद नए साल में अमेरिका फोक्स्ड फंड्स का कम रह सकता है जलवासाल 2026 में क्या बरकरार रहेगी चांदी की चमक! एक्सपर्ट्स ने बताई आगे की इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी 2025 में चमका सोना, लेकिन 2026 में निवेशक सावधान: रिटर्न के पीछे भागने से बचें और संतुलन बनाए रखेंYear Ender 2025: भयावह हादसों ने दिए गहरे जख्म, प्लेन क्रैश, आग, बाढ़ और भगदड़ ने खोली व्यवस्थाओं की कमजोरियांटाटा पावर का बड़ा लक्ष्य: 15% ऑपरेशन प्रॉफिट और मुंद्रा प्लांट जल्द फिर से शुरू होने की उम्मीदस्टोनपीक का ओपन ऑफर: कैस्ट्रॉल इंडिया के शेयर में बड़ी तेजी की संभावना कम

कम अवधि के म्युचुअल फंड ने की शांत वापसी

Last Updated- December 05, 2022 | 4:33 PM IST

हाल-फिलहाल गिरते बाजार के बीच कम अवधि के डेट फंड के प्रदर्शन ने निवेशकों को अपनी निवेश प्राथमिकता बदलने पर मजबूर कर दिया है। इसका कारण निश्चित अवधि के मैच्योरिटी प्लान का फीका प्रदर्शन भी रहा है।


अगर वर्तमान स्थिति जारी रहती है तो सभी डेट फंड में कम अवधि वाले डेट फंड के वापस लौटने के आसार हैं।


कोलकाता स्थित एसकेपी सिक्योरिटीज के शोध के अनुसार एसटीएफ को तीन मुख्य विभागों में विभाजित किया गया है-गिल्ट फंड(कम अवधि),लिक्विड फंड और लिक्विड प्लस फंड। इनकी अवधि तीन से छह महीने होती है।


तीन महीनों में एसटीएफ से होने वाली धन वापसी 2.15 फीसदी रही जबकि गिल्ट फंड, लिक्विड फंड और लिक्विड प्लस फंड से वापसी क्रमश: 2.02 फीसदी,1.87 फीसदी और 2.09 फीसदी रही।


इसी प्रकार पिछले छह महीनों में गिल्ट फंड, लिक्विड फंड और लिक्विड प्लस फंड से होने वाली वापसी क्रमश: 3.79 फीसदी, 3.69 फीसदी और 4.12 फीसदी रही जबकि इसकी तुलना में डेट फंड से 4.31 फीसदी का लाभ मिला था।


अगर सालाना वापसी के नजरिये से विचार किया जाय तो सिर्फ लिक्विड प्लस फंड ही एसटीएफ फंड से बेहतर रहे। एसटीएफ फंडों की वापसी 7.38 फीसदी रही जबकि लिक्विड फंड से 8.10 फीसदी की वापसी मिली थी।


इन कारणों से इन फंडों में निवेश की प्रवृत्ति बढ़ रही है और निवेशक इस प्रकार के फंड की ओर आकर्षित हो रहे हैं।


ब्याज दरों के अपने उच्चतम स्तर पर होने और बढ़ती मंहगाई के चलते नियम कानूनों में रद्दोबदल की कम आशंका के चलते और क्रेडिट ग्रोथ में धीमेपन के चलते एसटीएफ की लोकप्रियता बढ़ने के आसार हैं।


जहां लगभग सभी एफएमपीस( तिमाही ) में खास वृध्दि के आसार दिखाई नही दे रहे हैं। वहीं एसटीएफ इसके दूसरे छोर पर खडे हैं। इसके अलावा एसटीएफ में मौजूदा प्रतिभूतियों का अगर कोई फंड मैनेजर बेहतर फायदा उठाये तो इससे अच्छी वापसी पायी जा सकती है।


इस संदर्भ में एसटीएफ निवेशकों के लिये एक योग्य विकल्प होगा जो कि लिक्विड और लिक्विड फंड में निवेश करके सीधी आय कमाना चाहते हैं।
 
 

First Published - March 13, 2008 | 6:20 PM IST

संबंधित पोस्ट