विश्लेषकों का मानना है कि मॉनसून सीजन शुरू होने से अगले कुछ महीनों के दौरान मांग कमजोर रहने के साथ साथ कीमतों में इजाफा नहीं होने से अल्पावधि में सीमेंट शेयरों की चाल (Cement Shares) धीमी बनी रह सकती है।
हालांकि अच्छी रणनीति के तौर पर उनकी सलाह है कि निवेशक गिरावट पर संबंधित शेयर खरीद सकते हैं जिससे कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में उछाल का लाभ उठाया जा सके।
स्वास्तिक इन्वेस्टमार्ट की प्रमुख (वेल्थ) शिवानी न्याति ने कहा, ‘सीजन से संबंधित मांग में अल्पावधि में गिरावट आ सकती है लेकिन कई कारकों से वर्ष के आखिर में संभावित सुधार के संकेत दिख रहे हैं। सरकार के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर देने और सस्ते आवास क्षेत्र पर लगातार ध्यान देने से मध्यावधि से दीर्घावधि में मांग को मजबूती मिल सकती है।’
उनका कहना है कि इसलिए लंबी अवधि के नजरिये वाले निवेशक मजबूत कंपनियों के शेयर खरीद सकते हैं। उनके पसंदीदा शेयरों में अल्ट्राटेक सीमेंट (UltraTech Cement) और जेके लक्ष्मी सीमेंट मुख्य रूप से शामिल हैं।
पिछले 6 महीनों के दौरान सीमेंट शेयरों ने मिला-जुला प्रदर्शन किया है। एसीई इक्विटी के आंकड़ों से पता चलता है कि रैमको सीमेंट्स, डालमिया भारत और नुवोको विस्टास में 10 प्रतिशत से 23 प्रतिशत के बीच गिरावट आई है।
मंगलम सीमेंट, अंबुजा सीमेंट, एसीसी और जेके सीमेंट में 109 प्रतिशत तक की तेजी आई। तुलनात्मक रूप से निफ्टी-50 इस दौरान 13.3 प्रतिशत चढ़ा।
कमजोर मांग
पिछले कुछ वर्षों के दौरान सीमेंट उद्योग को खासकर आवास क्षेत्र से मजबूत मांग, सड़क, एक्सप्रेसवे, हवाई अड्डा, मेट्रो रेल के निर्माण जैसी कई परियोजनाओं की मदद से ऊंची बिक्री वृद्धि का लाभ मिला है।
साथ ही ग्रामीण मांग भी बढ़ी है। वित्त वर्ष 2023 में सालाना आधार पर 8.8 प्रतिशत की बिक्री वृद्धि दर्ज की गई, वहीं वित्त वर्ष 2024 के पहले 9 महीनों में यह 10 प्रतिशत रही।
इंडिया रेटिंग्स के विश्लेषकों का मानना है कि पूरे वित्त वर्ष 2024 के लिए मांग वृद्धि सालाना आधार पर 9 प्रतिशत के आसपास रहेगी लेकिन वित्त वर्ष 2025 में यह सालाना आधार पर 5 से 7 प्रतिशत कमजोर रहेगी।
एजेंसी ने इस क्षेत्र पर अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है, ‘हालांकि वित्त वर्ष 2025 में मांग इन्फ्रास्ट्रक्चर और आवासीय एवं वाणिज्यिक सेगमेंट की मजबूती पर आधारित है, लेकिन यह वित्त वर्ष 2023- 2024 के स्तर के मुकाबले कम रहेगी। जीडीपी वृद्धि के लिहाज से सीमेंट मांग वित्त वर्ष 2025 में 0.9 गुना के दीर्घावधि औसत के साथ नरम रहेगी।’
कीमतों की बात करें तो नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार पूर्वी क्षेत्र में अप्रैल के पहले सप्ताह में 30 रुपये प्रति बैग की वृद्धि दर्ज की गई जबकि उत्तर और मध्य भारत में यह वृद्धि 10-15 रुपये प्रति बैग रही। हालांकि भीषण गर्मी और आम चुनाव के बीच कमजोर मांग की वजह से ये कीमत वृद्धि वापस ले ली गई।
ब्रोकरेज ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है, ‘वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही के लिए परिदृश्य सुस्त दिख रहा है और हमें आम चुनाव समाप्त होने तक किसी बड़ी कीमत वृद्धि के आसार नहीं नजर नहीं आ रहे हैं।