सिल्वरगेट कैपिटल, सिलिकन वैली बैंक (SVB), और सिग्नेचर बैंक बंद होने के बाद वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र में पैदा हुए दबाव और क्रेडिट सुइस पर मंडरा रहे खतरे से अर्थव्यवस्था और बाजारों के लिए परिदृश्य प्रभावित हुआ है। विश्लेषक सतर्कता बरत रहे हैं और निवेशकों को तब तक बैंकिंग शेयरों पर दांव नहीं लगाने की सलाह दे रहे हैं जब तक कि अनिश्चितताएं पूरी तरह दूर नहीं हो जातीं और धारणा में सुधार नहीं आता। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने इन तीन बैंकों पर संकट को ध्यान में रखते हुए अमेरिकी बैंकिंग प्रणाली के लिए अपना आउटलुक ‘स्टैबल’ से घटाकर ‘निगेटिव’ कर दिया है।
तीन अमेरिकी बैंकों पर संकट के बीच क्रेडिट सुइस को अपनी तरलता (Liquidity) बढ़ाने के लिए 54 अरब डॉलर की मदद मिलेगी। रिपोर्टों के अनुसार, वर्ष 2008 में पैदा हुए वैश्विक वित्तीय संकट के बाद यह पहला प्रमुख वैश्विक बैंक जिसे इस तरह की बड़ी वित्तीय मदद दी जा रही है।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार का कहना है कि हालांकि 2008 के वित्तीय संकट की तरह इस बार ज्यादा गंभीर समस्याएं नहीं दिख रही हैं, उन्होंने निवेशकों को संकट पूरी तरह टल जाने का इंतजार करने का सुझाव दिया है।
विजयकुमार का कहना है, ‘चूंकि सभी बैंक आपस में जुड़े हुए हैं, इसलिए बैंकिंग संकट फैलने का डर बाजारों को सता रहा है। क्रेडिट सुइस को एक साल से ज्यादा समय से समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, भले ही अन्य बड़े यूरोपीय बैंक मजबूत हालत में हैं। अमेरिका में कुछ क्षेत्रीय बैंकों में संकट का वहां बड़े बैंकों और उनकी वित्तीय व्यवस्था पर असर पड़ने की आशंका नहीं है। अधिकारी इन समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए तेजी से कदम उठा रही हैं। निवेशकों को घबराना नहीं चाहिए और संकट टल जाने का इंतजार करना चाहिए।’
कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक, बैंकिंग सूचकांक कमजोर रहा है। निफ्टी बैंक सूचकांक कैलेंडर वर्ष 2023 में करीब 9 प्रतिशत फिसला है, जबकि निफ्टी-50 सूचकांक में करीब 6 प्रतिशत की गिरावट आई है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और पंजाब नैशनल बैंक (PNB) में इस अवधि के दौरान 15 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है।
एसीई इक्विटी के आंकड़े से पता चलता है कि इंडसइंड बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बंधन बैंक, और ऐक्सिस बैंक में इस अवधि के दौरान 11 से 15 प्रतिशत के बीच गिरावट आई।
शेयरखान बाई बीएनपी पारिबा में वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूंजी बाजार रणनीति के प्रमुख गौरव दुआ का कहना है कि बैंकिंग शेयर कमजोर प्रदर्शन कर सकते हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में समस्याएं जल्द दूर होने की संभावना नहीं दिख रही है।
जेफरीज के विश्लेषकों का मानना है कि क्रेडिट सुइस भारत की वित्तीय प्रणाली के लिए SVB के मुकाबले ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसकी 200 अरब रुपये से ज्यादा की परिसंपत्तियां (assets) हैं।