facebookmetapixel
20s में अगर ये मनी हैबिट्स सीख लीं, तो 40 तक बन सकते हैं करोड़पतिGold, silver price today: सोने-चांदी की कीमतों में तेजी; MXC पर चेक करें आज का भावGST 2.0 झटका या जैकपॉट? SBI रिपोर्ट ने बताईं कई जरूरी बातेंGST राहत से इंश्योरेंस पॉलिसियों की खरीद टाल सकते हैं ग्राहक, बिक्री में अस्थायी गिरावट संभवGST घटाने को लेकर केंद्र और राज्यों का साझा फैसला: CBIC चेयरमैनऑइल मार्केटिंग कंपनियों पर कम कीमत और ज्यादा जीएसटी की दोहरी मार2 साल में 1136% रिटर्न! अब पहली बार स्टॉक स्प्लिट और डिविडेंड का तोहफा, सितंबर में रिकॉर्ड डेटभारत-सिंगापुर ने बढ़ाई रणनीतिक साझेदारी, 5 अहम समझौतों पर हस्ताक्षरGST 2.0 का स्वागत, लेकिन कुछ राज्यों ने राजस्व हानि पर जताई चिंताकंपनियों में रोमांस: स्पष्ट नियम-कायदे पर बढ़ती सक्रियता

SEBI से भिड़ी अमेरिकी फर्म Jane Street, SAT में दायर किया मुकदमा; जरूरी दस्तावेज साझा करने की अपील

सेबी ने 3 जुलाई को जारी अंतरिम आदेश में जेन स्ट्रीट पर निफ्टी बैंक इंडेक्स (Nifty Bank index) में हेरफेर करने का आरोप लगाया था और उसे भारत में ट्रेडिंग करने से रोक दिया

Last Updated- September 03, 2025 | 6:30 PM IST
Jane Street

अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ने बुधवार को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया है। जेन स्ट्रीट का कहना है कि बाजार में हेरफेर (market manipulation) के आरोपों का बचाव करने के लिए उसे जरूरी दस्तावेजों तक पहुंच नहीं दी गई है।

रॉयटर्स द्वारा देखी गई फाइलिंग्स के मुताबिक, सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) में दायर मुकदमे में कंपनी ने ट्रिब्यूनल से मांग की है कि सेबी को इन दस्तावेजों को साझा करने का निर्देश दिया जाए, जिन्हें नियामक खुद ही आरोपों को खारिज करने के लिए जरूरी बता रहा है।

जेन स्ट्रीट ने अपनी अपील में कहा, “ये दस्तावेज निस्संदेह प्रासंगिक हैं।”

जेन स्ट्रीट पर क्या हैं आरोप?

सेबी ने 3 जुलाई को जारी अंतरिम आदेश में जेन स्ट्रीट पर निफ्टी बैंक इंडेक्स (Nifty Bank index) में हेरफेर करने का आरोप लगाया था और उसे भारत में ट्रेडिंग करने से रोक दिया था।

Also Read: मुकेश अंबानी की Reliance जुटाएगी ₹18,000 करोड़, जापानी बैंकों से भी लोन लेने का प्लान

सेबी के अनुसार, कंपनी ने दो चरणों वाली रणनीति अपनाई थी—

  • पहले, कैश और फ्यूचर्स दोनों बाजारों में इंडेक्स से जुड़े शेयर खरीदकर इंडेक्स को आर्टिफिशली ऊपर धकेला।
  • इसके बाद, बड़ी शॉर्ट पोजीशन रखते हुए इंडेक्स ऑप्शंस में दांव लगाकर अपनी पोजीशन खाली की और इंडेक्स में गिरावट से मुनाफा कमाया।

जेन स्ट्रीट का पक्ष

जेन स्ट्रीट ने सेबी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उसकी गतिविधियां सामान्य ‘इंडेक्स आर्बिट्राज’ का हिस्सा थीं। यह एक ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी है, जिसका मकसद अलग-अलग बाजारों में कीमतों के अंतर का फायदा उठाकर लिक्विडिटी और एफिशिएंसी बढ़ाना होता है।

आदेश आने के कुछ दिनों बाद कर्मचारियों को भेजे गए एक आंतरिक नोट में कंपनी ने सेबी की जांच को “मूल रूप से गलत” बताया।

Also Read: Bandhan MF ने उतारा नया फंड, सिर्फ ₹100 की SIP से 21 सेक्टर्स की टॉप कंपनियों में निवेश का मौका

जेन स्ट्रीट से 18 जुलाई को बैन हटा

जेन स्ट्रीट पर से बैन 18 जुलाई को हटा लिया गया, जब जेन स्ट्रीट ने एक एस्क्रो खाते में ₹4,843 करोड़ जमा करा दिए। यही वह राशि थी, जिसे सेबी ने विवादित सौदों से कंपनी का मुनाफा बताया था।

हालांकि बैन हट चुका है, लेकिन कंपनी ने अब तक इंडेक्स ऑप्शंस में ट्रेडिंग दोबारा शुरू नहीं की है और वह अभी भी एडजुडीकेशन प्रोसीडिंग्स का सामना कर रही है, जो छह से आठ महीने तक खिंच सकती हैं।

शुरुआत में जेन स्ट्रीट को आदेश पर जवाब देने के लिए 21 दिन का समय दिया गया था, लेकिन वह 26 जुलाई की डेडलाइन चूक गई। दो दिन बाद कंपनी ने अपने बचाव की तैयारी के लिए अतिरिक्त छह सप्ताह का समय मांगा।

First Published - September 3, 2025 | 6:28 PM IST

संबंधित पोस्ट