Trump Tariffs Impact on IT Stocks: ट्रंप टैरिफ का असर अमेरिका समेत दुनियाभर के बाजारों में देखने को मिल रहा है। रेसिप्रोकल टैरिफ के एलान के बाद भारतीय शेयर बाजारों में शुक्रवार (4 अप्रैल) को लगातार दूसरे दिन तगड़ी गिरावट आई। निफ्टी के प्रमुख सेक्टोरल इंडेक्स आईटी, फार्मा, मेटल, ऑटो, रियल्टी, ऑयल एंड गैस हेल्थकेयर में भारी बिकवाली दिखाई दी। ट्रंप टैरिफ के एलान के बाद ब्रोकरेज फर्म ICICI सिक्युरिटीज ने भारतीय IT कंपनियों पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि आईटी सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए अनिश्चितता पैदा हो गई है, क्योंकि अमेरिका उनका सबसे बड़ा बाजार है। इससे आईटी कंपनियों के निकट भविष्य की ग्रोथ संभावनाओं पर निगेटिव असर पड़ सकता है। साथ ही ब्रोकरेज ने TCS, Infosys, HCL समेत कई दिग्गज IT Stocks को डाउनग्रेड किया और टारगेट प्राइस में कटौती की है।
ब्रोकरेज रिपोर्ट के मुताबिक, रिटर टर्म में ग्रोथ की संभावनाएं कमजोर दिख रही हैं। रिटेल और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (जैसे ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स और केमिकल) पर सीधा असर का खतरा सबसे ज्यादा है, जबकि अन्य सेक्टर्स पर अप्रत्यक्ष रूप से असर पड़ सकता है।
ब्रोकरेज ने अपने FY26/27E के लिए ग्रोथ अनुमान घटाए हैं और EPS में 2–5% की कटौती की है। साथ ही, वैल्यूएशन मल्टीपल्स को 5 साल के एवरेज से एक स्टैंडर्ड डिविएशन नीचे कर दिया गया है ताकि कम होती ग्रोथ विजिबिलिटी को ध्यान में रखा जा सके। इसके चलते आईटी सेक्टर को डाउनग्रेड किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आईटी सेक्टर की वैल्यूएशन अभी भी वैल्यू जोन में नहीं है। NIFTY IT का NIFTY 50 पर वैल्यूएशन प्रीमियम डॉनल्ड के पिछले शासनकाल (वित्त वर्ष 2017) के दौरान के स्तर तक गिर सकता है।
अमेरिका की ओर से लगाए गए नए टैरिफ से ग्रोथ ग्रोथ धीमी हो सकती है। साथ ही नियर टर्म में अनिश्चितता बढ़ सकती है। इसका सीधा असर रिटेल और मैन्यूफक्चरिंग सेक्टर्स पर पड़ेगा। इसके अलावा, महंगाई बढ़ने से खपत कम हो सकती है, जिससे ग्लोबल ग्रोथ और धीमी होगी। अमेरिका के मैक्रो इकोनॉमिक इंडिकेटर्स भी ग्रोथ रेट धीमी पड़ने का संकेत दे रहे हैं।
डॉनल्ड के पिछले टर्म (FY17) के दौरान वीजा और टैरिफ नीति में बदलाव हुए थे। उस समय NIFTY IT ने NIFTY 50 पर अपने करीब 20% वैल्यूएशन प्रीमियम को गंवा दिया था। NIFTY IT मौजूदा समय में भी NIFTY 50 से 18% प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है, जो आगे और कम हो सकता है।
ब्रोकरेज का मानना है कि अर्निंग्स में और गिरावट का रिस्क हो सकता है। इसलिए, FY26/27E के लिए EPS में 2–5% की कटौती की है। साथ ही वैल्यूएशन मल्टीपल्स को 5-ईयर एवरेज से 1 SD (स्टैंडर्ड डेविएशन) नीचे ला दिया गया है। ब्रोकेरज का EPS अनुमान मार्केट के अनुमान से औसतन 5-6% नीचे हैं। साथ ही जनरेटिव AI से जुड़ी बदलाव की वेव्स भी कंपनियों के लिए नई चुनौतियां पैदा कर सकती हैं, जिससे निकट भविष्य में दबाव और बढ़ सकता है।
ICICI Securities ने TCS और Mphasis को BUY से डाउनग्रेड करके ADD कर दिया है। Infosys को Buy से Hold कर दिया है। LTIM और COFORGE को ADD से Hold कर दिया है। HCLT और Persistent Systems को Hold से Reduce कर दिया है। Tech Mahindra को ADD से Reduce कर दिया है।
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ब्रोकरेज का कहना है कि ऑटोमोटिव सेक्टर मांग में कमी, चीनी OEM (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स) से प्रतिस्पर्धा और टैरिफ के चलते इनपुट लागत महंगाई से लगातार प्रभावित है। ऑटोमोटिव सेक्टर में लंबे समय तक कमजोरी रहने से वित्त वर्ष 2026-27 में रेवेन्यू ग्रोथ घटकर करीब 20% से ज्यादा की वृद्धि के मुकाबले हाई सिंगल डिजिट तक आ सकती है। इसलिए, ब्रोकरेज ने Tata Elxsi को Hold से डाउनग्रेड करके SELL कर दिया है और Tata Tech को ADD से SELL कर दिया है। LTTS और KPIT को Hold से Reduce कर दिया है और Cyient को Hold पर बनाए रखा है।
ट्रंप टैरिफ के एलान के बाद अमेरिकी बाजारों में गुरुवार (3 अप्रैल) को 5 साल की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली। इससे S&P500 में साल 2020 के बाद से अपने सबसे बड़े एक दिवसीय गिरावट आई। मैक्रो मार्के इंडेक्स 4.84 प्रतिशत गिरकर 5,396.52 पर बंद हुआ, डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 1,679.39 अंक या 3.98 प्रतिशत गिरकर 40,545.93 पर बंद हुआ, जबकि नैस्डैक कंपोजिट 5.97 प्रतिशत गिरकर 16,550.61 पर बंद हुआ। टेक हैवी Nasdaq 903.44 अंक या 5.13% गिरकर 16,697.60 और S&P 500 इंडेक्स 232.04 अंक या 4.09% गिरकर 5,439.73 पर आ गया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ के नए दौर से अर्थव्यवस्था मंदी में जा सकती है। इस चिंता के बीच गुरुवार को एसएंडपी 500 इंडेक्स से निवेशकों की वेल्थ करीब 2.5 ट्रिलियन डॉलर घटी गई।
एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई इंडेक्स 2.46 प्रतिशत नीचे था और टॉपिक्स 3.18 प्रतिशत पीछे था। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.29 प्रतिशत गिरा, जबकि कोसडैक 0.59 प्रतिशत चढ़ा। ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 1.42 प्रतिशत नीचे था।
ट्रंप टैरिफ के ऐलान के बाद घरेलू शेयर बाजार गुरुवार को गिरावट में बंद हुए थे। आईटी इंडेक्स में गिरावट के चलते बाजार नीचे आया था। गिरावट का सिलसिला शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन जारी रहा। कारोबारी सेशन में सेसेंक्स 800 अंक से ज्यादा टूट गए। वहीं, निफ्टी 23,000 से नीचे आ गय।
बाजार में गिरावट की वजह से निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप शुक्रवार सुबह 11 बजे घटकर 4,06,36,517 करोड़ रुपये पर आ गया। यह गुरुवार को बाजार बंद होने के बाद 41,416,218 करोड़ रुपये था। इस तरह निवेशकों की वेल्थ शुरुआती 2 घंटे में 779,701 करोड़ रुपये घट गई।
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक्स में खरीद/बिक्री संबंधी सलाह ब्रोकरेज ने दी है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)