पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) 28 मार्च से नकद श्रेणी (कैश सेगमेंट) में टी+0 यानी सौदे के दिन ही निपटान की व्यवस्था का विकल्प देने जा रहा है। शेयरों की खरीद-बिक्री के त्वरित निपटान (instant settlement) की व्यवस्था मार्च 2025 से लागू की जाएगी। सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने आज इसकी जानकारी दी।
सेबी के निदेशक मंडल की शुक्रवार को प्रस्तावित बैठक में सौदे को समान दिन यानी जिस दिन उसकी खरीद या बिक्री हुई है, उसी दिन निपटाने की व्यवस्था को मंजूरी दी जा सकती है। अभी देसी बाजार में टी+1 (ट्रेडिंग+एक दिन) निपटान की व्यवस्था है जबकि दुनिया के अधिकतर बाजारों में टी+2 आधार पर सौदों का निपटान किया जाता है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सेबी से बाजार में तरलता कम होने की चिंता जताई थी तथा जब तक अमेरिका टी+1 नहीं अपने तब तक इंतजार करने की अपील की थी।
सेबी प्रमुख ने कहा कि नियामक ने कई एफपीआई के साथ बात की है और उन्हें परिचालन की चुनौतियों से इतर त्वरित निपटान की आवश्यकता पर नया दृष्टिकोण समझाने के लिए व्यापार चर्चा की है। बुच ने क्रिप्टोकरेंसी बाजार से आने वाली चुनौती बताईं, जिनमें टोकनाइजेशन और त्वरित निपटान होता है।
बुच ने कहा, ‘यदि हमारा विनियमित बाजार क्रिप्टो की दुनिया के साथ मुकाबला नहीं कर सकता और यह नहीं कह सकता है कि हम आपको टोकनाइजेशन और त्वरित निपटान की सुविधा भी दे रहे हैं तो निवेशक अभी जहां सौदा कर रहे हैं, वहां से कुछ समय बाद निकल सकते हैं। अगर वे यहां से जाते हैं और हमारे बाजार में तरलता कम होगी, जो बाजार के लिए अच्छा नहीं होगा और हमारे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भी इससे खुश नहीं होंगे।’
हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि नियामक बाजार में कभी भी कोई उथल-पुथल नहीं चाहेगा मगर क्रिप्टो आधारित प्लेटफॉर्म का मुकाबला करने के लिए सभी फायदे लाने की कोशिश कर रहा है। क्रिप्टो प्लेटफॉर्म आगे सीमा-पार कारोबार तंत्र के रूप में उभर सकते हैं।
सेबी प्रमुख ने कहा, ‘अगर बाजार को बड़ा हिस्सा वहां चला जाता है तो हमारे बाजार में तरलता कम हो सकती है जो विनियमित बाजार में रहने के इच्छुक म्युचुअल फंडों, एफपीआई और अन्य खुदरा निवेशकों के लिए मुश्किल भरा हो सकता है।’
सेबी प्रमुख ने पिछले साल सितंबर में सौदे के दिन ही निपटान की योजना का विचार रखा था। इसके बाद दिसंबर 2023 में इस पर परामर्श पत्र जारी किया था। परामर्श पत्र में सेबी ने दो चरण में टी+0 निपटान व्यवस्था अपनाने का प्रस्ताव किया था।
पहले चरण में दोपहर डेढ़ बजे तक के सौदों के लिए उसी दिन शाम साढ़े चार बजे तक टी+0 निपटान चक्र का विकल्प देने की बात थी। दूसरे चरण में दोपहर साढ़े तीन बजे तक के सौदों के त्वरित निपटान का विकल्प था।