नोमूरा ने मार्च 2026 के लिए निफ्टी-50 सूचकांक का लक्ष्य 26,140 पर बरकरार रखा है। यह 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी का संकेत है। यह लक्ष्य वित्त वर्ष 2027 की अनुमानित प्रति शेयर आय 1,245 रुपये के 21 गुना पर आधारित है। ब्रोकरेज को मध्य एक अंक की आय वृद्धि की उम्मीद है।
हालांकि पिछले एक साल में भारतीय शेयरों ने वैश्विक प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन किया है, लेकिन पिछले पांच वर्षों में इक्विटी ने 12.4 प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि दर दर्ज की है। ब्रोकरेज ने कहा कि मूल्यांकन अब महामारी से पहले के उभरते बाजारों (ईएम) के प्रीमियम स्तरों पर वापस आ गए हैं।
जहां भारतीय इक्विटी ने पिछले एक साल के दौरान वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन किया है, वहीं उन्होंने पिछले पांच साल में 12.4 फीसदी की सालाना वृद्धि दर्ज की है। ब्रोकरेज का मानना है कि मूल्यांकन अब महामारी से पहले जैसे ईएम प्रीमियम स्तरों पर आ पहुंच गए हैं। नोमूरा ने कहा, ‘शुरुआत में ऊंचा मूल्यांकन और धीमी आय वृद्धि पिछले एक वर्ष में अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन को उचित ठहराते हैं।’
उसका अनुमान है कि अल्पावधि में चक्रीय आय पर दबाव बना रहेगा और वित्त वर्ष 2027 में इसमें मामूली सुधार संभव है। खुदरा के लगातार निवेश और इक्विटी पर जोखिम प्रीमियम कम होने के कारण घरेलू बाजार का समर्थन मजबूत बना हुआ है। लेकिन नोमूरा का मानना है कि शेयर कीमतें अभी इतनी आकर्षक नहीं हैं कि मजबूत विदेशी निवेश को बढ़ावा मिल सके। नोमूरा ने कहा कि उपभोग प्रोत्साहन से अल्पकालिक लाभ मिल सकते हैं, लेकिन कमजोर घरेलू मनोबल, रोजगार और वेतन वृद्धि में सुस्ती और कम बचत के कारण इसके प्रभाव कम हो सकते हैं।
ब्रोकरेज ने घरेलू उपभोग थीम को पसंद किया है। फार्मास्यूटिकल्स पर उसका सकारात्मक रुख है। नोमूरा ने प्रेस्टीज एस्टेट्स प्रोजेक्ट्स, स्विगी और टाइटन कंपनी को पसंदीदा शेयरों की सूची में शामिल किया है।