विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल | फाइल फोटो
भारत ने गुरुवार को कहा कि वह दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति के लिए चीन के साथ बातचीत जारी रख रहा है और वह अंतिम-उपयोगकर्ता प्रमाणपत्रों से संबंधित विभिन्न ढांचों और व्यवस्थाओं के तहत अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का सम्मान करता है। हाल ही में चीन ने भारत से ऐसी गारंटी चाही है कि उसके द्वारा जिन दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति की जाएगी उन्हें वह अमेरिका को निर्यात नहीं करेगा और केवल स्थानीय स्तर पर उनका उपयोग करेगा।
चीन भारत से वासेनार अरेंजमेंट जैसा निर्यात नियंत्रण का वादा चाह रहा है जो सदस्य देशों के बीच दोहरे इस्तेमाल वाली प्रौद्योगिकी और वस्तुओं के निर्यात को प्रबंधित करता है। भारत ने भी इस व्यवस्था पर दस्तखत किए हैं मगर चीन के साथ यह बात नहीं है। इसके बावजूद चीन चाहता है कि भारत वैसे ही अंतिम उपयोगकर्ता प्रमाणन का पालन करे।
सूत्रों के मुताबिक भारत की निजी कंपनियों ने चीन को इसकी मंजूरी दी है। विदेश मंत्रालय की साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत विभिन्न ढांचों और अंतिम-उपयोगकर्ता प्रमाणन को लेकर बनी व्यवस्थाओं में अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का सम्मान करता है और जहां भी इनकी जरूरत होती है वह इनका पालन करता है।
जायसवाल ने कहा कि गत 31 अगस्त को शांघाई सहयोग संगठन की शिखर बैठक बैठक से इतर प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात हुई तो इस बात का उल्लेख किया गया था कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाने तथा व्यापार घाटे को कम करने के लिए राजनीतिक और रणनीतिक दिशा से आगे बढ़ने की जरूरत पर बल दिया। प्रवक्ता ने कहा कि भारत ने चीन के साथ दुर्लभ खनिजों पर बातचीत की है और यह प्रक्रिया प्रगति पर है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि काबुल में भारत का तकनीकी मिशन जून 2022 से जारी है और अगले कुछ दिनों में उसे दूतावास में बदल दिया जाएगा। तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता पर अधिकारियों ने अफगान विदेशमंत्री आमिर खान मुत्तकी की 9 से 15 अक्टूबर तक की भारत यात्रा का जिक्र किया जिसके दौरान उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर, फिक्की के प्रतिनिधियों आदि से मुलाकात की और इस दौरान भारत के साथ व्यापार बढ़ाने पर बातचीत हुई। भारत ने मानवीय सहायता, विकास सहयोग और अफगान नागरिकों को अधिक वीजा मुहैया कराने को लेकर भी प्रतिबद्धता जताई।
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा संघर्ष पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत हालात पर नजर रखे हुए है। जायसवाल ने कहा कि तीन बाते एकदम साफ हैं- पहली, पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता है, दूसरा अपनी आंतरिक नाकामियों के लिए पड़ोसियों को जिम्मेदार ठहराना पाकिस्तान की पुरानी आदत है। और तीसरा, पाकिस्तान, अफगानिस्तान द्वारा अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता पर जोर देने से नाराज है। प्रवक्ता ने कहा कि भारत अपनी संप्रभुता क्षेत्रीय अखंडता और अफगानिस्तान की स्वतंत्रता को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
बुधवार को ब्रिटिश सरकार ने रूस की तेल कंपनियों और भारतीय पेट्रोलियम कंपनी नायरा एनर्जी लिमिटेड को लक्षित करते हुए 90 नए प्रतिबंधों की घोषणा की, जिसमें कहा गया कि नायरा ने 2024 में अरबों डॉलर मूल्य का रूसी कच्चा तेल आयात किया था।
नायरा पर ब्रिटेन के प्रतिबंधों को लेकर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि उसने ब्रिटेन द्वारा घोषित नवीनतम प्रतिबंधों को संज्ञान में लिया है। प्रवक्ता ने कहा, ‘भारत किसी भी एकतरफा प्रतिबंध को स्वीकार नहीं करता। भारत सरकार अपने नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ऊर्जा सुरक्षा को अत्यंत महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी मानती है।‘ उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कंपनियां वैश्विक बाजार स्थितियों को ध्यान में रखते हुए दुनिया भर से ऊर्जा आपूर्ति प्राप्त करती हैं।