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RIL Q2 Result Preview: जियो और ओ2सी से मिलेगी मदद, रिटेल पर दबाव संभव

विश्लेषकों का मानना है कि वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) सुस्त आय दर्ज कर सकती है

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निकिता वशिष्ठ   
Last Updated- October 16, 2025 | 9:46 PM IST

विश्लेषकों का मानना है कि वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) सुस्त आय दर्ज कर सकती है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक मंडल की बैठक शुक्रवार, 17 अक्टूबर को हो रही है जिसमें दूसरी तिमाही के नतीजों पर विचार किया जाएगा।

आरआईएल के लिए आय अनुमानों (बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा संकलित) से पता चलता है कि मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली कंपनी तिमाही आधार पर करीब 3 फीसदी की समेकित एबिटा वृद्धि दर्ज कर सकती है। उस पर ऑयल अपस्ट्रीम व्यवसाय में कमजोर वृद्धि का दबाव पड़ सकता है। लेकिन मुंबई मुख्यालय वाली यह कंपनी दूरसंचार और तेल-रसायन (ओ2सी) व्यवसाय में शानदार वृद्धि दर्ज कर सकती है।

नतीजों से उम्मीदें

नोमूरा: वैश्विक ब्रोकरेज फर्म नोमूरा को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में समेकित एबिटा तिमाही आधार पर 3 प्रतिशत बढ़कर 44,400 करोड़ रुपये रहेगा, जिसे जियो और ओ2सी कारोबार के मजबूत प्रदर्शन से मदद मिलेगी। नोमूरा का कहना है कि इन सेगमेंटों में वृद्धि खुदरा क्षेत्र में धीमी बढ़ और अपस्ट्रीम कारोबार में मामूली गिरावट की (आंशिक रूप से) भरपाई कर देगी।

नोमुरा का अनुमान है कि सेगमेंट के हिसाब से ओ2सी का एबिटा 15,020 करोड़ रुपये (तिमाही आधार पर 4 प्रतिशत की बढ़त) होगा। उसका अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 10.0 डॉलर प्रति बैरल की तुलना में दूसरी तिमाही में रिफाइनिंग मार्जिन 10.1 डॉलर रहेगा।

अनुमान है कि अपस्ट्रीम एबिटा तिमाही हिसाब से लगभग 5000 करोड़ रुपये पर सपाट रहेगा। जियो का एबिटा दूसरी तिमाही में 17,230 करोड़ रुपये (तिमाही आधार पर 3 प्रतिशत की वृद्धि) रह सकता है। इसकी वजह उसका ग्राहक आधार बढ़ना है। वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में ग्राहक आधार बढ़कर 50.4 करोड़ हो गया जो पहली तिमाही में 49.8 करोड़ था।

जेएम फाइनैं​शियल इंस्टीट्यूशनल इ​क्विटीज

ब्रोकरेज के अनुसार आरआईएल का दूसरी तिमाही में एबिटा (समेकित) तिमाही आधार पर 3.6 प्रतिशत बढ़कर 44,500 करोड़ रुपये हो सकता है। इस आंकड़े में 15,000 करोड़ रुपये (तिमाही आधार पर 3.1 प्रतिशत की वृद्धि) का ओ2सी एबिटा भी शामिल है। लेकिन पेट्रोकेमिकल मार्जिन तिमाही दर तिमाही कमजोर रह सकता है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज़

कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों का अनुमान है कि आरआईएल का समेकित एबिटा सालाना आधार पर 12 प्रतिशत/तिमाही आधार पर 2 प्रतिशत बढ़कर 43,753.6 करोड़ रुपये हो सकता है। शुद्ध बिक्री 2,58,688.9 करोड़ रुपये (सालाना आधार पर 11.7 प्रतिशत/तिमाही आधार पर 6.2 प्रतिशत की बढ़त) रहने का अनुमान है। इस बीच, शुद्ध लाभ 21,457.6 करोड़ रुपये रह सकता है जो सालाना आधार पर 12.3 प्रतिशत की वृद्धि लेकिन तिमाही आधार पर 30 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है।

First Published : October 16, 2025 | 9:39 PM IST