बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ की पूर्व-बिक्री या बुकिंग की रफ्तार वित्त वर्ष 2025 की अप्रैल-जून तिमाही में मजबूत बनी रही। 6,404 करोड़ रुपये पर यह बुकिंग तिमाही आधार पर चार गुना (318 प्रतिशत) और एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले तीन गुना (214 प्रतिशत) अधिक है।
बिक्री को गुरुग्राम में लग्जरी परियोजना परिवाना वेस्ट (दूसरे चरण) के लिए मजबूत समर्थन से मदद मिली। इस परियोजना का तिमाही में कंपनी की कुल बुकिंग में 5,600 करोड़ रुपये योगदान रहा। कैमेलियाज (गुरुग्राम) में 251 करोड़ रुपये की बिक्री के साथ तिमाही में बिक्री को ताकत मिली।
मजबूत बिक्री की वजह से नकदी संग्रह भी एक साल पहले की तिमाही की तुलना में दोगुना हो गया जबकि तिमाही आधार पर इसमें एक-तिहाई तक की तेजी आई। नकदी संग्रह 2,968 करोड़ रुपये रहा। इसकी वजह से, परिचालन नकदी प्रवाह भी एक साल पहले की तुलना में 152 प्रतिशत बढ़ गया जबकि तिमाही आधार पर यह दो-तिहाई से ज्यादा बढ़कर 1,849 करोड़ रुपये रहा।
डीएलएफ को वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही से करीब 3,000 करोड़ रुपये के त्रैमासिक पूंजी संग्रह और 800 करोड़ रुपये प्रति तिमाही के निर्माण खर्च का अनुमान है। डीएलएफ ने करीब अधिशेष नकदी का आधा हिस्सा जमीन खरीद और शेष राशि लाभांश चुकाने पर खर्च करने की योजना बनाई है।
जहां कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में 13,000 करोड़ रुपये की बुकिंग का अनुमान जताया था, वहीं यह 14,800 करोड़ रुपये की बुकिंग के साथ इससे ज्यादा रही। वित्त वर्ष 2025 में 17,000 करोड़ से 18,000 करोड़ रुपये की बुकिंग का अनुमान जताया गया जो उसके वित्त वर्ष 2024 के प्रदर्शन की तुलना में 15 से 21 प्रतिशत ज्यादा है।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 के लिए अपने नए लॉन्च प्रस्तावों में इजाफा कर दिया और उसकी सकल विकास वैल्यू अब 42,000 करोड़ रुपये हो गई है। मध्यावधि के दौरान कंपनी की योजना 2.4 करोड़ वर्ग फुट क्षेत्र की परियोजनाएं शुरू करने और 62,500 करोड़ रुपये की बिक्री की उम्मीद कर रही है।
उसकी संपूर्ण निर्माण संभावना 19.2 करोड़ वर्ग फुट पर होने का अनुमान है। इसमें से दो-तिहाई दिल्ली और गुरुग्राम के बाजारों से जुड़ी हुई है। कंपनी ने चेन्नई, हैदराबाद, चंडीगढ़, कोलकाता, मुंबई, पुणे और नागपुर के साथ साथ अन्य शहरों में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है। अभी तक उसने मध्यावधि में नए लॉन्च के जरिये अपने लैंड बैंक (6 करोड़ वर्ग फुट ) के 31 प्रतिशत पर ध्यान केंद्रित किया है।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च के विश्लेषकों प्रीतेश शेठ और सौरभ गिल्डा का मानना है कि आगे की बढ़ोतरी की संभावनाएं कीमतों में शामिल है और इस प्रकार उन्होंने शेयर पर ‘तटस्थ’ रेटिंग बरकरार रखी है।
उनका मानना है, ‘डीएलएफ ने अपनी वृद्धि की संभावना में तेजी बरकरार रखी है। उसने अपने मौजूदा व्यापक लैंड बैंक से अपने लॉन्च मजबूत किए हैं। हालांकि उसके शेष 16 करोड़ वर्ग फुट के भूमि बैंक के लिए 12-13 साल की बिक्री संबंधित समय-सीमा के हमारे अनुमान में यह वृद्धि शामिल है।’
वाणिज्यिक खंड में उसके ऑफिस पोर्टफोलियो के लिए कुल ऑक्यूपेंसी पहली तिमाही में पिछली तिमाही की तुलना में सपाट (गैर-एसईजेड परिसंपत्तियों के लिए 97 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी और सेज में लीज एरिया के लिए 86 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ) बनी रही।
किराया आय (अन्य आय समेत) एक साल पहले की तुलना में 10 प्रतिशत तक बढ़कर 1,238 करोड़ रुपये हो गई। कुल परिचालन पोर्टफोलियो 93 प्रतिशत की ऑक्यूपेंसी दर के साथ 4.2 करोड़ वर्ग फुट है।
कंपनी प्रबंधन का कहना है कि उसने 16 लाख वर्ग फुट एसईजेड परिसंपत्तियों को अधिसूचित श्रेणी से हटवा लिया है और इनमें से अधिकांश को पट्टे पर दिया गया है। नुवामा रिसर्च का कहना है कि ऑफिस की मांग में सुधार के साथ आगे चलकर रेंटल पोर्टफोलियो का प्रदर्शन मजबूत होने की उम्मीद है।
वाणिज्यिक परिचालन के लिए समेकित शुद्ध ऋण 17,583 करोड़ रुपये है जबकि परिचालन मुनाफे के लिए शुद्ध ऋण 3.7 गुना है। पोर्टफोलियो वृद्धि और पूंजीगत व्यय के वित्त पोषण के लिए आंतरिक स्रोतों के उपयोग के कारण पिछले चार वर्षों में यह आंकड़ा कम होता जा रहा है।
नुवामा रिसर्च ने इस शेयर के लिए ‘खरीदें’ रेटिंग दी है और उनका मानना है कि नए लॉन्च में तेजी जरूरी है। हालांकि बजट के बाद इंडेक्सेशन लाभ समाप्त किए जाने के कारण शेयर में गिरावट आई थी, लेकिन पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में इसने वापसी की है। निवेशक इस शेयर पर विचार कर सकते हैं। इसने पिछले एक साल में 60 प्रतिशत से अधिक की तेजी दर्ज की है।