Stock To Buy: घरेलू शेयर बाजारों में बुधवार (5 फरवरी) को उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। इससे एक दिन पहले बाजार ताबतोड़ रैली के बाद लगभग 2% चढ़कर बंद हुए थे। हालांकि, बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 और सेंसेक्स वर्तमान में 27 सितंबर के अपने रिकॉर्ड हाई लेवल से लगभग 9.7% और 8.6% नीचे हैं। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के साथ धीमी आर्थिक गति और कंपनियों के तिमाही नतीजे नरम रहने की वजह से प्रभावित हुए है।
बाजार में अस्थिर मूड-माहौल के बीच ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने टाटा ग्रुप की दिग्गज कंपनी टाटा पावर के स्टॉक को खरीदने की सलाह दी है। ब्रोकरेज ने Q3 नतीजों के बाद स्टॉक में लॉन्ग टर्म लिहाज से 35% अपसाइड की उम्मीद जताई है।
मोतीलाल ओसवाल ने टाटा पावर पर अपनी BUY रेटिंग को बरकरार रखा है। साथ ही स्टॉक पर 490 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है। इस तरह मंगलवार (4 फरवरी) के बंद भाव से शेयर लॉन्ग टर्म में 35% का अपसाइड दे सकता है। मंगलवार को शेयर टाटा पावर के शेयर 362 रुपये के भाव पर बंद हुए थे।
स्टॉक के प्रदर्शन की बात करे तो यह अपने 52 वीक हाई से 27% करेक्ट हो चुका है। पिछले एक महीने में शेयर 7% टूटा है। जबकि बीते छह महीने में शेयर में 15% की गिरावट आई है। पिछले एक साल की तुलना में शेयर 6% से ज्यादा नीचे चल रहा है। स्टॉक का 52 वीक हाई 494 रुपये जबकि 52 वीक लो 338 रुपये है। बीएसई पर स्टॉक का टोटल मार्केट कैप 1,17,492 करोड़ रुपये है।
टाटा पावर का वैल्यूएशन अलग-अलग बिजनेस यूनिट्स में डिवाइड किया गया है। इससे स्टॉक पर 490 रुपये प्रति शेयर का टारगेट प्राइस मिलता है। रेगुलेटिड इक्विटी पर 2.5x मल्टिपल के जरिए रेगुलेटिड बिजनेस का वैल्यूएशन किया गया है। कोयला सेगमेंट का वैल्यूएशन इक्विटी के आधार पर FY24 बुक वैल्यू के 1.5x मल्टिपल के साथ किया गया। वहीं, रिन्यूएबल एनर्जी सेगमेंट का प्राइस अनुमानित FY27 EBITDA के 14x मल्टिपल पर है। इन कंट्रिब्यूशंस के दम पर कुल टारगेट प्राइस 490/शेयर बनता है।
टाटा ग्रुप की सब्सिडियरी फर्म टाटा पावर का 2024-25 की दिसंबर तिमाही में नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 10 प्रतिशत बढ़कर 1188 करोड़ रुपये हो गया। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 1,076 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था। इस दौरान टाटा पावर की टोटल इनकम भी बढ़कर 15,793 करोड़ रुपये हो गई। यह एक साल पहले इसी अवधि में 15,294 करोड़ रुपये थी।
टाटा पावर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा ने कहा, ‘‘हमें पिछली 21 तिमाहियों में मुनाफे में निरंतर बढ़ोतरी दर्ज की है और हमारे सभी कारोबार इस वृद्धि में योगदान दे रहे हैं।”
टाटा पावर भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनियों में से एक है, जो बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन, और डिस्ट्रीब्यूशन के क्षेत्र में काम करती है। यह टाटा समूह की एक प्रमुख कंपनी है, जिसकी स्थापना 1919 में की गई थी। कंपनी की उपस्थिति भारत सहित कई अन्य देशों में भी है।
टाटा पावर टाटा समूह (Tata Group) की एक सहायक कंपनी है। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी टाटा संस (Tata Sons) की है, जो टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है। इसके अलावा, कई घरेलू और विदेशी निवेशक भी कंपनी में हिस्सेदारी रखते हैं।
टाटा पावर अपनी आय मुख्य रूप से बिजली उत्पादन और डिस्ट्रीब्यूशन से अर्जित करती है। कंपनी अब पारंपरिक ऊर्जा के साथ-साथ ग्रीन एनर्जी पर भी ध्यान दे रही है।
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेज हाउस द्वारा दी गई है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)