शेयर बाजार

Stock Market: घबराहट ने बढ़ाई बाजार में गिरावट, FPI ने जमकर बेचे शेयर

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की अच्छी खासी हिस्सेदारी वाले HDFC Bank में 2.3 फीसदी गिरावट आई और यह शेयर सेंसेक्स में गिरावट की सबसे बड़ी वजह बना।

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सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- May 09, 2024 | 10:42 PM IST

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की बिकवाली में तेजी और आम चुनावों के नतीजों तथा अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा दर कटौती पर अनिश्चितता भारतीय शेयर बाजार पर भारी पड़ी और बेंचमार्क सूचकांकों में आज करीब चार महीने की सबसे बड़ी गिरावट आई। सेंसेक्स 1,062 अंक या 1.5 फीसदी टूटकर 72,404 पर बंद हुआ, जो 23 जनवरी के बाद सबसे बड़ी गिरावट है। निफ्टी भी 345 अंक या 1.5 फीसदी के नुकसान के साथ 21,958 पर बंद हुआ। यह सूचकांक 13 नवंबर, 2023 के बाद पहली बार पिछले 100 दिन के अपने औसत (डीएमए) के नीचे बंद हुआ।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 7,000 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए। इससे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की अच्छी खासी हिस्सेदारी वाले एचडीएफसी बैंक में 2.3 फीसदी गिरावट आई और यह शेयर सेंसेक्स में गिरावट की सबसे बड़ी वजह बना। सेंसेक्स के शेयरों में सबसे ज्यादा 6 फीसदी गिरावट लार्सन ऐंड टुब्रो (एलऐंडटी) में रही, जिसने सूचकांक में लुढ़कन और तेज कर दी।

एलऐंडटी ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष में आम चुनाव और भू-राजनीतिक तनाव का असर उसके पास आने वाले ऑर्डरों और आय पर हो सकता है। विश्लेषकों ने भी सरकार का खर्च घटने से एलऐंडटी के मुनाफे पर असर पड़ने की चिंता जताई थी। इससे निवेशकों ने कंपनी के शेयर बेचने शुरू कर दिए।

अवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्या​धिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘तिमाही नतीजे मिले-जुले रहे हैं और कंपनियों की कमाई जितनी बढ़ी है, उससे ज्यादा गिरी है। कंपनियों के नतीजे कुल मिलाकर उम्मीद से बेहतर नहीं रहे। मूल्यांकन भी काफी बढ़ गया है। विश्लेषक कीमत का लक्ष्य कम कर रहे हैं या अपनी पोजिशन घटाकर ‘बाय’ से ‘होल्ड’ कर रहे हैं। कुछ निवेशकों को चीन से उम्मीद है और शायद चीन में निवेश के लिए भारत से पैसे निकाल रहे हैं।’

बाजार में उठापटक को मापने वाला इंडिया वीआईएक्स सूचकांक लगातार 11वें दिन बढ़कर 18.2 पर बंद हुआ।

पहले तीन चरण में मतदान का प्रतिशत कम रहने से माना जा रहा है कि चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सीटें बाजार के अनुमान से कम रह सकती हैं। इस अंदेशे ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ाई है। निवेशकों को चिंता इस बात की हो गई है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के पास तेजी से नीतिगत सुधार करने के लिए पर्याप्त संख्या बल होगा या नहीं।

मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक और मुख्य निवेश अ​धिकारी सौरभ मुखर्जी ने कहा, ‘मतदाताओं की इतनी बड़ी तादाद और विविधता के कारण चुनाव परिणामों के बारे में कोई भी सटीक अनुमान नहीं लगा सकता है। महामारी के बाद आई तेजी के उपरांत हम बाजार में स्वभाविक घबराहट देख रहे हैं। लोकसभा चुनाव जैसे बड़े घटनाक्रम के दौरान इस तरह की घबराहट होती ही है।’

आगे कंपनियों के नतीजे, पश्चिम ए​​शिया में भू-राजनीतिक तनाव और ब्याज दरों पर अमेरिका के रुख से बाजार की दिशा तय होगी। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर 2,998 शेयर नुकसान में और 843 लाभ में बंद हुए। एलऐंडटी और एचडीएफसी बैंक के अलावा बड़े शेयरों में रिलायंस इंडस्ट्रीज 1.7 फीसदी और आईटीसी में 3.6 फीसदी गिरावट आई। बीएसई तेल एवं गैस सूचकांक में सबसे ज्यादा 3.4 फीसदी गिरावट आई।

First Published : May 9, 2024 | 10:42 PM IST