facebookmetapixel
GST मिनी बजट, लार्जकैप के मुकाबले मिडकैप और स्मॉलकैप में जो​खिम: शंकरन नरेनAIF को मिलेगी को-इन्वेस्टमेंट योजना की सुविधा, अलग PMS लाइसेंस की जरूरत खत्मसेबी की नॉन-इंडेक्स डेरिवेटिव योजना को फ्यूचर्स इंडस्ट्री एसोसिएशन का मिला समर्थनभारत की चीन को टक्कर देने की Rare Earth योजनानेपाल में हिंसा और तख्तापलट! यूपी-नेपाल बॉर्डर पर ट्रकों की लंबी लाइन, पर्यटक फंसे; योगी ने जारी किया अलर्टExpanding Cities: बढ़ रहा है शहरों का दायरा, 30 साल में टॉप-8 सिटी में निर्मित क्षेत्रफल बढ़कर हुआ दोगुनाबॉन्ड यील्ड में आई मजबूती, अब लोन के लिए बैंकों की ओर लौट सकती हैं कंपनियां : SBIअगस्त में Equity MF में निवेश 22% घटकर ₹33,430 करोड़ पर आया, SIP इनफ्लो भी घटाचुनाव से पहले बिहार को बड़ी सौगात: ₹7,616 करोड़ के हाईवे और रेलवे प्रोजेक्ट्स मंजूरBYD के सीनियर अधिकारी करेंगे भारत का दौरा, देश में पकड़ मजबूत करने पर नजर

आय से अ​धिक निवेश वालों पर सख्त नजर रखेगा स्टॉक एक्सचेंज

Last Updated- February 07, 2023 | 10:51 PM IST

यदि आपने आय से अ​धिक निवेश किया है तो सतर्क हो जाइये। शेयर बाजार में उन निवेशकों पर सख्त नजर रखी जा रही है, जिनका निवेश घो​षित आय से अ​धिक है। स्टॉक एक्सचेंज के अधिकारियों ने बताया है कि कुछ कारोबारियों की घोषित संपत्ति और आय एवं शेयर बाजार में किए गए निवेश में भारी अंतर है।

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने एक परिपत्र जारी कर ब्रोकरों को संदिग्ध लेनदेन की जांच करने के लिए कहा है ताकि रकम के स्रोत का पता चल सके। इधर कुछ ब्रोकरेज अधिकारियों को लगता है कि इस मामले में नियमों के उल्लंघन को कहीं अ​धिक स्पष्ट करने की जरूरत है ताकि मामले को निपटाने में मदद मिल सके।

परिपत्र में कहा गया है, ‘एक्सचेंज के संज्ञान में आया है कि कुछ ग्राहकों के मामले में पे-इन/पे-आउट देनदारी/ मार्जिन/ निवेश आदि उनके लिए ट्रेडिंग करने वाले सदस्य द्वारा अपलोड की गई से या हैसियत से मेल नहीं खाते। ऐसे में निगरानी से जुड़ी जिम्मेदारी पूरी नहीं करने पर ट्रेडिंग मेंबर के ​खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई (मौजूदा प्रावधानों के तहत) की जा सकती है।’

दो ब्रोकरेज फर्मों के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि लेनदेन अथवा आय एवं निवेश में मेल न होने के मसले पर स्पष्टता नहीं है। ऐसे में अतिरिक्त जांच की आवश्यकता होगी।

ब्रोकरेज के एक अधिकारी ने कहा कि यह संभव है कि कुछ कारोबारी बाजार में खरीदफरोख्त के लिए दूसरों से पैसा उधार ले रहे हों। ऐसे में भी आय के मुकाबले निवेश अधिक दिखेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि स्टॉक एक्सचेंज के अधिकारी ब्रोकरेज से किस स्तर के लेनदेन को उजागर करने की अपेक्षा करते हैं।

अ​धिकारी ने कहा कि उनकी फर्म ने वार्षिक आय के चार गुने और शुद्ध हैसियत के दोगुने निवेश की सीमा निर्धारित की है। इस सीमा से अ​धिक निवेश होने पर ब्रोकरेज ग्राहक से स्पष्टीकरण मांगता है। उन्होंने कहा, ‘यह अंदरूनी हिसाब किताब है, जिसकी जानकारी ग्राहक को भी नहीं दी जाती। सीमा पार हो जाए तो हम ग्राहक से बात करते हैं।’

एक अन्य ब्रोकरेज फर्म के अ​धिकारी ने कहा, ‘उनका कहना है कि यदि ऐसा कोई मामला दिखता है तो आप उसे संदिग्ध लेनदेन के तौर पर सूचित करें।’ उन्होंने कहा कि पहले भी यह मुद्दा उठा था।

ऐसा भी हो सकता है कि ग्राहकों ने अपना विवरण अपडेट न किया हो। हालांकि ऐसा करना आवश्यक है। यदि किसी व्य​क्ति ने एक दशक पहले ब्रोकरेज खाता खोला हो तो अब उसकी आय नि​श्चित तौर पर अ​धिक होगी।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के एक हालिया अध्ययन ने वित्त वर्ष 2021-22 में कोविड से पहले के मुकाबले वायदा एवं विकल्प (एफऐंडओ) श्रेणी की खरीद-फरोख्त में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की थी। अध्ययन में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान एफऐंडओ श्रेणी में व्य​क्तिगत कारोबारियों की संख्या में 500 फीसदी बढ़ोतरी हो गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022 के दौरान शीर्ष 10 ब्रोकरेज ने 45 लाख ग्राहकों की ओर से खरीद-फरोख्त की। ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि दिसंबर 2022 तक विभिन्न ब्रोकरेज के सक्रिय ग्राहकों की संख्या घटकर 43 लाख रह गई थी।

First Published - February 7, 2023 | 10:51 PM IST

संबंधित पोस्ट