वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी एचएसबीसी को उम्मीद है कि भारत के इक्विटी बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स में 2026 के अंत तक करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। ब्रोकरेज ने इंडेक्स के लिए तब 94,000 का लक्ष्य रखा है। एचएसबीसी का कहना है कि चीन की तुलना में देसी शेयरों में ज्यादा वैल्यू है। इस साल भारतीय बाजार अपने एशियाई और उभरते बाजारों के मुकाबले पिछड़ गए हैं क्योंकि कंपनियों की कमजोर आय, ऊंचे मूल्यांकन और भारी विदेशी बिकवाली के कारण बाजार पर दबाव रहा है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2025 में अब तक 16.8 अरब डॉलर के भारतीय शेयर बेचे हैं, जिससे यह बाजार निकासी के रिकॉर्ड वर्ष की ओर बढ़ रहा है। हालांकि अक्टूबर के बाद से आय में सुधार के साथ बिकवाली कम हुई है।
निफ्टी और सेंसेक्स इस साल अब तक करीब 10 फीसदी चढ़े हैं। गुरुवार को बेंचमार्क सितंबर 2024 की अपनी रिकॉर्ड ऊंचाई से करीब 0.6 फीसदी पीछे था।
एचएसबीसी ग्लोबल इन्वेस्टमेंट रिसर्च के हेरल्ड वान डेर लिंडे की अगुआई में विश्लेषकों ने गुरुवार को एक नोट में कहा कि 14 महीने की सुस्ती के बाद आय में सुधार के संकेत और मूल्यांकन में कमी के कारण भारत एक बार फिर आकर्षक लग रहा है।
एचएसबीसी ने कहा कि भारत उभरते बाजारों से नए सिरे से निवेश आकर्षित करने की अच्छी स्थिति में है क्योंकि निवेशक एशिया भर में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से इतर वैकल्पिक वृद्धि की कहानियों की तलाश में हैं। विश्लेषकों ने कहा कि राजकोषीय और मौद्रिक कदम 2026 की शुरुआत में वृद्धि में तेजी लाने में मदद करेंगे।
भारत के साथ-साथ ब्रोकरेज मुख्यभूमि चीन, हॉन्गकॉन्ग और इंडोनेशिया पर ओवरवेट है जबकि ताइवान, दक्षिण कोरिया, जापान, सिंगापुर और थाईलैंड पर अंडरवेट है।
एचएसबीसी ने सितंबर में भारतीय इक्विटी को न्यूट्रल से अपग्रेड करके ओवरवेट कर दिया, जिससे वह एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था पर तेजी का रुख अपनाने वाली शुरुआती प्रमुख ब्रोकरेज फर्मों में से एक बन गई।