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Sensex और Nifty में लगातार 5वें सप्ताह उछाल

एचडीएफसी बैंक के शेयर में हुए नुकसान की भरपाई रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और एसबीआई (SBI) की बढ़त से हो गई जिनमें क्रमश: 2.3 फीसदी और 2.5 फीसदी का इजाफा हुआ।

Last Updated- July 05, 2024 | 10:59 PM IST
Editorial: Some unnatural aspects of the decline in the stock market शेयर बाजार में आई गिरावट के कुछ अस्वाभाविक पहलू

भारी-भरकम वेटेज वाले एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) में तेज नुकसान ने बेंचमार्क सूचकांकों को शुक्रवार को नीचे खींच लिया, इसके बावजूद सूचकांकों ने हफ्ते की समाप्ति 1 फीसदी से ज्यादा की बढ़त के साथ की।

सेंसेक्स (Sensex) और निफ्टी (Nifty) के लिए यह लगातार पांचवीं साप्ताहिक बढ़त रही जो इस साल साप्ताहिक बढ़त का सबसे लंबा सिलसिला है। इससे पहले सूचकांकों ने नवंबर और दिसंबर 2023 के बीच लगातार सात हफ्ते तक बढ़त दर्ज की थी।

शुक्रवार को सेंसेक्स 53 अंकों की गिरावट के साथ 79,997 पर बंद हुआ। एचडीएफसी बैंक के शेयर में 4.6 फीसदी की गिरावट के बावजूद ऐसा हुआ जिसने सूचकांक को 517 अंक नीचे खींचा। एचडीएफसी बैंक में गिरावट का कारण जून तिमाही में बैंक के ऋणों में क्रमिक आधार पर कमी आना है।

एचडीएफसी बैंक के शेयर में हुए नुकसान की भरपाई रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और एसबीआई (SBI) की बढ़त से हो गई जिनमें क्रमश: 2.3 फीसदी और 2.5 फीसदी का इजाफा हुआ।

व्यापक बाजारों में बढ़त जारी रही। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में क्रमश: 0.83 फीसदी और 0.8 फीसदी का इजाफा हुआ। साप्ताहिक आधार पर मिडकैप और स्मॉलकैप पर केंद्रित सूचकांकों में क्रमश: 2.4 फीसदी व 3.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई।

बीएसई (BSE) में सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण कारोबारी सत्र के दौरान 450 लाख करोड़ रुपये के पार निकल गया था लेकिन अंत में 449.9 लाख करोड़ रुपये (5.4 ट्रिलियन डॉलर) पर टिका।

हफ्ते के दौरान ज्यादातर वैश्विक बाजारों का प्रदर्शन ठीक रहा क्योंकि अमेरिका में महंगाई के नरम आंकड़ों ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सितंबर बैठक में दरों में कटौती की उम्मीद बढ़ा दी है। आईटी व फार्मा इस हफ्ते सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले शेयर रहे और उनके सूचकांकों में क्रमश: 4.5 फीसदी और 3.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि आईटी और फार्मा जैसे लार्जकैप पर सुरक्षात्मक दांव बढ़े। इसकी वजह अमेरिका में महंगाई का घटता दबाव, आय परिदृश्य में सुधार और अमेरिकी 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड में तेज गिरावट आना रही। सरकारी खर्च में तेजी और कंपनियों की बेहतर आय की संभावना अब महंगे भावों को सहारा दे रही हैं। भारतीय बाजार में विदेशी फंडों की वापसी और सितंबर में दर कटौती की उम्मीद बाजार के मनोबल को मजबूत कर रही है।

First Published - July 5, 2024 | 10:10 PM IST

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