Stock Market: भारतीय शेयर बाजारों में हालिया करेक्शन के बावजूद जेफ़रीज़ में इक्विटी रणनीति के वैश्विक प्रमुख क्रिस वुड (Chris Wood) का मानना है कि विदेशी निवेशकों का झुकाव शॉर्ट से मीडियम अवधि में भारत के बजाय चीन के शेयर बाजार की तरफ रह सकता है।
हालांकि, वुड लॉन्ग टर्म नजरिए से भारतीय इक्विटी को लेकर स्ट्रक्चरल रूप से बुलिश हैं। लेकिन शॉर्ट टर्म लिहाज से वह विदेशी निवेशकों (FII) के ऑउटफ्लो की वॉल्यूम और वैल्यूएशन संकट को देखते हुए सतर्क बने हुए हैं।
उन्होंने कहा, उन्हें उम्मीद है कि अगर एफआईआई भारतीय बाजारों की तरफ लौटते हैं तो भारतीय फ्रंटलाइन इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी अगले 12 महीने के आउटलुक से मौजूदा स्तर से 10 से 15 प्रतिशत का रिटर्न दें सकते हैं।
उन्होंने कहा, ”अगर किसी का भारतीय शेयरों में कोई निवेश नहीं है, तो उन्हें अभी से खरीदारी शुरू कर देनी चाहिए। जब पासा पलटेगा तो तेजी बहुत तेज होगी। उन्होंने कहा, ”हम अभी भी भारत में ‘बढ़ते बाजार में बिकवाली’ की स्थिति में हैं, न कि ‘गिरावट पर खरीदारी’ की स्थिति में।”
वुड ट्रेवल और टूरिज्म सेक्टर को लेकर बुलिश हैं। उनका मानना है कि यह अन्य सेक्टर्स की तुलना में बेहतर रिटर्न दे सकता है। सितंबर 2024 के बाद से रियल एस्टेट क्षेत्र के शेयरों में देखे गए तेज करेक्शन के बावजूद उन्होंने अपने लंबे समय से भारत के पोर्टफोलियो में इस क्षेत्र के शेयरों के लिए अपने मौजूदा अलॉटमेंट में कोई बदलाव नहीं किया है।
क्रिस वुड ने नयी दिल्ली में आयोजित बिजनेस स्टैण्डर्ड के बीएस मंथन कहा, ”भारतीय बाज़ारों का वैल्यूएशन अपने पीक के दौरान बहुत ज्यादा था। लेकिन, विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली ने मुझे चौंका दिया है। जबकि एफआईआई की बिक्री का पहला चरण सस्ते चीनी बाजार की ओर फंड रोटेशन से जुड़ा हो सकती है। हालांकि, बिक्री का दूसरा दौर डीपसीक के आसपास सकारात्मक समाचार के चलते देखने को मिला।”
चीन की आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (AI) कंपनी डीपसीक ने अपने सस्ते एआई-आधारित भाषा मॉडल के साथ टेक्नोलॉजी सेक्टर में एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की शक्ति का प्रदर्शन किया।
वुड ने कहा, “इसलिए, अगर किसी इमर्जिंग बाजार फंड मैनेजर ने तब तक चीन के शेयर बाजार में खरीदारी नहीं की थी तो इससे उन्हें ऐसा करने का एक कारण मिल गया।”
उल्लेखनीय है कि अकेले कैलेंडर वर्ष 2025 में विदेशी निवेशकों ने 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक वैल्यू के भारतीय शेयरों को बेच दिया है। इस बीच, म्यूचुअल फंड सहित घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने इस अवधि के दौरान 83,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
वुड ने कहा, चीनी सरकार के समर्थन समेत कई प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच चीन अपने बाजार में ‘फ्लो को सामान्य’ होते देख रहा है। वुड ने कहा, पहले से ही सस्ते चीनी शेयर बाजार 2024 की चौथी तिमाही (Q4-CY24) में निचले स्तर पर आ गए, जब केंद्रीय बैंक ने विशेष रूप से आवास क्षेत्र में मांग को स्थिर करने के लिए प्रोत्साहन दिया, साथ ही सरकार ने कंपनियों से अपने शेयर वापस खरीदने के लिए कहा।
उन्होंने कहा, ”डोनाल्ड ट्रम्प के व्हाइट हाउस में लौटने के साथ मुझे लगता है कि अमेरिका-चीन संबंध बेहतर होंगे और खराब नहीं होंगे क्योंकि ट्रम्प एक कारोबारी व्यक्ति हैं। हालांकि, मेरा विचार यह है कि डोनल्ड ट्रम्प चीन या चीनी लोगों के विरोधी नहीं हैं। वह चीनी व्यापार को अमेरिका में लाने के लिए टैरिफ का इस्तेमाल धमकी के रूप में करेंगे।”