यूटीआई ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के मुख्य निवेश अधिकारी (सीआईओ) वेत्री सुब्रमण्यन का कहना है कि निफ्टी के लिए मूल्यांकन उचित दायरे में है, लेकिन स्मॉल और मिडकैप महंगे हैं। अभिषेक कुमार के साथ टेलीफोन पर एक साक्षात्कार में सुब्रमण्यन ने कहा कि फार्मास्युटिकल और हेल्थकेयर क्षेत्रों का मूल्यांकन उचित है। मुख्य अंश:
अपने परिसंपत्ति आवंटन ढांचे के हिसाब से हम इक्विटी पर तटस्थ हैं। निफ्टी-50 अपने दीर्घावधि औसत से ऊपर कारोबार कर रहा है, लेकिन यह अभी भी ‘कम्फर्ट जोन’ में बना हुआ है। दूसरी तरफ, मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक महंगे दायरे में कारोबार कर रहे हैं। स्मॉलकैप और मिडकैप के मुकाबले लार्जकैप सेगमेंट में ज्यादा संभावनाएं हैं। यदि आप हमारे संतुलित एडवांटेज फंड पोर्टफोलियो को देखें तो समझ जाएंगे कि मौजूदा समय में परिसपंत्ति आवंटन मॉडल के आधार पर हमारा 60 प्रतिशत निवेश इक्विटी से जुड़ा हुआ है। इक्विटी आवंटन का 85 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा लार्जकैप में है। इससे मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में हमारी सतर्कता का पता चलता है।
सीआईओ के नजरिये से एक क्षेत्र ऐसा है जिसे हम पसंद करते हैं। यह है फार्मास्युटिकल एवं हेल्थकेयर क्षेत्र। मूल्यांकन उचित है और इसमें कंपनियां अपनी बैलेंस शीट में सुधार दर्ज कर रही हैं। इसके अलावा, दीर्घावधि वृद्धि परिदृश्य भी मजबूत है। दो अन्य क्षेत्र हैं ऑटोमोबाइल और फाइनैंशियल, जिनमें हालात उचित दिख रहे हैं। हालांकि ये ज्यादा सस्ते नहीं हैं। ये मूल्यांकन के लिहाज से संतुलित हैं। वहीं जो क्षेत्र आकर्षक नहीं दिख रहे हैं, वे हैं पूंजीगत वस्तु और खर्च-आधारित क्षेत्र।
यह उन कुछ क्षेत्रां में से एक है जिनमें हमारा मजबूत रिकॉर्ड वैश्विक तौर पर साबित हुआ है। भारत से सेवा निर्यात हमारे तेल घाटे की तुलना में ज्यादा है। वर्ष 2021 में इस क्षेत्र का मूल्यांकन ज्यादा बढ़ गया था। साथ ही उद्योग को अमेरिका में मंदी की चिंता की वजह से अनिश्चिताओं का सामना करना पड़ा। गिरावट के बावजूद यह क्षेत्र अभी भी सस्ता नहीं है। हम अपने पोर्टफोलियो में आईटी शेयर बढ़ाने के लिए अवसरों पर नजर बनाए रखेंगे। मध्यावधि-दीर्घावधि परिदृश्य मजबूत बना हुआ है। इसके अलावा, इस क्षेत्र का विकास परिदृश्य महामारी-पूर्व की तुलना में बेहतर दिख रहा है।
ऊंचे मूल्यांकन को देखते हुए, बैलेंस्ड एडवांटेज और मल्टी-ऐसेट जैसे हाइब्रिड फंड एकमुश्त निवेश के लिहाज से बेहतर हैं। इन श्रेणियों में, फंड प्रबंधकों को बाजार हालात के आधार पर पूंजी आवंटन बढ़ाने या घटाने की स्वायत्तता है। निवेशकों को ऐसी योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए जो विभिन्न बाजार पूंजीकरण श्रेणियों में निवेश करती हों। फ्लेक्सीकैप, मल्टीकैप और फोक्स्ड इक्विटी ऐसे कुछ प्रमुख विकल्प हैं।
हम ई-कॉमर्स, फिनटेक और डीप टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर जैसे तकनीक-केंद्रित क्षेत्रों में निवेश पर विचार करेंगे। कुछ अन्य क्षेत्र होंगे स्पेशियल्टी केमिकल्स और शोध एवं विकास। इसके अलावा क्लीनटेक स्पेस की कंपनियों पर भी हमारी नजर बनी रहेगी।