वेदांत लिमिटेड (वेदांत) अपनी पैतृक और समूह होल्डिंग कंपनी वेदांत रिसोर्सेज (Vedanta Resources ) को कर्ज घटाने में मदद कर रही है जिससे उसकी स्वयं की बैलेंस शीट पर दबाव दिखना शुरू हो गया है।
वेदांत का एकीकृत सकल ऋण (consolidated gross debt ) वित्त वर्ष 2023 में सालाना आधार पर 24.3 प्रतिशत तक बढ़ गया और मार्च के अंत तक 66,628 करोड़ रुपये की 6 वर्ष की ऊंचाई पर पहुंच गया था। इसी तरह उसका शुद्ध कर्ज वित्त वर्ष 2023 के अंत में सालाना आधार पर 20.3 प्रतिशत तक बढ़कर 45,706 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले के 38,228 करोड़ रुपये से ज्यादा है। यह वित्त वर्ष 2020 के बाद से सर्वाधिक है।
विश्लेषकों ने इसके लिए आय एवं नकदी प्रवाह में बड़ी गिरावट के बावजूद पिछले वित्त वर्ष में खनन एवं धातु कंपनियों द्वारा दिए गए रिकॉर्ड लाभांश (डिविडेंड) को जिम्मेदार बताया है। कंपनी ने मार्च के अंत में 20,922 करोड़ रुपये की नकदी एवं समान निवेश राशि दर्ज की।
कंपनी ने वित्त वर्ष 2023 में 37,758 करोड़ रुपये का इक्विटी लाभांश चुकाया, जो पिछले वित्त वर्ष दर्ज किए गए उसके शुद्ध लाभ से तीन गुना ज्यादा है। इस लाभांश का करीब दो-तिहाई हिस्सा समूह की होल्डिंग कंपनी को प्राप्त हुआ, जिसने कुछ हिस्सा कर्ज चुकाने और अपनी बैलेंस शीट से कर्ज घटाने में इस्तेमाल किया।
अप्रैल में, वेदांत रिसोर्सेज ने घोषणा की कि उसने फरवरी 2023 से अपना कर्ज 3 अरब डॉलर तक घटाया है। वेदांत में प्रमोटरों की 68.11 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
इसके विपरीत, वित्त वर्ष 2023 में वेदांत की नेटवर्थ या शेयरधारक पूंजी में बड़ी गिरावट आई थी, क्योंकि भारी लाभांश भुगतान से आरक्षित और अधिशेष रकम में गिरावट को बढ़ावा मिला। उसकी समेकित नेटवर्थ सालाना आधार पर 38.8 प्रतिशत घटकर 29,419 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले सात वर्षों में सबसे कम है।
इसके परिणामस्वरूप, कंपनी का ऋण-पूंजी अनुपात पिछले साल दोगना से ज्यादा हो गया। एकीकृत सकल ऋण-पूंजी अनुपात वित्त वर्ष 2023 में 2.3 गुना पर पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2022 के अंत में 1.1 गुना था। वहीं शुद्ध कर्ज-इक्विटी अनुपात एक साल पहले के 0.6 गुना से बढ़कर 1.6 गुना हो गया।
वेदांत के वित्तीय अनुपात में बदलाव से क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को अपना नजरिया बदलने के लिए बाध्य होना पड़ा है। क्रिसिल रेटिंग्स ने वेदांत के एनसीडी और दीर्घावधि बैंक देनदारियों पर अपनी रेटिंग स्टैबल से बदलकर निगेटिव कर दी है।
क्रिसिल रेटिंग्स के विश्लेषकों ने कंपनी के बारे में अपनी ताजा रेटिंग रिपोर्ट में कहा है, ‘नजरिये में बदलाव से अनुमान से बेहतर वित्तीय दक्षता की संभावना का पता चलता है।’
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च ने उधारी की बढ़ती लागत पर पुनर्वित्त के जोखिम का जिक्र किया है। वेदांत और वेदांत रिसोर्सेज में में बड़े पैमाने पर कर्ज अदायगी वित्त वर्ष 2024 और वित्त वर्ष 2025 में प्रस्तावित है।
वेदांत की उधारी में तेजी और बैलेंस शीट पर कर्ज वृद्धि ऐसे समय में दर्ज की जा रही है जब उसकी राजस्व वृद्धि में सुस्ती आई है और धातु कीमतों तथा ऊंची ऊर्जा लागत में नरमी से आय में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
वेदांत की समेकित शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2023 में सालाना आधार पर 10.8 प्रतिशत तक बढ़कर 1.45 लाख करोड़ रुपये रही, जो सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2022 में दर्ज 50.8 प्रतिशत वृद्धि के मुकाबले काफी कम है। ब्याज खर्च में भारी वृद्धि, अतिरिक्त उधारी और ब्याज दरों में तेजी की वजह से कंपनी के मुनाफे को भी दबाव का सामना करना पड़ा है।