निफ्टी ने पिछले सप्ताह छह हफ्तों से चली आ रही गिरावट का सिलसिला समाप्त करते हुए करीब 1 फीसदी की बढ़त के साथ 24,631 पर बंद हुआ। तकनीकी विश्लेषकों का कहना है कि बाजार की अगली चाल महत्वपूर्ण समर्थन और प्रतिरोध स्तरों पर निर्भर करेगी। बजाज ब्रोकिंग रिसर्च के अनुसार, सूचकांक 24,350 से 24,750 के सीमित दायरे में एकीकृत हो रहा है।
प्रतिरोध का तात्कालिक स्तर 24,700-24,750 के आसपास दिखाई दे रहा है, जो पिछले दो हफ्तों का उच्चतम स्तर है। 24,750 से ऊपर एक निर्णायक चाल निफ्टी को 25,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर तक ले जा सकती है। नीचे की ओर, 24,337 पर समर्थन का मजबूत स्तर है और आगे की कमजोरी सूचकांक को 24,200-24,000 के स्तर तक नीचे खींच सकती है, जो 200 दिन के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज और हाल के ब्रेकआउट स्तर के साथ मेल खाता है। वेंचुरा सिक्योरिटीज ने 24,600 के आसपास प्रतिरोध की पहचान की है और 24,850-25,007 और 25,165-25,252 के स्तर को बिक्री क्षेत्र बताया है।
स्वतंत्रता दिवस सप्ताहांत के बाद बाजार की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है और इस सप्ताह पांच आरंभिक सार्वजनिक निर्गम जारी होने वाले हैं, जिनसे सामूहिक रूप से करीब 3,600 करोड़ रुपये जुटाए जाने हैं। व्यापक बाजार में कमजोरी के बावजूद इन नए शेयरों के लिए ग्रे मार्केट प्रीमियम 10 से 20 फीसदी के बीच है। इसमें सबसे आगे विक्रम सोलर है, जिसके 2,079 करोड़ रुपये के आईपीओ पर करीब 20 फीसदी का उच्चतम प्रीमियम है।
जेम एरोमैटिक्स, श्रीजी शिपिंग ग्लोबल और पटेल रिटेल के लिए ग्रे मार्केट प्रीमियम क्रमशः 12 फीसदी , 10 फीसदी और 13 फीसदी हैं। रीगल रिसोर्सेज का आईपीओ करीब 25 फीसदी लाभ के साथ सूचीबद्ध होने की उम्मीद है, जबकि ब्लूस्टोन ज्वैलरी ऐंड लाइफस्टाइल निवेशकों की कमजोर प्रतिक्रिया के बाद सपाट खुल सकता है।
करीब एक साल से सेबी की लेखा परीक्षा समिति बिना किसी बाहरी या स्वतंत्र सदस्य के काम कर रही है। प्रोफेसर वी. रवि अंशुमन के जाने के बाद (जो उनके कार्यकाल के दौरान अंशकालिक सदस्य के तौर पर अध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे) समिति की अध्यक्षता अभी एक पूर्णकालिक सदस्य द्वारा की जा रही है।
पिछले सप्ताह जारी सेबी की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, अंशुमन का कार्यकाल 19 अगस्त, 2024 को समाप्त हो गया और उसके बाद से किसी बाहरी सदस्य की नियुक्ति नहीं की गई है। परंपरागत रूप से लेखा परीक्षा समिति सेबी के वित्तीय विवरणों की समीक्षा करती है और प्रबंधन एवं आंतरिक लेखा परीक्षकों, दोनों के साथ मिलकर काम करती है। रिपोर्ट इस बात की पुष्टि करती है कि अब समिति में केवल पूर्णकालिक सदस्य शामिल हैं।