नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने वाले म्युचुअल फंड वितरकों ने हालिया अपग्रेड के बाद कई तरह की समस्याओं की शिकायत की है। वितरकों के देशव्यापी संगठन फीफा इंडिया के मुताबिक अपडेटेड सिस्टम से डेटा सुरक्षा, क्लाइंट मैपिंग, लेनदेन की प्रक्रिया और भुगतान को लेकर चिंता हुई है। प्रमुख मसलों में से एक है क्लाइंटों की दोषपूर्ण मैपिंग।
एसोसिएशन ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, क्लाइंट मैपिंग सही ढंग से नहीं की गई है। मुख्य ब्रोकर के तहत आने वाले सभी क्लाइंट सभी सब-ब्रोकरों को दिखाई देते हैं। यह डेटा सुरक्षा का गंभीर उल्लंघन है। पहले के प्लेटफ़ॉर्म में ऐसा नहीं था।
जवाब में एनएसई ने कहा है कि यह प्लेटफॉर्म बिना किसी रुकावट के काम कर रहा है। इसे 25 अगस्त को पुराने सिस्टम के अपडेटेड वर्जन के रूप में दोबारा लॉन्च किया गया था। एक्सचेंज ने कहा, सभी लेन-देन सुचारु रूप से हो रहे हैं। उसने यह भी कहा कि पिछले छह महीनों में उसने व्यापक रूप से ऑनलाइन और ऑफलाइन डेमो सत्र आयोजित किए हैं।
बयान में कहा गया है, प्लेटफॉर्म ने संतोषजनक ढंग से काम किया है और बहुत कम कुछ खास शिकायतें मिली हैं जिन्हें हल कर दिया गया है। हमने 7 फरवरी से 14 अगस्त, 2025 तक पिछले साढ़े 6 महीनों में सैकड़ों ऑनलाइन और ऑफलाइन डेमो सत्र आयोजित किए हैं और प्रतिभागियों ने उनकी सराहना की है।
उन्नत प्लेटफॉर्म में उसी दिन के शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) कट-ऑफ के लिए 30 मिनट का विस्तार (दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 1 बजे तक), दोहरा प्रमाणीकरण और अतिरिक्त बैंकिंग विकल्प जैसी सुविधाएं प्रदान की गई हैं।
फीफा इंडिया के पोस्ट पर कोटक महिंद्रा एएमसी के एमडी नीलेश शाह समेत फंड उद्योग के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिक्रिया दी। शाह ने कहा, इस ओर हमारा ध्यान आकर्षित करने के लिए धन्यवाद। हम मिलकर यह सुनिश्चित करेंगे कि म्युचुअल फंड निवेश करना शेयरों में निवेश जितना ही आसान बना रहे।